पहलगाम हमले के बाद - चरमरा रहें है पाकिस्तान के आंतरिक हालात...और बन रही है भारत की बात। (अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे -"करंट फ्रंट" प्रतियोगी छात्रों के लिए )



 प्रेरणा डायरी ब्लॉग
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 टुडावली, करौली, राजस्थान - 32 16 10  भारत 

 पहलगाम हमले के बाद -- पाकिस्तान के ध्वस्त होते हुए हालातो का.. भारत को उठाना होगा लाभ। 

  फोटो -  केदार लाल ( सिंह साब )चीफ एडिटर प्रेरणा     डायरी ब्लॉग। 


 सभी पाठकों को प्यार भरा प्रणाम और स्वागत। दोस्तों, कश्मीर की खूबसूरत वादियों से मंत्र मुग्ध होकर मुगल 
बादशाह जहांगीर ने फारसी में कहा था कि 

'"गर फिरदौस बर रुए ज़मीं अस्त, 
हमीं अस्त, हमीं अस्त, हमीं अस्त' 

अर्थात अगर धरती पर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है, यहीं पर है और सिर्फ यहीं पर है। यह शेर उन्होंने कश्मीर के लिए कहा है। कश्मीर ही वह जगह है जिसे पूरी धरती का स्वर्ग माना जाता है। पर्यटक, प्रकृति प्रेमी, और सैलानियों के लिए कश्मीर को जन्नत माना जाता है। मैं खुद कश्मीर की खूबसूरत वादियों का दीवाना हूं, हालांकि मैं कश्मीर ज्यादा नहीं गया हूं। पर हिमालय की गोद में बसे इस अनोखी सुंदरता वाले राज्य में "जो भी घूमने जाता है, वो वहीं का होकर रह जाता है।"

 बैसरन घाटी की बर्बरता ने हिलाया दुनिया को   

 पहलगाम की बेसन घाटी जिसे मिनी स्विट्ज़रलैंड के नाम से जाना जाता है, यहां पर पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले ने अपनी क्रूरता, बेरहमी और बर्बरता ने सारी हदें पार कर दी। पाकिस्तान की इस नापाक हरकत से पूरा हिंदुस्तान उबल रहा है। भारतीय नागरिकों का खून खौल रहा है हर देशवासी जाता है कि जिस किसी ने यह करना कृति किया है उसे ऐसी सजा मिली कि दुनिया के किसी भी कोने से भारत के खिलाफ ऐसी सा जिसे रचने वालों की रू कहां पर उठे। पर से सबसे बड़ा सवाल यह है- क्या यह संभव है..? और यदि हां तो कैसे..?  पुलवामा के बाद हम सर्जिकल स्ट्राइक कर चुके हैं। क्या अभी भी भारत में एक सर्जिकल स्ट्राइक करेगा..?और यदि करेगा तो इसका आकार कैसा होगा..? यह किस लेवल पर होगी और क्या प्रतिक्रिया स्वरूप पाकिस्तान के जवाब देने पर यह सर्जिकल स्ट्राइक की युद्ध में बदल सकती है जिसकी पूरी संभावना भी है। ऐसी स्थिति में भारत के पास क्या रणनीति रहेगी..? क्या भारत और पाकिस्तान एक बड़ी लड़ाई लड़ने के हालातो में है..? ऐसे दर्जनों सवाल हमारे मन में उत्पन्न होते हैं। 
 
