प्रेरित रहने के 7अचूक उपाय - 2025
प्रेरणा डायरी (ब्लॉग )
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टुड़ावली, करौली, राजस्थान - 321610
जीवन मै सफल और असफल दोनो प्रकार के युवाओं को "प्रेरणा " की आवसायकता होती है! मोटिवेशन हमारे लिए "सफ़लता की कुंजी" है! कहा जाता है उठने वाले सारे सवालों का एक जवाब होती है सफलता। और सफलता प्राप्त करने का राजमार्ग है -- प्रेरणा। प्रेरित व्यक्ति अपनी समस्याओं का हल ढूँढ कर, उनका समाधान निकाल कर, निरंतर प्रगति पथ पर आगे बढ़ता रहता है। जबकि dimotivate (हतोत्साहित) व्यक्ति ऐसा करने मै सफ़ल नहीं हो पाता।
हमारा जीवन परिवर्तनशील है ।और परिवर्तन ही संसार का नियम है। मान लेते है की आज आप प्रेरित भी है...। ओर अपने कार्य में सफल भी, आपके जीवन में सब अच्छा घटित हो रहा है ,पर समय कभी एक जैसा नहीं रहता। कभी कभी अचानक हमे ऐसे पलों का ऐसे सामना करना पड़ता है जो हमे परेसान और व्यथित कर देते है। जो हमारी पूरी जिंदगी को बदल कर रख देते हैं। और हमे निरासा महसूस होने लगती है। इन हालातो मै हमे मोटिवेशन की जरूरत होती है। इसके लिए पत्र -पत्रिकाएँ, अखबार, पुस्तके, आदि की मदद लेते है। और फिर motivate होकर.. उत्साहित होकर...अपने कार्यो में जुट जाते है।
प्रेरणा एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया है जो हमें किसी कार्य या लक्ष्य की ओर प्रेरित करती है। यह हमें ऊर्जा, उत्साह और दृढ़ संकल्प प्रदान करती है जिससे हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें।
प्रेरणा के मुख्य घटक --
1. उद्देश्य: किसी विशिष्ट लक्ष्य या उद्देश्य की ओर प्रेरित होना।
2. ऊर्जा: कार्य करने के लिए आवश्यक ऊर्जा और उत्साह।
3. दृढ़ संकल्प: लक्ष्य प्राप्ति के लिए आवश्यक दृढ़ता और संकल्प।
4. रुचि: कार्य में रुचि और आकर्षण।
5. आत्मविश्वास: अपनी क्षमताओं पर विश्वास।
प्रेरणा के प्रकार
1. आंतरिक प्रेरणा: अपने भीतर से उत्पन्न प्रेरणा।
2. बाहरी प्रेरणा: बाहरी कारकों से उत्पन्न प्रेरणा।
3. सकारात्मक प्रेरणा: पुरस्कार, प्रशंसा आदि से उत्पन्न प्रेरणा।
4. नकारात्मक प्रेरणा: डर, दबाव आदि से उत्पन्न प्रेरणा।
प्रेरणा का महत्व
1. लक्ष्य प्राप्ति में मदद करती है।
2. आत्मविश्वास बढ़ाती है।
3. ऊर्जा और उत्साह प्रदान करती है।
4. कार्यक्षमता में सुधार लाती है।
5. जीवन में अर्थ और उद्देश्य प्रदान करती है।
प्रेरणा को बढ़ाने के लिए:
1. स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें।
2. आत्म-मूल्यांकन करें।
3. सकारात्मक संबंध बनाएं।
4. प्रेरक सामग्री पढ़ें।
5. आत्म-देखभाल करें।
दोस्तों अब मै आपको अपने अनुभव के आधार पर ऐसी टिप्स बताने जा रहा हूँ, जिन्हे फॉलो करके आप अच्छी बुरी हर परिस्थिति मै प्रेरित रह सकते हैं।
1. अपना गोल सैट करे :--
Motivate रहने का सबसे पहला और आधार भूत उपाय है की आप अपने जीवन का लक्ष्य तय करे। अपने लक्ष्य को लिखकर अपनी मेज के सामने लगा दे, ताकि वो हमेसा आपको दिखाई दे। आपको motivate करने मै सबसे महत्वपूर्ण भूमिका आपका लक्ष्य ही अदा करेगा । जिस दिन आपने अपने दिल और दिमाग से अपना लक्ष्य निर्धारित कर लिया, उसी दिन आपकी आधी ज़ीत पक्की है। क्युकी जैसे ही आपको लक्ष्य मिलेगा। जिन्दगी जीने का उदेश्य मिलेगा। आप एक्टिव हो जाओगे तुरंत सक्रिय हो जाओगे। क्युकी पहले आप उदेश्य हीन थे। लेकिन अब आपके पास अपने जीवन का एक उदेश्य है। अब आप लक्ष्य युक्त है। और लक्ष्य पर जिसकी नजर पक्की हो उसका मन कभी विचलित नहीं होता। दोस्तों लक्ष्य के निर्धारण का सबसे बड़ा फायदा ये है कि मन और दिमाग़ केंद्रित् रहता है। आपका ध्यान सदैव अपने लक्ष्य पर लगा रहेगा। जिससे मन के अंदर होने वाला भटकाव कम होगा
