क्या भारत फिर बन सकता है विश्व गुरु.?

प्रेरणा डायरी (ब्लॉग)
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टुडावली,राजस्थान,भारत। 

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 क्या भारत फिर बन सकता है विश्व गुरु..? 



 आज की पोस्ट में

1. विषय प्रवेश।
2. विश्व गुरु भारत।
3. स्थापित आर्थिक शक्ति -भारत।
4. दमदार सैन्य शक्ति।
5. ऑपरेशन सिन्दूर।
6. भारत की सांस्कृतिक ताकत।
7. धार्मिक संभाव।
8. अंतरिक्ष एवं विज्ञान शक्ति।

 

 विषय प्रवेश :

एक गुरु बनने के लिए क्या आवश्यक है इसकी व्याख्या स्वामी विवेकानंद, जिन्होंने सर्वप्रथम भारत को यह अभिलाषा दी, ने स्वयं की थी। अपने निबंध ‘माई मास्टर’ (1901) में उन्होंने लिखा : ‘‘अगर आप सच्चे सुधारक बनना चाहते हैं तो तीन चीजें आवश्यक हैं। पहली है महसूस करना। क्या आप सचमुच अपने भाइयों की पीड़ा अनुभव करते हैं?… क्या आप सहानुभूति से ओत-प्रोत हैं?… आपको आगे सोचना होगा कि क्या आपने कोई उपचार खोज लिया है। पुराने विचार सब अंधविश्वास हो सकते हैं, परंतु भीतर ये अंधविश्वास कहीं स्वर्ण हैं…क्या आपने बिना किसी अशुद्धि उस सोने को सहेजने के तरीके खोज लिए हैं? अगर आपने ऐसा कर लिया है, एक और चीज आवश्यक है। आपका इरादा क्या है? क्या आपको विश्वास है कि आप लालच, प्रसिद्धि या शक्ति की पिपासा से प्रेरित नहीं हैं?…तब आप एक सच्चे सुधारक हैं, आप मानवता के लिए एक शिक्षक, एक गुरु, एक आशीष हैं।’’

 क्या भारत बन सकता है विश्व गुरु..?

 एक सवाल बहुत पूछा जाता है। मुझे भी पूछा जाता है और आपसे भी लोग पूछते होंगे कभी ना कभी। कि क्या फिर से भारत विश्व गुरु बन सकता है.? क्या भारत इतनी आर्थिक सैन्य, सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत  पावन पर्व पर मैं आज के अर्टिकल् में संक्षिप्त रूप से भारतीय युआ शक्ति कि ताकत का और भारत की बढ़ती शक्ति का विवरण प्रस्तुत करना चाहता हूँ। 

भारत वह देश है जिसने पृथ्वी पर रहने वाले लोगों को परिवार का सदस्य मानते हुए ‘वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया। इसीलिए हमने न तो किसी देश पर हमला किया और न ही एक इंच जमीन पर कब्जा किया। रामायण और महाभारत की कथाओं में हमने पुष्पक विमान, अग्निबाण और आकाशवाणी जैसी तकनीकों के बारे में खूब पढ़ा है। हम यह भी देखते आ रहे हैं कि हमारे वेद-पुराणों पर देश-विदेश में रिसर्च होते आ रहे हैं, जिनसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में खूब मदद मिलती रही है , इन क्षेत्रों में भारत कैसे वाकई में ‘विश्व गुरु रहा है।
नई दिल्ली. नीति आयोग ने कहा है कि जापान को पछाड़ते हुए भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. भारत की जीडीपी 4 लाख करोड़ डॉलर (4 ट्रिलियन डॉलर) को पार कर गई है. जब हम कहते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन डॉलर की हो गई है, तो इसका सीधा मतलब यह है कि देश में एक साल में जितना उत्पादन, सेवाएं और कारोबार होता है, उन सभी की कुल कीमत अब 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुकी है. यह आंकड़ा ‘नॉमिनल जीडीपी’ कहलाता है और यह किसी भी देश की आर्थिक ताकत का सबसे सीधा माप होता है. इसे डॉलर में मापा जाता है ताकि सभी देशों की तुलना की जा सके.

 स्थापित आर्थिक शक्ति - भारत!