 बेशरन हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत के साथ

 इस बात से मैं इनकार नहीं करता कि सर्जिकल स्ट्राइक या कुछ आतंकियों को ढूंढ कर सजा देना पाकिस्तान का सही इलाज नहीं है। क्योंकि वह बार-बार ऐसी नापाक हरकतें जानबूझकर अंजाम देता है। पड़ोसी देश पाकिस्तान धार्मिक उनमाड़, आतंकवाद, और कट्टरता की फैक्ट्री बना हुआ। 1991 के युद्ध के समय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने साफ शब्दों में कहा था कि-"भारत का एक पड़ोसी देश पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री में तब्दील हो चुका है". इसलिए इस बात की जरूरत है कि पाकिस्तान को सर्जिकल स्ट्राइक से भी कुछ बड़ा सबक सिखाए जाने की जरूरत है। गृह मंत्रालय रक्षा मंत्रालय विदेश मंत्रालय और पीएमओ में जिस तरह से बैठकों का दौर चल रहा है उसे जाहिर भी होता है कि कुछ होगा जरूर … और फिर वही सवाल उठता है कि " क्या होगा..? और कैसे होगा..?   दोस्तों मैं आपको बताना चाह रहा हूं कि भारत इस बार सर्जिकल स्ट्राइक से बड़ा करने का पूरा प्लान तैयार कर रहा है। डिप्लोमेटिक हमले के साथ-साथ भारत सैन्य कार्रवाई करने की तैयारी में छूट गया है। 
 बेसन घाटी हमले के एक दिन बाद ही डिप्लोमेटिक रूप से भारत ने पाकिस्तान को आइसोलेट करने में कामयाबी हासिल कर ली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित दुनिया की सभी बड़ी शक्तियां इस वक्त भारत के साथ खड़ी दिख रही है। यूएनएससी ने तो हत्याओं की जिम्मेदारों को जवाब दे ठहरने के लिए सभी देशों से अपील की है कि वह अपने-अपने स्तर पर इस मामले पर सहयोग करें। अब देखना यह होगा कि भारत इस लाभ का फायदा कैसे उठ पाता है..? मैं देखता हूं कि कई बार हमारे सामने एक सवाल आकर खड़ा हो जाता है, कि यदि लड़ाई लंबी चलती है और पाकिस्तान एक हारा हुआ मुल्क बनने के कगार पर चला जाता है तब ऐसी स्थिति में क्या वह परमाणु हथियारों का प्रयोग करेगा..? मेरे बजरिया से इस बात से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि पाकिस्तान अक्सर ऐसे हालातो में परमाणु युद्ध की धमकियां देता है वह इसका एक प्रोपेगेंडा। कारगिल युद्ध के समय मैंने देखा था की मां के बड़े-बड़े सेवा के अवसर और नेता परमाणु हथियारों की धमकी देते रहे। सच तो यह है कि यह वक्त छोटी बड़ी डिप्लोमेटिक कारवायिका नहीं है बल्कि पाकिस्तान को कठोर सबक सिखाने का वक्त है। 

 "भारत युद्ध नहीं, बुद्ध का देश" - पर दुश्मनों को कड़े संदेश --

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुके हैं कि भारत युद्ध का नहीं बल्कि बुद्ध का देश है, पर यह भी नहीं भूलना चाहिए कि हम जितना सहन कर सकते थे उसे कहीं अधिक सहन कर चुके हैं। जब तक पाकिस्तानी फौज आतंकी संगठन और कट्टरपंथियों की तथा आतंक की सोच फैलाने वाले लोगों की कमर नहीं टूटेगी तब तक शांति की अपेक्षा करना ना इंसाफी है। पाकिस्तान का मर्म है वहां की सेवा और जब तक इस मर्म पर चोट नहीं करेंगे तब तक इसका परमानेंट इलाज नहीं हो सकेगा। 

