प्रेरणा से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्नोतरी - 2024 (questionary on motivation)

प्रेरणा डायरी (ब्लॉग  .prernadayari.com


Hindaun, Rajasthan (🇮🇳india) 

हिंडौन - करौली, राजस्थान, भारत।

दोस्तों नमस्कार ,


आप सब पाठकों का बहुत-बहुत स्वागत करता हूँ, मेरी प्रेरणा डायरी (motivation dayri) डायरी ब्लाग में।आप इस ब्लॉग को इतना प्यार और सम्मान दे रहे है, इसके लिए में हमेशा आप सब का ऋणि रहूँगा। इस ब्लाग में हम अब तक 19 पोस्ट पढ चुके है । सभी पोस्ट प्रेरित ( motivate) करने वाली और प्रेरणा देने वाली है। दोस्तों, एक दिन यूं ही, बैठे-बैठे, मैं एक पोस्ट लिख रहा था, तभी मेरे मन में यह विचार आया है कि क्यो ना एक पोस्ट प्रेरणा से सम्बन्धित प्रश्न उत्तरों के रूप में तैयार कि जाए। और आपके मन में उठ रहे सवालों को शांत किया जाए। इस पोस्ट में मैंने प्रेरणा पर बनने वाले अधिकतर प्रश्नों को शामिल कर लिया है।  भले ही ये सवाल सीधे तौर पर आपके द्वारा पूछे गये नहीं हैँ, लेकिन यह वह सवाल है जो कभी ना कभी आपके मन में भी उठते होंगे।  इसीलिए इनको पढ़कर निश्चित तौर पर आपको प्रसन्नता होगी और प्रेरणा से संबंधित प्रश्नों पर आपकी जिज्ञासा भी शांत होगी। अपनी विषय वस्तु प्रेरणा (Motivation) को आप और अधिक बेहतर ढंग से समझ पाएगे । जब हम किसी भी Topik को पढ़ते है तो जब तक उस टॉपिक से संबंधित questions को नहीं देखते, तब तक ऐसा महसूस होता है जैसे टॉपिक क्लीयर ही नहीं हुआ । ऐसी फिलिग्स आती है जैसे कुछ अधूरा- अधूरा सा है। ऐसा आपने भी अनुभव किया होगा। 

 उदाहरण के लिए मान लेते हैं कि -  आप भारत का भूगोल (geography of india) पढ़ रहे हैं।  तो अमूमन पहला चैप्टर भारत कि आकृति एवं विस्तार का होता है। आप भी भारत की आकृति विस्तार सीमाओं से संबंधित अध्याय का अध्ययन कर रहे हैं। चैप्टर को अच्छी तरह पढ़ लेने के बाद यदि अंत में आप इस अध्याय के प्रश्न उत्तरों को हल नहीं करते हैं तो आप बहुत कुछ छूटा हुआ महसूस करते हैं। कुछ अधुरा- अधुरा सा लगेगा । क्योंकि अभी आपने उस पाठ से सम्बन्धित महत्वपूर्ण प्रश्नोतरों (Question - Answer) को नहीं पढ़ा। जैसे ही आप आकृति एवं विस्तार पाठ के सभी प्रश्नों एवंं उत्तरों को पढ़कर समझ लेते है । उन्हें सॉल्व कर लेते हैं  तो एकदम से आपके टॉपिक  में सम्पूर्णता आ जाती है। आप पाठ को पूरी तरह समझ जाते है। आपको अतिरिक्त विषय वस्तु का भी ज्ञान हो जाता है। ठीक इसी प्रकार ही हमारा अध्याय है प्रेरणा । इससे सम्बन्धित महत्वपूर्ण प्रश्नों को पढ़ लेने से हम प्रेरणा को और अधिक भलि . भांती समझ पाएगे । ये ब्लाग  प्रेरणा डायरी (motivation dayari) आपको किसी syllebus या परीक्षा कि तैयारी के लिए आर्टीकल प्रकाशित नहीं करता , यहाँ मेरा मकसद आपको कॉम्पिटिशन कि तयारी करवाना नहीं अपितु आपको परीक्षा /व्यापार /उद्योग /नौकरी /Job आदि कि तैयारी के लिए तैयार करना है। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करने वाले आर्टिकल आप तक पहुँचाना है। 

( short answer types question ) 

( लधु उत्तर प्रसन्) 


Question 1. प्रेरणा (motivation) किसे कहते है..? 

