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बांग्लादेश - क्यों हुआ बांग्लादेश में सियासी तखता -पलट और क्या होंगें इसके भारत पर असर..? भारत विरोधी ताकतों को बढ़त...सतर्कता जरूरी।

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प्रेरणा डायरी। टुडावली, राजस्थान - 321610   प्रेरणा डायरी  कि आज की पोस्ट में आप सभी का दिल से स्वागत करता हूं। एशिया महाद्वीप और भारत के पूर्वी पडोसी,  छोटे से देश- बांग्लादेश ने भारत समेत दुनिया भर के देशों के लिए मोटा संकट पैदा कर दिया है। बांग्लादेश भारत का पड़ोसी देश है और दोनों के संबंध सौहार्दपूर्ण रहे हैं। कभी-कभी पाकिस्तान के बहकावे में आकर कुछ सरकारों ने जरूर भारत विरोधी गतिविधियों में भाग लिया, पर अमूमन दोनों देशों के मध्य शांतिपूर्ण और सहयोगात्मक संबंध रहे हैं। पर दो दिन पूर्व यानी 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश के सियासी इतिहास में एक नया घटनाक्रम घटा, शेख हसीना का तख्ता पलट हो गया और उन्हें देश छोड़कर भागना पड़ा। बांग्लादेश में ए स्थिरता और अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसका प्रभाव पूरे दक्षिण एशिया और खासकर भारत पर पढ़ना लाजमी है। यह एक ताजा वैश्विक मुद्दा है। इसीलिए  प्रेरणा डायरी कि आज की पोस्ट में बांग्लादेश में हुए सियासी उलट फेर की पूरी चर्चा करेंगे।  बांग्लादेश के सियासी उलट-फेर भारत को किस तरह प्रभावित करेंगे..? इस बात की भी पूरी...

बांग्लादेश में भारी राजनीतिक संकट और उपद्रव .. अब क्या भविष्य है बांग्लादेश और शेख हसीना का। अब बांग्लादेश में सैन्य शासन की आहट। ( "करंट फ्रंट" - प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए )

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प्रेरणा डायरी टुडावली राजस्थान 32 1610 5 अगस्त 2024  -- बांग्लादेश -- भारत के पड़ोस में उत्पन्न हुआ एक बड़ा राजनीतिक संकट..? -- इस्तीफा देकर भारत पहुंची है पदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना। -- सेना ने संभाली सत्ता कहा, अंतरिम सरकार -शीघ्र। -- दुनिया की सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाली महिला है शेख हसीना। -- पड़ोसी देश में मची उत्तल-पुथल पर फूंक - फूक कर कदम उठा रहा है भारत।  बांग्लादेश मैं बेकाबू होते छात्र आंदोलन ने कल सरकार को उलट पलट कर देने वाला उग्र रूप धारण कर लिया। इस विवाद ने इतना बड़ा रूप धारण कर लिया कि  सरकार को अपना इस्तीफा देकर प्रधानमंत्री शेख हसीना को 45 मिनट में बांग्लादेश छोड़कर इंडिया में शरण लेनी पड़ी। बांग्लादेश में विवादास पद आरक्षण नीति को लेकर सरकार विरोधी हिंसक आंदोलन के बीच सोमवार को सी ने प्रधानमंत्री शेख हसीना से इस्तीफा लेकर उन्हें देश से निर्वासित कर दिया। आंदोलनकारी भीड़ को काबू में करने के सारे उपाय विफल रहे। सेवा प्रमुख जनरल वर्कर उल जमाने कहा कि हमने सभी राजनीतिक दलों से चर्चा के बाद अंतिम सरकार बनाने का फैसला किया है। स्थिति को सुलझाने...