 कई मोर्चो पर घिरा हुआ है पाकिस्तान  --

 इस वक्त पाकिस्तान देश के भीतर कई मूंछों पर गिरा हुआ है वह आर्थिक एवं राजनीतिक स्थिरता की सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है उसकी इकोनामी आईसीयू में है अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा स्वीकृत 7 बिलियन डॉलर के बेल आउट सऊदी पर भी संकट मंद रहा है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ध्वस्त है। बलूचिस्तानियों ने विद्रोह कर रखा है। भारत के साथ बच्चा कुछ व्यापार भी बंद होने के कगार पर है। पानी को लेकर पहले से ही पाकिस्तान की आवाम सड़कों पर है। महंगाई भ्रष्टाचार कमजोर अर्थव्यवस्था और खाली खजाने के कारण वह जंग में ज्यादा देर तक टिक नहीं सकेगा और आर्थिक रूप से खोखला पाकिस्तान शुरुआती झटको में ही भरभरा कर ढह जाएगा। बलोच अलगाववादी आंदोलन पाकिस्तान के अस्तित्व के लिए खतरा बना हुआ है इस साल मार्च में जफर एक्सप्रेस के हाईजैक के बाद बलूच लिबरेशन आर्मी के हौसले साथ में आसमान पर हैं। पाकिस्तानी सैनिकों को मौत के घाट उतार कर बा लेने स्पष्ट तौर पर पाक सरकार को चेता दिया कि स्वतंत्र बलूचिस्तान की मांग को बलपूर्वक दबाना मुश्किल है। 
 खैबर और पख्तूनख्वा में भी स्थिरता है। इस इलाके मे "तहरीक-ए- तालिबान" नामक आतंकवादी संगठन सक्रिय है जो पाकिस्तान सुना के लिए सर दर्द बना हुआ है। ऐसे में भारत को अपने हाइब्रिड युद्ध की क्षमता को बढ़ाना चाहिए यानी सैन्य कार्रवाइयों से इतर दुश्मन को अलग-अलग मोचन पर कमजोर करने की नीति अपनानी होगी। फिलहाल के हालातो में हमें यह दिखाता हुआ भी नजर आ रहा है भारत एयर फोर्स, थल सी तथा अरब सागर में नौसेना सक्रिय दिखाई दे रही है यानी भारत अगर एक साथ कई मूंछों को खोलकर पाकिस्तान को गिरता है तो यह भारत को बढ़त प्रदान करने वाला कदम होगा। हालांकि भारत पड़ोसी देशों के आंतरिक मामलों में दखल नहीं करने की नीति पर चलता है पर पाकिस्तान जैसे नापाक देश को सबक सिखाने के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और बलूचिस्तान में भारतीय समर्थक लोगों की मदद करनी चाहिए और उन्हें संसाधनों की सप्लाई करना चाहिए ताकि पाकिस्तान पर चोट पहुंचाई जा सके और उसे रणनीतिक तथा सैनिक रूप से कमजोर किया जा सके। 

 फंडिंग रोकने की जरूरत --

 पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए कई हिस्सों से आने वाली फंडिंग पर प्रहार करना होगा। पाकिस्तान की फंडिंग चैन पर बाधा उत्पन्न करनी होगी। आतंक के हर स्रोत पर नजर रखकर उसे बंद करना होगा। मुझे आप भी याद है कि एक जमाने में कश्मीर के जितना आतंकवाद पंजाब में भी था बल्कि कुछ 10 को तक तो पंजाब कश्मीर से भी बढ़कर हो गया था। पंजाब में भी आतंकवाद का फैन तभी कुचला जा सका था जब स्थानीय लोगों का सहयोग मिलना शुरू हुआ, और आतंकवादियों की फंडिंग पर चोट की गई। बलोच और ख़ैबर पख्तूनख के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर भी आंतरिक संघर्ष है। इमरान खान की पार्टी अलग रास्ते पर चल रही है और वह सरकार तथा सी दोनों को ही लगातार चुनौती दे रही है। पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में इस समय डर और बका माहौल बना हुआ है। भारत को इन परिस्थितियों का लाभ उठाना चाहिए और सेंड मोर्चे पर भी पाकिस्तान के हालात काफी खस्ता है। पाकिस्तान की सेवा वहां की अवाम का भरोसा खो चुकी है। पिछले दिनों लीक हुई एक चिट्ठी में सेवा के कई अधिकारियों ने सेवा प्रमुख जनरल असीम मुनीर पर क्षमता भ्रष्टाचार और राजनीतिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए जिससे सेवा के भीतर बगावत की आशंका उजागर हुई। पाकिस्तान में कट्टर पंक्तियों को सर्वाधिक बढ़ावा देने में सीन ही लिफ्ट पाई जाती है। पहलगाम और बेशर्म घाटी में हुए आतंकवादी हमले से पहले पाकिस्तान के सी अध्यक्ष बसीर मुनीर ने हिंदुओं को लेकर एक कथित बयान बाजी किसी और हिंदुओं के खिलाफ जहर उगला था इसके कुछ दिन बाद ही कश्मीर का यह करना हमला हुआ माना जाता है कि इसमें पाकिस्तान सेना सीधे तौर पर शामिल है। सी अध्यक्ष जनरल असीम मुनीर और सुना के बड़े अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। पनामा पेपर्स और ऑर्गेनाइज्ड क्राईम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट की रिपोर्ट में कई जनरल ओके स्विस बैंक के खातों का खुलासा हुआ है अधिकारियों पर आरोप है कि वह राष्ट्र की सुरक्षा पर ध्यान देने के बजाय राजनीति रियल स्टेट और दूसरे व्यवसाय कार्यों में रुचि ले रहे हैं। सेवा के जनरल दोनों हाथों से पाकिस्तान और वहां की आवाम को लूट रहे हैं और मजे उड़ा रहे हैं। 