Answer - अभिप्रेरणा का अंग्रेजी समानार्थक शब्द है motivation जिसकी उत्पत्ति बैटिन भाषा के (Latin) के शब्द Motum से हुई है। जिसका अर्थ है गति करना या to move या कोई क्रिया करना। प्रेरणा को अंग्रेजी में मोटिवेशन कहते है। प्रेरणा एक ऐसी प्रक्रिया है जिसको प्राप्त करने के बाद व्यक्ति गतिशील और सक्रिय हो जाता है। प्रेरणा को सीखने का हृदय और सीखने का स्वर्ण पथ भी कहा जाता है क्योंकि अभी प्रेरित व्यक्ति जल्दी अधिगम (Learning )करता है। प्रेरणा एक मानसिक प्रक्रिया और आंतरिक शक्ति है जो अंदर से किसी व्यक्ति को कार्य करने के लिए सदैव प्रोत्साहित करती है। प्रेरणा ही वह शक्ति है जो एक इंसान को कार्य करने के लिए प्रेरित करती है। और तब तक प्रेरित करती रहती है जब तक कि हमें लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए। प्रेरणा एक व्यक्ति को भीतर से संचालित करती है और उसे लक्ष्य की ओर निर्देशित करती है। 


Question 2. विख्यात विद्वानों ने प्रेरणा को किस प्रकार परिभाषित किया है..?

उत्तर :- प्रेरणा के मनोवैज्ञानिक अर्थ को स्पष्ट करने के लिए आइये कुछ परिभाषाएँ देखते है - 

 1. गुड महोदय :--" प्रेरणा कार्य को आरम्भ करने जारी रखने और नियमित करने कि प्रक्रिया है। "

ब्लेयर, जोन्स एवं सीम्पसन के अनुसार प्रेरणा :----"जिसमें सीखने वाले की आन्तरिक शन्तियाँ या आवश्यकताएँ उसके वातावरण में विभिन्न लक्ष्यों कि और निर्देशित होती है।"

3. ऐवरिल -  एवरिल कहते हैं कि " प्रेरणा का अर्थ है संजीव प्रयास। प्रेरणा कल्पना को क्रियाशील बनती है। यह मानसिक शक्ति तथा गुप्त और अज्ञात स्रोतों को जाग्रत करती है। यह बालक के कार्य करने, सफल होने, और विजय पाने की इच्छा को प्रोत्साहित करती है।"


 Question 3. मोटीवेशन शब्द कि उत्पत्ति किस भाषा से हुई है..? 

उत्तर-  मोटीवेशन शब्द कि उत्पत्ति लेटीन भाषा के शब्द "motam"  से हुई है जिसका अर्थ होता है गति करना।  (Motion, मोशन ) 


Question 4. किस प्रेरणा को बाह्य प्रेरणा भी कहते है।

उत्तर --- नकारात्मक प्रेरणा को । 


Question 5.प्रेरणा कितने प्रकार की होती है ?

उत्तर--  प्रेरणा दो प्रकार की होती है -

1.सकारात्मक 2 .नकारात्मक। 


Question 6. प्रेरणा के स्रोत कौन कौन से है ? 

प्रेरणा के निम्न लिखित 4 मुख्य स्रोत है 

- -आवश्यकता (need)--

 --चालक (Drive) --

 -- उद्दीपन (Incentives) 

  -- प्रेरक (Motives)


 Question 7. क्या आवश्यकता हमें प्रेरणा देती है..? यदि हां तो कैसे..?

उत्तर - प्रतीक प्राणी की कुछ आधारभूत आवश्यकताएं होती हैं, जैसे रोटी, कपड़ा, मकान, भोजन, वायु, जल आदि। इन आवश्यकताओं की पूर्ति के बिना जीवन संभव नहीं। इन आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होने पर मनुष्य के शरीर तथा दिमाग में तनाव एवं संतुलन होता है जिसके फल स्वरुप प्राणी क्रियाशील होता है। उदाहरणार्थ - जब मनुष्य को भूख लगती है तो उसमें तनाव आता है जिसके कारण वह भोजन की खोज करने लगता है तथा क्रियाशील हो जाता है। भूख उसे भोजन जुटाने की प्रेरणा देती है। वह भोजन की खोज करने लगता है और भोजन को प्राप्त करके अपने आप को संतुष्ट करता है।