महाभारत मै द्रोपदी सूयम्बर् कि कहानी आप ने सुनी होगी, जिसमे राजकुमारो को कड़ाई मै भरे हुए तेल मे देखकर उपर घुमती हुई मछली की आँख को निसाना बनाना था। जिसमें सभी शिष्य असफल हो चुके थे, क्योंकि किसी को भी अपना लक्ष्य नजर नहीं आ रहा था। जब अर्जुन की बारी आई तो उनके गुरू ने सवाल किया की बताये आपको क्या दिखाई दे रहा है..? कड़ाई या तेल या मछली..? अर्जुन का जवाब था--- ना मुझे कड़ाई दिखाई दे रही , ना ही तेल, ओर ना ही मछली "मुझे दिखाई दे रही है केवल मछली कीआँख " ये छोटी सी कहानी हमे ये बताने के लिए काफी है की लक्ष्य सैट करना कितना अहम है। गोल फिक्स करने के पस्चात् हमारा mind दुसरी तरफ से हटकर लक्ष्य पर जम जाता है।और उसे हासिल करने के लिए हम "motivate" रहते हैं। गोल हमे कार्य करने के लिए प्रेरणा देता है।
बिना लक्ष्य या गोल के जीवन अंधकार मै सफर करता है।जैसे आप स्टूडेंट्स है, पढाई करते है। खूब मेहनत करते है। लेकिन जब तक आप ये गोल सैट नहीं करेंगे की आगे आप आगे क्या बनना चाहते है...? तब तक ना आप मोटिवेट रहेंगे। नहीं आप सफलता और कामयाबी हासिल कर पाएंगे। गोल निर्धारित होते ही व्यक्ति उसे पाने के प्रयास शुरू कर देता है। और यह लगन उसे सफलता तक पहुंचा देती है।
मान लेते है की आप I.A. S. ,ras , doctor, टीचर ,eng बनना चाहते है, ये आपका लक्ष्य हुआ, अब आप mativate हो जायेंगे। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने प्रिय शुरू कर देंगे। कोचिंग जोइन करेंगे, बुक इकठि करेंगे, खूब मेहनत करेंगे, कोई समस्या आयेगी उसका समाधान करेंगे, सलाह लेंगे आदि। आपकी शक्ति लक्ष्य को प्राप्त करने मै लग जायेगी।आपका तन और मन दोनों लक्ष्य के लिए जुट जायेंगे बेकार के कार्यो के लिए आपके पास समय ही नहीं बचेगा। तो देखा आपने की किस तरह टार्गेट मिलते ही आप motivate, उत्साहित, और सक्रिय हो उठे!! अतः अपना गोल, अपना लक्ष्य निर्धारित करे, ये "motivation " का मूल आधार है।
2. रोज कुछ प्रेरणादायी (motivational) साहित्य पढ़े
अच्छी पुस्तके हमारे लिए सबसे अच्छे साथी की भूमिका अदा करती है! पढ़ना bhaut अच्छी आदत है l आप आज से एक नई सुरुआत करे, अपने पाठ्य क्रम से इतर, कुछ प्रेरणा दायक पुस्तके, साहित्य, स्टोरी, कविताएँ जरूर पढ़े , ये आपको motivation देगा ! किसी सफ़ल महान हस्ती को अपना आदर्श (रोल मॉडल) बनाये और उनकी जीवनी पढ़े l उनकी विसेसताओं को अपने जीवन मै उतारे l
आप "प्रेरणा डायरी ब्लॉग " के आर्टिकल भी पढ सकते है, इसे पूरी महनत के साथ तैयार किया जा रहा है। प्रेरणा दाइ साहित्य हमे संघरसो के लिए तैयार करता है। आप शुभह -साय चाय पीते हुए, प्रेरित करने वाले साहित्य को अपने जीवन मै स्थान दे। माह बाद आपको इसका असर नजर आ जायेगा, ये सत्य मानकर चले।
3. मनोरंजन के लिए समय निकाले --
ममोरंजन का अर्थ है--- मन को खुश रखना।मनोरंजन हमारी बोरियत को दूर कर, हमे खुशी प्रदान करता है! थके हुए इंसान को ताजगी से भर देता है। ये ताजगी हमारे motivation को बरकरार रखने मै सहायता प्रदान करती है मनोरंजन थकान के पलों मै हमे ऊर्जा प्रदान करता है! हमारे अंदर एक नई शक्ति का संचार होता है l मान लीजिए 3-4 घंटे की पढाई के बाद आप थकान, आल्स्य, महसूस करते है, ऐसी एस्थिति मै आप अपना मन पसंद संगीत सुने जैसे गाने, motivational video, स्टोरी, आदि, इसके बाद आप फिर से ताजा फील करने लगंगे और पुन्ह अपना कार्य शुरू कर सकते हैं! दोस्तों ऐसा मे खुद भी करता हु जब , working time के दोरान मै अपने आप को थका हुआ पाता हु तब मै पसंदीदा हिन्दी सोंग, या कोई अच्छी बुक, या समाचार पत्र पढ़कर अपनी बोरियत दूर करता हु! गाने भी आप मन से सुने लेट कर, आँख बंद करके, पूरी तन्मयता के साथ l ऐसा करने से आप motivate रहेगें और थकान फील नहीं करेंगे!