लेकिन सिर्फ एक बड़ी संख्या होना इस खबर को खास नहीं बनाता. असल बात यह है कि यह आंकड़ा भारत की वैश्विक भूमिका, उसकी आर्थिक नीतियों और नागरिकों की सामूहिक मेहनत का नतीजा दिखाता है. इसका मतलब है कि भारत अब सिर्फ ‘उभरती हुई अर्थव्यवस्था’ नहीं, बल्कि एक ‘स्थापित वैश्विक आर्थिक शक्ति’ बन चुका है. इतिहास पर नजर डालें तो आजादी के बाद भारत को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में 60 साल लगे. फिर 2014 तक यह आंकड़ा 2 ट्रिलियन हुआ, 2021 में 3 ट्रिलियन और अब सिर्फ 4 साल में यह 4.3 ट्रिलियन तक पहुंच गया है. यानी भारत अब लगभग हर डेढ़ साल में एक ट्रिलियन डॉलर की बढ़त हासिल कर रहा है.
 300 साल पहले पूरी दुनिया की  जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में करीब 25% हिस्सेदारी भारा की थी। इसे सोने की चिड़िया कहा जाता था।  हमारी धन-संपदा और समृद्धि की वजह  हमारे नेचुरल रिसोर्स (जैसे खनिज) थे। हमारे पास उपजाऊ जमीन थी। इसके ऊपर  खेती-बाड़ी की समृद्ध संस्कृति थी। जमीन के नीचे हमारे पास गोल्ड, डायमंड, कॉपर और  अन्य मूल्यवान मिनरल्स थे। इसके चलते दुनिया हमसे ईर्ष्या करती थी। अब हमारे है आंत्रप्रेन्योर की ताकत के साथ एक बहुत ही  प्रगतिशील सरकार की लीडरशिप में पुराना  वैभव एक बार फिर पाने का सुनहरा मौका  है। पूरी दुनिया भारत को अगली आर्थिक  महाशक्ति के रूप में देख रही है।   मेरी जब युवा और स्टूडेंट से बात चीत होती है तो युवाओं से बातचीत के दौरान जो सवाल मुझसे पूछे जाते हैं, उससे बदलते भारत की  तस्वीर साफ होती है। 


