कौन कौन सी खास बातें सिखाये 12 साल तक के स्टूडेंटस को..?
बच्चों के जीवन में 12 साल की उम्र काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि इसके बाद उनके किशोरावस्था का सफर शुरू होता है। इससे पहले सीखी हुई बातें ही उनके आगे के विचारों को गढ़ने में मदद करते हैं। ऐसे में कुछ बातें (Parenting Tips) ऐसी होती हैं जो बच्चों को 12 साल की उम्र से पहले जरूर सिखा देनी चाहिए। आइए जानें क्या हैं वो बातें।
HIGHLIGHTS
- बच्चों के लिए 12 साल की उम्र काफी अहम होती है।
- 12 साल के बाद किशोरावस्था शुरू हो जाती है।
- बच्चों को 12 साल की उम्र से पहले कुछ बातें जरूर सिखा देनी चाहिए।
आत्मविश्वास का महत्व
जिम्मेदारी का बोध
बच्चों को घर के छोटे-छोटे कामों में शामिल करें, जैसे कि अपना कमरा साफ करना, बर्तन धोना आदि। इससे उन्हें जिम्मेदारी का बोध होगा और वे घर की जिम्मेदारियों को बांटना सीखेंगे।समस्या का समाधान कैसे करें
बच्चों को समस्याओं का सामना करने और उनके समाधान खोजने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्हें अलग-अलग दृष्टिकोण से सोचना सिखाएं। इससे वे भविष्य में आने वाली किसी भी समस्या का समाधान आसानी से ढूंढ पाएंगे।दूसरों का सम्मान करना
सहयोग करना
बच्चों को दूसरों के साथ मिलकर काम करना सिखाएं। उन्हें टीम वर्क का महत्व समझाएं। इससे वे दूसरों के साथ अच्छे संबंध बना पाएंगे और मिल-जुलकर काम करना भी सीखेंगे।असफलता से सीखना
बच्चों को यह समझाएं कि असफलता जीवन का एक हिस्सा है। उन्हें असफलता से निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि उससे सीखकर आगे बढ़ना चाहिए।पैसे का महत्व
बच्चों को पैसे का महत्व समझाएं। उन्हें यह बताएं कि पैसे कैसे कमाए जाते हैं और कैसे खर्च किए जाते हैं। उनमें बचत करने और बजट बनाने की आदत डालें।समय का महत्व
बच्चों को समय का महत्व समझाएं। उन्हें समय पर काम करने और समय का सदुपयोग करने की आदत डालें। इससे वे अपने लक्ष्यों को हासिल करने में सक्षम होंगे।स्वस्थ आदतें
बच्चों को स्वस्थ आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करें, जैसे कि नियमित रूप से एक्सरसाइज करना, समय पर सोना और जागना, हेल्दी डाइट लेना आदि। इससे वे स्वस्थ रहेंगे और ज्यादा एनर्जेटिक महसूस करेंगे।पॉजिटिव सोच
बच्चों को सकारात्मक सोच रखने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्हें यह समझाएं कि पॉजिटिव सोच से वे किसी भी मुश्किल परिस्थिति का सामना कर सकते हैं।उत्तर - किशोर और छात्रों की उम्र का 12 से 18 वें साल की जो उम्र होती है, यह जीवन में सबसे अहम होती। क्योंकि इस अवस्था का जो दौर होता है उसे "किशोरावस्था" के नाम से जाना जाता है। प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक स्टेनली हॉल् ने किशोर अवस्था को "संघर्षों, दबाव,तथा तूफानों की अवस्था कहा है। ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि इस अवस्था में एक किशोर में होने वाले अधिकांश शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं। वह बहुत जल्दी ही अच्छी या बुरी आदतों का शिकार हो सकता है। इसी अवस्था में एक किशोर में महानता या पतन की ओर जाने के बीज पड़ते हैं।

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