4. डेली वर्क सेड्यूल् बनाये :----
सुबह जब आप अपने दिन की सुरुआत करे तो दिन भर के कार्यो की प्राथमिकता के आधार पर एक लिस्ट बनाये l और उसी आधार पर उन्हें पूरा करे l सोने से पहले अपनी लिस्ट की जाँच करे.. क्या छूटा और क्या पूरा हुआ l एस प्रकार का रुटिन फॉलो करने से आपका कॉन्फिडेंस बड़ेगा और धीरे धीरे आप बड़े लक्ष्यों को हासिल करने का हुनर सीख जायेंगे / डेली वर्क सेड्यूल् आपको " Motivate रखेगा l
5. खुद को आराम दें।
कभी कभी ऐसा time आता है, जब अच्छे अच्छे अपनी प्रेरणा खो देते है! हम अपने काम मे इतना व्यस्त हो जाते है कि कुछ समय बाद, अपने को थका हुआ महसूस करते है l ऐसे मे जरूरी है की हम एक दो दिन का आराम करे l कही घूमने जाए/ फिल्म देखें! भगवान् के darsan करने जा सकते है l सांति प्राप्त होती है! मेरा मानना है आप हफ्ते या 10 दिन मै एक दिन आराम के लिए रखे / इस दिन आप अपनी रुचि के कार्य कर सकते है l इस दिन को स्वय के लिए रखे l खुद पर कार्य करे ।
6. लक्ष्य पूरा ना होने पर घबराये नहीं :---
ये जरूरी नहीं की हमारा चाहा हुआ हर कार्य समय पर हो जाए! कभी कभी विलंब होना स्वभाविक है l हर बार, और हर कार्य समय सीमा मै ही समाप्त हो , ये जरूरी नहीं lऐसी एस्तिथि मै घबराये या डरे नहीं, और अगले कार्य को टार्गेट करे! उसे समय सीमा मे निपटाए / आप सही दिशा में कार्य करना जारी रखे l छोटी बातों पर ध्यान देकर खुद को अपसेट ना करे
7. भगवान् पर भरोसा रखें।
भगवान् को मानने का एक सबसे बड़ा लाभ है की मन को shanti प्राप्त होती है! बुराईयो से लड़ने की ताकत मिलती है विचारों मे शुधता का आगमन होता है, आद्यत्मिक शक्ति का विकास होता है! अतः प्रभु की सरन मै जाए और सच्चे मन तथा समर्पण के साथ प्रार्थना करे, तो जरूर सुविकार होती है !
खुश रहने के लिए प्रेरित रहना ज़रूरी है. प्रेरित रहने के लिए, आप ये उपाय अपना सकते हैं:
अपने लक्ष्यों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें.
अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए हर दिन थोड़ा-थोड़ा काम करें.
अपने लक्ष्यों के प्रति जुनूनी रहें.
अपने काम और परिवार के माहौल के आधार पर हर दिन अलग-अलग चुनौतियों का सामना करें.
सकारात्मक आत्म-चर्चा करें.
'मैं नहीं कर सकता' कहने के बजाय, 'मैं कोशिश कर सकता हूँ' कहें.
माइंडफ़ुलनेस अपनाएं.
धैर्य रखें.
अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आत्मविश्वास महसूस करें.
अपने लक्ष्य-निर्धारण कौशल, निर्णय लेने के कौशल, आत्म-जागरूकता और आत्म-नियमन में सुधार करें.
प्रेरित रहने के लिए, आप ये काम भी कर सकते हैं:
कुछ न कुछ नया सीखें.
व्यायाम और ध्यान को अपने रूटीन में शामिल करें.
शराब और ड्रग्स जैसी चीज़ों से दूर रहें.
पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक खाना खाएं.
किसी ऐसे वर्किंग ग्रुप में शामिल हों, जो भी आप ही की तरह एक्टिविटी के ऊपर फ़ोकस करता हो.
किसी क्लास में शामिल हों.
ब्लॉग - प्रेरणा डायरी।
वेबसाइट - www.prernadayari.com
राइटर - केदार लाल, चीफ एडिटर।
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