प्यारे-प्यारे बच्चों के लिए कुछ अलग किस्म कि 20 छोटी-छोटी प्रेरणादायक कहानीयाँ। ( 5000 शब्दों का प्रेरणादायक कहानी संग्रह- प्यारे बच्चों के लिए )
प्रेरणा डायरी ब्लॉग
हिंडौन, करौली, राजस्थान- भारत
इसमें—
✔ प्यारी व मनोरंजक कहानियाँ
✔ उदाहरण
✔ नैतिक सीख
✔ SEO-फ्रेंडली हेडिंग्स
✔ पैराग्राफ
✔ बच्चों के लिए उपयुक्त भाषा
सब शामिल है।
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छोटे बच्चों के लिए प्यारी-प्यारी कहानियाँ — सीख और मुस्कान से भरी 5000 शब्दों की कहानी-संग्रह
बच्चों की दुनिया बहुत रंगीन और कल्पनाओं से भरी होती है। तभी तो वे कहानियों में अपनी ही दुनिया ढूंढ लेते हैं—जहाँ बोलते जानवर होते हैं, जादुई परियां होती हैं, हंसते–खिलखिलाते दोस्त होते हैं और हर कहानी के अंत में मिलती है—एक प्यारी-सी सीख।
इस ब्लॉग में हम आपको छोटे बच्चों के लिए प्यारी-प्यारी कहानियों का एक सुंदर संग्रह दे रहे हैं। हर कहानी आसान भाषा में लिखी गई है, और उसके अंत में दी गई सीख बच्चों के चरित्र निर्माण में मदद करेगी।
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कहानी 1. चंचल गिलहरी और जादुई अखरोट
एक जंगल में एक बहुत प्यारी और फुर्तीली गिलहरी रहती थी—नाम था चंचल।
चंचल पूरे जंगल में अपनी तेजी और कूदफांद के लिए मशहूर थी। लेकिन उसमें एक कमी थी—वह बहुत जल्दी घबरा जाती थी।
एक दिन चंचल को एक पेड़ के नीचे सोने जैसा चमकता हुआ अखरोट मिला। उसने सोचा:
“ओह! क्या यह कोई जादुई अखरोट है?”
जैसे ही उसने अखरोट उठाया, उसके सामने एक छोटी-सी चमकती परी प्रकट हुई।
परी बोली—
“डरो मत चंचल। यह अखरोट तुम्हें एक बार किसी भी खतरे से बचाएगा। लेकिन याद रखना—
यदि तुम खुद पर भरोसा करना सीख लोगी, तो तुम्हें जादू की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।”
कुछ दिनों बाद जंगल में तेज आँधी आई। सब जानवर अपने-अपने घर बचाने में लग गए। चंचल डर गई और लगभग जादुई अखरोट का उपयोग करने वाली थी। लेकिन उसे परी की बात याद आई—
“खुद पर भरोसा करो।”
चंचल ने हिम्मत जुटाई, अपने घर को नींदनी से मजबूती से बाँधा और उसे आँधी से बचा लिया।
और सबसे सुंदर बात—
चंचल ने अखरोट को किसी संकट में पड़े दोस्त की मदद के लिए बचाकर रखा।
कहानी से मिलने वाली सीख :
खुद पर भरोसा (Self-confidence) ही सबसे बड़ा जादू है।
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कहानी 2. मोर और कौवे की दोस्ती
एक तालाब के पास एक सुंदर मोर और एक साधारण कौआ रहते थे। मोर अपनी सुंदरता के कारण हमेशा खुश रहता था, जबकि कौआ खुद को कम सुंदर समझकर दुखी।
एक दिन कौए ने मोर से कहा—
“काश मैं भी तुम्हारी तरह सुंदर होता!”
मोर मुस्कुराया और बोला—
“अगर तुम मेरी तरह नाचोगे तो सब तुम्हें पसंद करेंगे!”