 एक सवाल जो मुझसे युवा अमूमन पूछते है  कि..क्या भारत एक बार फिर विश्व गुरु बन पायेगा..? तो मेरा सीधा सा जवाब होता है कि हमारे  पास समृद्ध इतिहास है, संस्कृति है, संस्कार है और आर्थिक विकास तेजी से हो रहा है।  ऐसे में ग्लोबल लीडर तो हम ही बनेंगे। हर देशवासी के लिए ये गर्व करने वाली फीलिंग होनी चाहिए। हम अपने देश के इतिहास में एक अभूतपूर्व दौर देख रहे रहे हैं। प्रधानमंत्री जी ने इसे अमृत काल नाम दिया है। यह उसी के अनुरूप है। यह परिवर्तन का वो समय है, जब हम भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत  और भारतीय पहचान को साथ लेकर तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के साथ न सिर्फ खुद  विकास कर रहे हैं, बल्कि आने वाले समय में ग्लोबल इकोनॉमी कैसी होगी, ये भी तय कर रहे हैं। यही कारण है कि मुझसे जब भारत के  भविष्य को लेकर सवाल किया जाता है तो मे मैं पूरे भरोसे के साथ कहता हूं कि यह भारत है “का समय है और हम ही ग्लोबल ग्रोथ की क्री स्क्रिप्ट लिखेंगे। | ... बहरहाल जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं,   दो काम बहुत जरूरी हैं। गरीबी खत्म करना और जरूरत भर नौकरियां पैदा करना। अभी  हमारी प्रति व्यक्ति आय लगभग 2,500 डॉलर । (करीब 2 लाख रुपए) है। मेरा मानना है कि  बेहतर क्वालिटी ऑफ लाइफ के लिए प्रति  व्यक्ति आय कम से कम दोगुनी 5,000 डॉलर (4 लाख रुपए से ज्यादा) तक पहुंच जाए। हमें खुशी है कि हम इस दिशा में बढ़ रहे हैं। प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी तो मध्यम वर्ग भी बड़े पैमाने पर बढ़ेगा। देश में अभी 65% लोग लोअर मिडिल क्लास में हैं। इनमें से ज्यादातर बे क्रा डिस्पोजेबल आय और बेहतर जीवन  के साथ मिडिल क्लास में शामिल होने के लिए तैयार हैं। इससे खपत और लगभग सभी सेक्टरों के लिए डोमेस्टिक डिमांड बढ़ेगी।  इससे विकास और बेहतर जीवन स्तर का एक  शानदार चक्र तैयार होगा। इसके लिए अभी देश को अधिक से अधिक बैल्यू क्रिएटर्स  की जरुरत है। हमने कुछ सेक्टरों, खास तौर  पर आईटी सेक्टर में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।कुछ क्षेत्र ऐसे है जिनमें पूरी दुनिया भारत का लोहा मानती है। आजादी के बाद हमने एग्रीकल्चर में हरित क्रांति और डेयरी प्रोडक्शन में श्वेत क्रांति देखी। खाद्यान्न के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन गए। 1991 में उदारीकरण के  साथ, हमने आईटी सर्विस, टेलीकम्युनिकेशन  और बैंकिंग सेक्टर में भी वैसी ही क्रांति  देखी। अनूठे  स्टार्ट-अप ,ई-कॉमर्स  के साथ हम सर्विस सेक्टर में भी अग्रणी हैं। आज चीन प्लस वन रणनीति पर चलती दुनिया ग्लोबल फैक्टरी के रूप  में एक वैकल्पिक देश की तलाश कर रही न्है। ऐसे माहौल में भारत विशाल बाजार,  आंन्रप्रेन्योरियल टैलेंट और सहज उपलब्ध लेबर के साथ नए सेक्टरों में निवेश आकर्षित करने के लिए तैयार है। यदि भारत बड़े पैमाने  पर एक सॉलिड मैन्युफैक्चरिंग बेस बनाने में  सक्षम हो जाता है और जीडीपी में इस सेक्टर  का शेयर 15% से बढ़कर 25% हो जाता  है, तो हम बड़े पैमाने पर जॉब क्रिएट करने कि और गरीबी हटाने में सक्षम होंगे। हमें ये भी  देखना होगा कि हमारी आधी आबादी महिलाएं हैं। लेकिन सिर्फ 10% महिलाएं वर्कफोर्स में हे  हैं। इसे कम से कम 20% करने की तरफ भी हम तेजी से बढ़ रहे हैं। हमें बेटियों को पढ़ाई पूरी करने और उद्यमी बनने या नौकरी करने के लिए एम्पावर करना चाहिए। हमारी ताकत   टैलेंट और क्रिएटिविटी से भरपूर युवा हैं। 16  साल के हर बच्चे को किफायती लैपटॉप,  स्मार्टफोन और ई-स्कूटी मुहैया करानी चाहिए। लैपटॉप और स्मार्टफोन दुनिया में झांकने वाली  विंडो हैं और स्कूटी गतिशील बनाती है। यदि भी .युवाओं के पास ये चीजें होंगी तो वे नौकरी स॑ तलाशने के बजाय जॉब क्रिएटर बनेंगे। पर, अंततः हम भारतीय पूरी दुनिया में पहचान  बना रहे हैं। दुनिया की अधिकांश टॉप कंपनियों में है। भारतीय सीईओ, सीएफओ या सीटीओ हमें अपने बेस्ट टैलेंट के लिए भारत में ही इको-सिस्टम बनाना चाहिए। अगले कुछ के साल भारतीयों और उनकी क्वालिटी ऑफ लाइफ के लिए निर्णायक होंगे। भविष्य हमारा  है और हम सही रास्ते पर हैं। 

 दमदार सैन्य शक्ति.. भारत

भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली सेना है। सबसे शक्तिशाली सेना के मामले में अमेरिका पूरी दुनिया में पहले स्थान पर है। रक्षा संबंधी डेटा रखने वाली वेबसाइट ग्लोबल फायरपावर की ‘सैन्य ताकत सूची-2023’ में दुनिया के 145 देशों की सेनाओं की क्षमताओं का विश्लेषण कर रैंकिंग जारी की है। इस इंडेक्स में सबसे ताकतवर सेना के मामले में अमेरिका टॉप पर है। दूसरे नंबर पर रूस, तीसरे पर चीन और पांचवें स्थान पर ब्रिटेन है। भारत ने चौथे स्थान पर अपना कब्जा बनाए रखा है। पिछले साल भी इस सूची में भारत चौथे नंबर पर ही था। छठवें पर दक्षिण कोरिया, सातवें पर पाकिस्तान, आठवें पर जापान, नौवें पर फ्रांस और 10वें स्थान पर इटली है।

भारत की तुलना में पाकिस्तान कै सैनिक आधे से भी कम भारत में 14.44 लाख सक्रिय सैन्यकर्मी हैं, जो दुनिया में दूसरे नंबर पर है। भारत की तुलना में पाकिस्तान कै सैनिक आधे से भी कम हैं। भारत के पास पैरामिलिट्री फोर्स भी पाकिस्तान से ज्यादा है। भारत की पैरामिलिट्री फोर्स में 25,27,000 सैनिक हैं। वहीं पाकिस्तान में इनकी संख्या सिर्फ पांच लाख है।

