स्वामी विवेकानंद के 9 अनमोल विचार।
1. स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि जिस पल मुझे यह ज्ञात हो गया कि हर मानव के हृदय में भगवान हैं तभी से मैं अपने सामने आने वाले हर व्यक्ति में ईश्वर की छवि देखने लगा हूं और उसी पल मैं हर बंधन से छूट गया। हर उस चीज से जो बंद रखती है, धूमिल हो जाती है और मैं तो आजाद हूं।
2. विवेकानंद कहते हैं कि ईसा मसीह की तरह सोचो और तुम ईसा बन जाओगे। बुद्ध की तरह सोचो और तुम बुद्ध बन जाओगे। जिंदगी बस महसूस होने का नाम है। अपनी ताकत, हमारी कला-कौशल का नाम है जिनके बिना ईश्वर तक पहुंचना नामुमकिन है।
3. बाहर की दुनिया बिलकुल वैसी है, जैसा कि हम अंदर से सोचते हैं। हमारे विचार ही चीजों को सुंदर और बदसूरत बनाते हैं। पूरा संसार हमारे अंदर समाया हुआ है, बस जरूरत है चीजों को सही रोशनी में रखकर देखने की।
4. अगर पैसा मनुष्यों की अच्छे काम करने में मदद करता है तो पैसा महत्वपूर्ण है, पर अगर वह दूसरों की मदद नहीं करता तो फिर यह पैसा किसी काम का नहीं सिवाय एक बुराई के। इसीलिए इससे जितनी जल्दी पीछा छूटे, उतना ही अच्छा।
5. चारों ओर बस प्रेम ही प्रेम है। प्यार फैलाव है, तो स्वार्थ सिकुड़न है। अत: दुनिया का बस एक ही नियम होना चाहिए, प्रेम... प्रेम... प्रेम...! जो प्रेम करता है, प्रेम से रहता है, वही सही मायने में जीता है। जो स्वार्थ में जीता है, वो मर रहा है इसलिए प्यार पाने के लिए प्यार करो, क्योंकि यही जिंदगी का नियम है।
6. सबसे पहले यह अच्छे से जान-समझ लो कि हर बात के पीछे एक मतलब होता है। इस दुनिया की हर चीज बहुत अच्छी है, पवित्र और सुंदर है। अगर आपको कुछ बुरा दिखाई देता है तो इसका मतलब यह नहीं कि वो बुरा है। इसका मतलब यह है कि आपने उसे सही रोशनी में नहीं देखा।
7. तुम किसी को दोष मत दो। अगर तुम अपने हाथ आगे बढ़ाकर किसी की मदद कर सकते हो तो करो, अगर नहीं कर सकते हो तो अपने हाथ बांधकर खड़े रहो। अपने वालों को शुभकामनाएं दो और उन्हें उनके रास्ते जाने दो। आप दोष देने वाले कोई नहीं होते हैं।
8. कभी भी यह मत सोचो कि तुम्हारे लिए, तुम्हारी आत्मा के लिए कुछ भी नामुमकिन है। यह सोच ही सबसे ज्यादा दुखदायी है। अगर कोई पाप है, तो वो सिर्फ और सिर्फ अपने आपको या दूसरों को कमजोर मानना है।
9. तुम्हें अंदर से सीखना है सबकुछ। तुम्हें कोई नहीं पढ़ा सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। अगर यह सब कोई सिखा सकता है तो यह केवल आपकी आत्मा है।
10. सच्चाई के लिए कुछ भी छोड़ देना चाहिए, पर किसी के लिए भी सच्चाई नहीं छोड़ना चाहिए।
माफी चाहता हूं दोस्तों बीच में मैं आपको टोक रहा हूं, यह पूछने के लिए की स्वामी विवेकानंद के इन अनमोल विचारों को पढ़कर आपका मन में भी, जूस और ऊर्जा का संरक्षण हुआ होगा। कहते हैं स्वामी विवेकानंद के शब्दों में इतनी तेजस्वी थी कि वह मुर्दों में भी जान डाल देते थे। इसीलिए उनके विचार हमारे छात्र और युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है। उनके महान विचारों की श्रेणी में लिए पढ़ते हैं, कुछ अन्य और महत्वपूर्ण अनमोल विचारों को।
* उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए.
* ख़ुद को कमज़ोर समझना सबसे बड़ा पाप है.
* तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता.
* हम वही होते हैं जो हमारी सोच हमें बनाती है.
* शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु है.
* विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है.
* प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु है.
* किसी की निंदा ना करें, अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं.
* जब कोई विचार अनन्य रूप से मस्तिष्क पर अधिकार कर लेता है तब वह वास्तविक भौतिक या मानसिक अवस्था में परिवर्तित हो जाता है.
* दिन में एक बार खुद से बात करें, नहीं तो आप इस दुनिया में किसी बुद्धिमान व्यक्ति से मिलने से चूक जाएंगे.
प्रेरणा डायरी (ब्लॉग )
Kedar Lal - चीफ एडिटर, प्रेरणा डायरी ब्लॉग
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