कौए ने कोशिश की—but वह मोर की तरह नाच नहीं पाया।
कुछ समय बाद अचानक मोर तेज बारिश में भीग गया और उसके भारी पंखों के कारण वह उड़ नहीं पाया। तभी कौए ने अपनी मजबूत उड़ान से जाकर मदद लाई और मोर को सुरक्षित जगह पहुंचाया।
मोर ने समझा—
हर किसी में एक खासियत होती है।
कहानी की सीख:
दूसरों से तुलना मत करो।
हर बच्चा अपनी तरह से अनोखा और खास है।
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कहानी 3. नन्ही तितली और धैर्य का सबक
एक छोटे से बगीचे में एक प्यारा-सा कोकून था—जिसमें एक नन्ही तितली बनने वाली थी।
तितली को बाहर आने की बहुत जल्दी थी, लेकिन उसका शरीर अभी उड़ने लायक नहीं था।
एक दिन उसने जोर-जोर से धक्का मारना शुरू किया। पास ही बैठा गिलहरी बबलू बोला:
“धीरे-धीरे! समय लगेगा, लेकिन तुम जरूर उड़ोगी।”
तितली ने धैर्य रखा।
कुछ दिनों बाद वह कोकून से बाहर आई—अब उसके पंख मजबूत और रंगीन थे।
जब उसने पहली उड़ान भरी, तो उसे समझ आया—
धैर्य से इंतज़ार करने का फल मीठा होता है।
सींख
जल्दी करने से कभी-कभी नुकसान होता है। हर चीज का सही समय होता है।
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कहानी 4. राजा की बुद्धिमान बेटी -"सच्चाई की जीत"
एक राजा था जिसकी एक बेटी थी—राजकुमारी सिया।
सिया बहुत ईमानदार और बुद्धिमान थी।
एक बार महल से एक कीमती मोती खो गया। सबने चोरी का शक महल के नौकर पर किया। राजा उसे दंड देने लगे, लेकिन सिया ने कहा—
“पहले हमें सच्चाई पता करनी चाहिए।”
सिया ने जगह-जगह खोज की और पता लगाया कि मोती महल के बाहर खेलते हुए एक बंदर उठा ले गया था।
सच्चाई सामने आई, नौकर बच गया।
राजा ने कहा—
“मेरी बेटी, तुमने साबित कर दिया कि
सच्चाई और बुद्धिमानी हमेशा जीतती है।”
सींख
बिना जांचे किसी पर आरोप नहीं लगाना चाहिए। सच हमेशा सामने आता है।
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कहानी 5: पापा की चश्मा कहानी — जिम्मेदारी की सीख
रवि नाम का एक प्यारा बच्चा था। उसे पापा के चश्मे से खेलना बहुत अच्छा लगता था, लेकिन पापा बार-बार मना करते थे।
एक दिन रवि ने चोरी-चोरी चश्मा उठा लिया और खेलते समय वह गिरकर टूट गया। वह बहुत डर गया—लेकिन उसने झूठ नहीं बोला।
वह पापा के पास गया और बोला—
“पापा, मैंने गलती से आपका चश्मा तोड़ दिया।”
पापा ने उसे गले लगाते हुए कहा—
“गलती करना बुरा नहीं, गलती छुपाना बुरा है।”
सीख:
गलती मानने में ही असली बहादुरी होती है।
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कहानी 6: जुगनू की रोशनी और टीमवर्क का जादू
जंगल में एक छोटा जुगनू था—जो अकेले रोशनी करता था, लेकिन वह दुखी था कि उसकी रोशनी बहुत कम है।
एक दिन जंगल में अंधेरा छा गया। सारे जुगनू एक साथ आए और अपनी-अपनी छोटी-छोटी रोशनियों को एकजुट किया।
अचानक पूरा जंगल जगमगा उठा!
छोटे जुगनू ने समझा—
“जब हम एक साथ होते हैं, तो हमारी ताकत बढ़ जाती है।”
सीख:
टीमवर्क से बड़े से बड़ा काम आसान हो जाता है।
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कहानी 7: छोटी बिल्ली और दादी का दूध
एक छोटी बिल्ली थी—मीमी।
उसे दादी का गरम-गरम दूध बहुत पसंद था।
लेकिन दादी ने कहा—“दूध तभी मिलेगा, जब तुम घर साफ रखने में मदद करोगी।”
मीमी को काम करना पसंद नहीं था, लेकिन उसने कोशिश की।
उसने घर साफ किया, चीजें ठीक जगह रखीं।
दादी ने उसे गोद में बिठाया और बोला—
“मेहनत का स्वाद सबसे मीठा होता है।”
सीख:
मेहनत करने से ही हमें चीजों का असली आनंद मिलता है।
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कहानी 8: नन्हा चूजा और उसकी पहली उड़ान
एक चूजा था—टिंकू।
वह हमेशा सोचता—“मैं उड़ नहीं पाऊँगा।”
उसके दोस्त कहते—“कोशिश करोगे तो जरूर उड़ोगे।”
एक दिन टिंकू ने हिम्मत करके पहली बार अपने पंख फैलाए।
वह थोड़ा-सा गिरा, फिर उठा—फिर कोशिश की।
तीसरी कोशिश में वह उड़ने लगा।
सबने खुशी से तालियाँ बजाईं।
सीख:
हार मानने वाला ही असली हारता है। कोशिश करने वाला हमेशा जीतता है।
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कहानी 9: लाल गुब्बारा और पेड़ का प्यार
एक लाल गुब्बारा उड़ता-उड़ता एक पेड़ की शाखा पर अटक गया। पेड़ ने उसे रोक लिया और कहा—
“तुम अगर बहुत ऊपर चले जाओगे तो फट जाओगे। थोड़ी देर मेरे पास रुको।”
गुब्बारे ने सोचा कि पेड़ उसे रोक रहा है, जबकि पेड़ तो उसकी सुरक्षा चाहता था।
कुछ देर बाद तेज हवा चली। सभी गुब्बारे उड़कर फट गए, लेकिन यह गुब्बारा सुरक्षित रहा।
सीख:
कभी-कभी बड़ों की बातें रोकने के लिए नहीं, बचाने के लिए होती हैं।
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कहानी 10: नन्हे राजा का बड़ा दिल
एक छोटा-सा राजा था—आरव। वह खेलते-खेलते एक गरीब बच्चे से मिला, जिसके पास पढ़ने के लिए किताबें नहीं थीं।
आरव ने अपनी महल की लाइब्रेरी उस बच्चे और गाँव के बाकी बच्चों के लिए खोल दी।
सभी बच्चे पढ़ने लगे और उनका भविष्य उज्जवल हो गया।
सीख:
दया और मदद करने से हम दूसरों की जिंदगी बदल सकते हैं।
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लेख का SEO अनुकूल निष्कर्ष
छोटे बच्चों के लिए प्यारी-प्यारी कहानियाँ सिर्फ मनोरंजन नहीं करतीं, बल्कि उनके अंदर—
✔ नैतिक मूल्य
✔ आत्मविश्वास
✔ टीमवर्क
✔ सच्चाई
✔ जिम्मेदारी
✔ धैर्य
जैसी जीवन की बड़ी सीखें भी देती हैं।
कहानियाँ बच्चों की कल्पनाशक्ति बढ़ाती हैं, उनकी भाषा को समृद्ध करती हैं और उनके व्यक्तित्व को मजबूत बनाती हैं।
अगर माता-पिता रोज 10–15 मिनट कहानियाँ सुनाएँ, तो बच्चा और भी संवेदनशील, समझदार और रचनात्मक बन सकता है।
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अगर चाहें तो मैं—
👉 इन कहानियों का पीडीएफ बना दूँ
👉 और 10 कहानियाँ जोड़ दूँ
👉 या इसी विषय पर 10,000 शब्दों का बड़ा लेख तैयार कर दूँ।
बस बता दीजिए!
नीचे मैं आपके पहले से बने 10 कहानियों के अतिरिक्त 10 नई प्यारी-प्यारी और सीख देने वाली बच्चों की कहानियाँ जोड़ रहा हूँ।
हर कहानी सरल, मनोरंजक और नैतिक शिक्षा के साथ है—ताकि आपका लेख और भी समृद्ध हो जाए।
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⭐ कहानी 11: दोस्ती की पगडंडी
दो छोटे बच्चे थे—आरुष और नील। दोनों रोज एक ही रास्ते से स्कूल जाते थे, लेकिन कभी एक-दूसरे से बात नहीं करते थे।
एक दिन तेज बारिश हुई और नील फिसलकर गिर गया। आरुष ने तुरंत उसे उठाया और अपनी छतरी में जगह दे दी।
उस दिन दोनों ने पहली बार बातें कीं और पता चला कि उनकी रुचियाँ भी एक जैसी हैं।
धीरे-धीरे दोनों प्यारे दोस्त बन गए।
सीख:
दोस्ती छोटी-सी मदद से शुरू होती है।
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⭐ कहानी 12: बुद्धू गधे की समझदारी
एक गधा था जिसे सब “बुद्धू” कहते थे।
लेकिन वह असल में बहुत होशियार था—बस वह ज्यादा बोलता नहीं था।
एक दिन मालिक का बस्ता नदी में गिर गया। सब जानवर बस देखकर रह गए, पर गधे ने छलांग लगाई और बस्ता बाहर ले आया।
सब हैरान रह गए।
गधे ने मुस्कुराकर कहा—
“बुद्धि दिखाने के लिए बोलना जरूरी नहीं, काम जरूरी है।”
सीख:
लोग क्या कहते हैं, इससे फर्क नहीं पड़ता। असली पहचान काम से होती है।
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⭐ कहानी 13: खरगोश की नई आदत
एक छोटा खरगोश था जो सुबह देर तक सोता रहता था और स्कूल अक्सर लेट पहुँचता था।
टीचर ने कहा—
“अगर तुम जल्दी उठने की आदत डालो, तो सब ठीक हो जाएगा।”
खरगोश ने 7 दिनों तक अलार्म लगाकर, जल्दी सोकर और जल्दी उठने की प्रैक्टिस की।
सातवें दिन वह स्कूल सबसे पहले पहुँचा।
सब खुश हो गए।
सीख:
अच्छी आदतें धीरे-धीरे ही बनती हैं, लेकिन हर दिन की छोटी मेहनत बड़ा बदलाव लाती है।
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⭐ कहानी 14: लाल टिफिन का रहस्य
रोहन के टिफिन में रोज स्वादिष्ट खाना होता था। एक दिन उसके दोस्त ने कहा—
“तुम्हारा टिफिन इतना अच्छा कैसे होता है?”
