विजयादशमी ( दशहरा)-- चरित्र और सत्य कि विवेचना का पर्व, एक प्रेरणादायी लेख।
हिण्डौन सिटी (राजस्थान)भारत प्रेरणा डायरी ब्लॉग, prernadayari.com आज कि पोस्ट विजयादशमी (दशहरा) के त्योहार पर आधारित एक प्रेरणा दायक (Motivational) लेख है। जो राम और रावण जैसे महान चरित्रों से शिक्षा प्राप्त करने के लिए है। विजया दशमी हमें चरित्र ,सत्य एवं व्यक्तित्व कि तुलना का अवसर प्रदान करने वाला है। यह केवल रावण वध का त्योहार नही है। यह " बुराई पर अच्छाई कि जीत का प्रतिक है। हमें हमारी संस्कृति के दर्शन कराता है। रावण चाहे लाख शक्तिशाली था पर उसे सत्य और धर्म के पुजारी श्री राम के सामने पराजित होना। महाभारत में भी सत्य का साथ देने वाले पांडव पुत्रों की विजय हुई थी। अन्याय और बुराई के मार्ग पर अग्रसर होने वाले कौरव विनाश को प्राप्त हुए। राम हिंदू धर्म और संस्कृति के एक अद्भुत अवतार थे. मनुष्य के रूप में अद्वितीय थे। श्री राम मनुष्य योनि में थे, पर देवता और ईश्वरीय तत्वों से युक्त थे। वे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम थे। क्या फ़र्क है राम और रावण में : ----- आचरण श्रीराम और रावण को मानवीय धरातल पर अलग-अलग क...