 सेना के खिलाफ हुई पाकिस्तानी आवाम --

 सबसे अहम बात तो यह सामने आ रही है कि पाकिस्तान सुना निकम्मी हो गई है और उसकी फिटनेस में भी जबरदस्त कमी आई है। पाक ट्रूपर्स को एक्टिव नहीं माना जा रहा। बलूचिस्तान खबर और पाकिस्तान हवा में सेवा की कमजोरी पहले ही उजागर हो चुकी है मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो देश के भीतर सेवा प्रमुख असीम मुनीर के खिलाफ लोगों का आक्रोश सड़कों तक आ गया है। भारत के साथ उत्पन्न हुए इस ताजा तनाव के जन्मदाता भी सेवा प्रमुख जनरल असीम मुनीर को माना जा रहा है। अफगानिस्तान सीमा पर भी पाकिस्तान तालिबान से उलझा हुआ है। भूरानीतिक की स्थिति भी इस समय भारत के पक्ष में है। 

 निष्कर्ष --

 हालांकि आज की बदलते हुए भू राजनीतिक परिदृश्य में पाकिस्तान की संभावित प्रतिक्रिया का सही आकलन किए बिना किसी भी कम को उठाने जोखिम भरा भी हो सकता है। यह मसाला पुरी सटीकता एवं बारीक आकलन के बाद कदम उठाने वाले फैसलो पर टिका हुआ है। लेकिन यह भी सही है कि लॉन्ग टर्म सॉल्यूशन और शांति स्थापना के लिए भारत को कठोरता कार्रवाई के साथ पाकिस्तान को कई मूंछों पर टक्कर देने की आवश्यकता है। यदि वर्तमान समय में भारत एवं पाकिस्तान दोनों की भू राजनीति अंतरराष्ट्रीय मामले विदेशी समर्थन तथा अर्थव्यवस्था का मूल्यांकन करें तो भारत हर दृष्टिकोण से मजबूत स्थिति में है। पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत के पास यह उचित समय और बेहतरीन मौका है। 


 महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर --


क्वेश्चन 1. "धरती का स्वर्ग"  किसे कहा जाता है..?

उत्तर -- भारत का स्वर्ग क्षेत्र कश्मीर को कहा जाता है। कश्मीर की घाटी अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ हिमालय की ऊँची-ऊँची चोटियाँ, हरी-भरी घाटियाँ, और झीलें हैं। कश्मीर में कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं, जिनमें डल झील, पहलगाम, गुलमर्ग, सोनमर्ग, और अमरनाथ गुफा शामिल हैं।

डल झील

पहलगाम

गुलमर्ग

सोनमर्ग

अमरनाथ गुफा

कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता को देखते हुए इसे भारत का स्वर्ग कहा जाता है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता हर किसी को मोह लेती है। कश्मीर एक ऐसी जगह है जहाँ लोग आराम और शांति का अनुभव कर सकते हैं।

कश्मीर को भारत के स्वर्ग क्षेत्र के रूप में निम्नलिखित कारणों से जाना जाता है:

  • प्राकृतिक सौंदर्य: कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता अद्वितीय है। यहाँ हिमालय की ऊँची-ऊँची चोटियाँ, हरी-भरी घाटियाँ, और झीलें हैं।
  • शांत वातावरण: कश्मीर का वातावरण बहुत ही शांत और सुकून देने वाला है। यहाँ की ठंडी हवा और हरियाली मन को शांति प्रदान करती है।
  • सांस्कृतिक विरासत: कश्मीर की एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। यहाँ कई मंदिर, मस्जिद, और अन्य धार्मिक स्थल हैं।

कश्मीर भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहाँ हर साल लाखों पर्यटक आते हैं।


क्वेश्चन 2. कश्मीर समस्या क्या है..? इस पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।


उत्तर -  कश्मीर कश्मीर समस्या भारत और पाकिस्तान के बीच एक क्षेत्रीय विवाद है, जो मुख्य रूप से कश्मीर क्षेत्र पर अधिकार को लेकर है. यह विवाद 1947 में ब्रिटिश भारत के विभाजन के बाद शुरू हुआ, जब जम्मू और कश्मीर की पूर्व रियासत ने भारत और पाकिस्तान दोनों में से किसी के साथ विलय करने के लिए एक जनमत संग्रह कराने की बात कही. संक्षेप में, कश्मीर समस्या के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:

  • क्षेत्रीय विवाद:
    कश्मीर क्षेत्र पर भारत, पाकिस्तान और चीन सभी दावा करते हैं. 
  • विभाजन के बाद का विवाद:
    यह विवाद 1947 में ब्रिटिश भारत के विभाजन के बाद शुरू हुआ, जब जम्मू और कश्मीर की रियासत ने अपने भविष्य के बारे में फैसला करना था. 
  • संयुक्त राष्ट्र का हस्तक्षेप:
    संयुक्त राष्ट्र ने इस विवाद को सुलझाने में प्रयास किए, लेकिन अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है. 
  • भारत का तर्क:
    भारत का कहना है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और यह राज्य का एक हिस्सा है. 
  • पाकिस्तान का तर्क:
    पाकिस्तान का कहना है कि कश्मीर के लोगों को अपने भाग्य का फैसला करने का अधिकार है और उन्हें जनमत संग्रह कराने का अधिकार है. 
  • आतंकवाद:
    कश्मीर में आतंकवाद भी एक प्रमुख मुद्दा है और इसने इस समस्या को और जटिल बना दिया है. वर्तमान स्थिति:
  • कश्मीर में अभी भी तनाव बना हुआ है. 
  • नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर तनाव जारी है. 
  • भारत और पाकिस्तान दोनों ही इस समस्या को बातचीत के माध्यम से सुलझाने के लिए तैयार हैं. संक्षेप में, कश्मीर समस्या एक जटिल और बहुआयामी समस्या है, जिसका कोई आसान समाधान नहीं है। 
क्वेश्चन 3. बैशरन घाटी कहां है..? और यह क्यों प्रसिद्ध है..?
उत्तर --- बेसरन घाटी भारत के उत्तर में स्थित और भारत के मुकुट कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर राज्य, जिस धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है, मे स्थित है। यह घाटी चारों तरफ से खूबसूरत वादियों से भरी हुई है इसीलिए इसे भारत का "मिनी स्विटजरलैंड" कहा जाता है। यह ठंडा और बर्फीला छेत्र हिमालय के ऊंचे ऊंचे पर्वतों तथा घने जंगलों से घिरा हुआ है।

 इस घाटी की खूबसूरत बातें --

पहलगाम बाज़ार से बैसरन पार्क तक जो रास्ता जाता है, वह उबड़-खाबड़ पहाड़ी ट्रेक है. वहाँ जाने वाले या तो घोड़े पर जाते हैं या फिर पैदल.

बैसरन पार्क क़रीब आठ हज़ार फ़ुट की ऊँचाई पर है. ये घने जंगलों से घिरी घाटी है. बैसरन घाटी को 'मिनी स्विटज़रलैंड' भी कहा जाता है.

बैसरन पार्क के अंदर जाने के लिए टिकट लेना पड़ता है. इसके लिए बालिग लोगों का टिकट पैंतीस रुपए का है और बच्चों के लिए बीस रुपए का.

पहलगाम दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग ज़िले का हिस्सा है. श्रीनगर से पहलगाम की दूरी क़रीब सौ किलोमीटर है.

बैसरन में कई बॉलीवुड फिल्मों, स्थानीय ड्रामों और कुछ छोटी फिल्मों की शूटिंग भी हुई है.

यही नहीं, हर साल लाखों श्रद्धालु पहलगाम बाज़ार से होकर अमरनाथ गुफ़ा तक पहुँचते हैं. पहलगाम के नुनवन में यात्रा का बेस कैंप होता है. इसी बेस कैंप से हर दिन यात्री जत्थों की शक़्ल में गुफ़ा के लिए निकलते हैं.

अमरनाथ यात्रा के दौरान पहलगाम से लेकर गुफ़ा तक कड़ी सुरक्षा के इंतज़ाम होते हैं. सुरक्षाबलों को ऊँचे पहाड़ों पर तैनात किया जाता है।


 क्यों लोकप्रिय है बेसरन घाटी 


 बेशरन घाटी कैसे पहुंचते हैं.?




 फिल्मों की शूटिंग के लिए पसंदीदा क्षेत्र 


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