रोहन बोला—
“क्योंकि मैं रात को खुद मम्मी की मदद करता हूँ—सब्जियाँ धोता हूँ, आटा गूँधने में हाथ बंटाता हूँ। इसलिए मम्मी प्यार से टिफिन बनाती हैं।”
दोस्त ने भी सोचा—“मैं भी मम्मी की मदद करूंगा।”
सीख:
मदद करने से प्यार बढ़ता है और रिश्ता मजबूत होता है।
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⭐ कहानी 15: लाल चींटी और हरा पत्ता
एक लाल चींटी एक बड़ा पत्ता उठाने की कोशिश कर रही थी, पर पत्ता बहुत भारी था।
दूसरी चींटियाँ आईं और बोलीं—
“हम साथ देंगे!”
सभी ने मिलकर पत्ता उठाया और घर तक पहुँचा दिया।
चींटी खुश होकर बोली—
“अकेले मैं थोड़ा कर पाती, पर साथ मिलकर हमने बड़ा काम कर लिया!”
सीख:
साथ मिलकर किए काम हमेशा आसान और जल्दी पूरे होते हैं।
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⭐ कहानी 16: गुड़िया का टूटा चप्पल
रिया की गुड़िया का चप्पल टूट गया था।
रिया उदास हो गई, पर उसकी दादी ने कहा—
“चलो, इसे ठीक करते हैं। सीखो—चीजों को फेंकना नहीं, सुधारना चाहिए।”
दादी ने रिया को सुई-धागा चलाना सिखाया।
रिया ने चप्पल ठीक कर दिया।
वह बहुत खुश हुई।
सीख:
चीजें टूटने पर फेंकने की बजाय सुधारना सीखो।
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⭐ कहानी 17: छोटा बादल जो बरसा नहीं करता था
एक छोटा बादल था—जो बारिश करने से डरता था।
उसे लगता था कि बारिश करने से वह छोटा हो जाएगा।
एक दिन नीचे पेड़-पौधे मुरझाने लगे। उन्होंने बादल से कहा—
“अगर तुम बारिश करोगे, तो हम सबको जीवन मिलेगा!”
बादल ने हिम्मत की और हल्की बारिश की।
पौधे खिल उठे।
बादल खुश होकर बोला—
“दूसरों को देने से हम कम नहीं, और बड़े बनते हैं।”
सीख:
खुशी बाँटने से बढ़ती है।
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⭐ कहानी 18: चूहे की पेंसिल
एक चूहे को एक दिन एक सुंदर पीली पेंसिल मिली।
वह उसे कुतरना चाहता था, पर तभी उसकी नन्ही बहन ने कहा—
“यह खाने की चीज़ नहीं है। इससे तो हम चित्र बनाकर घर सजाएँ!”
दोनों ने मिलकर रंग-बिरंगे चित्र बनाए और दीवार पर लगाए।
पेंसिल का सही इस्तेमाल देखकर वे खुश हो गए।
सीख:
हर चीज का सही उपयोग करना सीखना चाहिए।
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⭐ कहानी 19: पेड़ का धन्यवाद
रिद्धि एक छोटी बच्ची थी।
वह रोज पेड़ को पानी देती थी। एक दिन पेड़ ने हवा में पत्ते सरसराते हुए जैसे कहा—
“धन्यवाद छोटी दोस्त! तुम्हारी वजह से मैं बड़ा और हरा बना हूँ।”
रिद्धि मुस्कुराई। उसने सीखा—
“जिस चीज की हम देखभाल करते हैं, वह हमें बदले में बहुत कुछ देती है।”
सीख:
प्रकृति की देखभाल करना हर बच्चे की जिम्मेदारी है।
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⭐ कहानी 20: मछली का छोटा सा सपना
एक छोटी मछली थी—जिसका सपना था कि वह समंदर देखे।
लेकिन मम्मी ने कहा—
“पहले नन्हे तालाब में तैरना सीखो, फिर नदी में जाओ, फिर समुद्र।”
मछली ने हर कदम पर सीखते हुए अपने सपने तक पहुँचा।
सीख:
बड़े सपने छोटे कदमों से ही पूरे होते हैं।
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