भारत के पास 4500 टैंक. 538 लड़ाकू विमान भारतीय सेना के पास 4,500 टैंक और 538 लड़ाकू विमान हैं। जबकि, चीन के पास 20 लाख सैनिक हैं। अमेरिका की पावरइंडेक्स वैल्यू 0.0712 है। रूस की वैल्यू 0.0714 है। वहीं चीन की वैल्यू 0.0722 है। भारत की बात करें तो इसकी रैंकिंग वैल्यू 0.1025 है। पाकिस्तान की वैल्यू 0.1694 है।

ग्लोबल फायर पावर के मुताबिक यह मिलिट्री यूनिट, आर्थिक स्थिति, क्षमताएं और भूगोल को देखकर किसी देश का पावर इंडेक्स निर्धारित करता है। किसी देश की कुल मारक क्षमता को पावर इंडेक्स कहा जाता है।

भूटान सबसे कम शक्तिशाली देश ग्लोबल फायर पावर की सूची में शामिल कुल 145 देशों में से भूटान सैन्य रूप से सबसे कम शक्तिशाली देश है। भूटान 145वें स्थान पर है, इसके बाद बेनिन 144वें, मोल्दोवा 143वें, सोमालिया 142वें और लाइबेरिया 141वें स्थान पर है। इस सूची में सूरीनाम 140वें, बेलीज 139वें और पश्चिम अफ्रीकी देश सिएरा लियोन 138वें स्थान पर है। आइसलैंड 137वें और मध्य अफ़्रीकी गणराज्य 136वें स्थान पर है।


भारत की सांस्कृतिक ताकत 

विशाल और विविध है। इसमें कई धर्म, भाषाएँ, कलाएँ और परंपराएँ शामिल हैं, जो सदियों से विकसित हुई हैं। भारत की सांस्कृतिक विरासत दुनिया भर में प्रसिद्ध है और इसका गहरा प्रभाव है. 
यहां भारत की सांस्कृतिक ताकत के कुछ प्रमुख पहलू दिए गए हैं:
प्राचीन इतिहास:
भारत में 4,500 से अधिक वर्षों का सांस्कृतिक इतिहास है. सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर मुगल साम्राज्य तक, भारत की संस्कृति ने कई अलग-अलग संस्कृतियों और प्रभावों को शामिल किया है. 
विभिन्न धर्म:
भारत में कई धर्मों का पालन किया जाता है, जिनमें हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, सिख धर्म, जैन धर्म, इस्लाम और ईसाई धर्म शामिल हैं। इन धर्मों ने भारत की संस्कृति को आकार दिया है और विभिन्न संस्कृतियों के बीच एक-दूसरे के साथ रहने की क्षमता का प्रदर्शन किया है. 
भाषाएँ:
भारत में 22 आधिकारिक भाषाएँ हैं, और 1,600 से अधिक बोलियाँ बोली जाती हैं. यह भाषाई विविधता देश की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है और इसने सामाजिक ताने-बाने में कई तरह से योगदान दिया है. 
कला और संगीत:
भारत में विभिन्न प्रकार की कला और संगीत परंपराएँ हैं, जिनमें शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला और नक्काशी शामिल हैं। यह कला और संगीत देश के सांस्कृतिक वैभव को दर्शाते हैं. 
उत्सव:
भारत में कई तरह के त्यौहार मनाए जाते हैं, जिनमें दिवाली, होली, ईद, नवरात्रि और क्रिसमस शामिल हैं। इन त्योहारों का उद्देश्य लोगों को एकजुट करना, संस्कृति को संरक्षित करना और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना है. 
विभिन्न खाद्य पदार्थ:
भारत में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ और पाक कला हैं, जो देश के अलग-अलग क्षेत्रों में पाए जाते हैं। यह विविध पाक कला देश की विविध संस्कृति को दर्शाती है. 
विश्व धरोहर स्थल:
भारत में 43 विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें आगरा का किला, ताजमहल, अजंता और एलोरा की गुफाएं शामिल हैं। ये स्थल भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और इतिहास को दर्शाते हैं. 
कुल मिलाकर, भारत की सांस्कृतिक ताकत इसकी विविध और समृद्ध विरासत में निहित है। यह ताकत दुनिया भर में लोगों को आकर्षित करती है और भारत को एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक केंद्र बनाती है. 




राइटर - kedar Lal (K. L. Ligree/सिंह साब)  
Website - prernadayari.com


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