 आवश्यकता एवं दो प्रकार से उत्पन्न होती हैं। कमी से और वृद्धि से। जब हमारे शरीर या मन में किसी चीज की कमी होती है तो उसे ग्रहण करने की आवश्यकता महसूस होती है। और जब हमारे शरीर या मन में किसी चीज की वृद्धि होती है तो उसे त्यागने की आवश्यकता महसूस होती है।

 एक प्राचीन कहावत है कि " आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है।" आवश्यकता मनुष्य को कार्य करने के लिए प्रेरित करती हैं। आवश्यकताओं के कारण व सक्रिय हो जाता है और उनको पूरा करने में जुट जाता है। 




Question 7. प्रेरक (motive) किसे कहते है? 

उत्तर :----प्रेरक व्यक्ति को विशेष प्रकार कि क्रिया और व्यवहार करने के लिए प्रेरित करते है। एलिस क्रो के अनुसार  "प्रेरकों को ऐसी आंतरिक दशा या शक्ति माना जाता है, जो व्यक्ति को निश्चित लक्ष्यों कि और प्रेरित करती है। प्रेरक एक व्यापक शब्द है । कुछ विद्वान  इनको जन्मजात और अर्जित, दो प्रकारों मे मानते हैं जबकि कुछ मानोवेज्ञानिक दशाएँ मानते है। मैसलो प्रेरक के दो प्रकार बताते है जन्मजात 2 अर्जित । 


Question 8. जन्म जात प्रेरक क्या होते है ? 

ये प्रेरक व्यक्ति में जन्म से ही पाये जाते है। इनको जैविक या शारीरिक प्रेरक भी कहते हैं । जैसे - भूख, प्यास, काम, निद्रा, विश्राम आदि ।

 

Question 9. अर्जित प्रेरक क्या है..? 

उत्तर- ये वो प्रेरक है जो अर्जित किये जाते है या सीखे जाते हैं जैसे रुचि, आदत, 


Question 9. प्रेरणा कि कोई 5 विशेषताएँ बताइये..?

 प्रेरणा कि विशेषताए:- 

-- यह एक ऐसी आंतरिक शक्ति है, जो व्यक्ति को प्रेरित करती है

---  प्रेरणा लक्ष्य उन्मुख होती है एक छात्र / व्यक्ति को अपने लक्ष्य कि और अग्रसर करती है 

   -- अभिप्रेरणा हमारे व्यवहार को निर्देशित एवं नियमित करती है। 

  -- प्रेरणा ध्यान एवं रूचि को विकसित करके हमारे अधिगम (Learning) में सहायता प्रदान करती है । 

  --  प्रेरणा एक जटिल प्रक्रिया है, जो प्राणी के अन्दर तथा पर्यावरण में प्रभावित अनेक चरों ( Variables) द्वारा प्रभावित होती है। 


Question 10  - शिक्षा किसे कहते हैं.? 

दोस्तो केवल पढ़ लेना, स्कूल चले जाना। या साक्षर होना, केवल यही शिक्षा नहीं है। गाँधी जी ने स्वम शिक्षा के बारे में विचार देते हुए कहा कि शिक्षा एक छात्र के शरीर, आत्मा, और मतिष्क के विकास कि प्रक्रिया । शिक्षा वही सार्थक जो बालक का सर्वागीण विकास करे | आधुनिक काल में ही शिक्षा महत्वपूर्ण है, ऐसा नहिं है अपितु प्राचीन काल में भी शिक्षा को मनुष्य का तृतीय नेत्र कहा जाता था। यह बात उस समय भी इसके महत्व को इंगित करती है। आधुनिक समय में डॉ. राधाकृष्णन :---  ने शिक्षा पर अपना वक्तव्य देते हुए कहा " शिक्षा वह है जो मनुष्य और समाज दोनों का निर्माण करें। इस कार्य के बिना शिक्षा अनुर्वर (Incomptete) । 


Question 11  प्रेरणा कि विधियाँ कौन कौन सी है, नाम बताइये .?? 

-रूचि । 

-सफलता । 

-- प्रतिदुवंदिता।  

 -- प्रशंसा । 

 -- पुरुस्कार। 

-- परिणाम का ज्ञान | 

---  आवश्यकता का ज्ञान | 

-- खेल विधि | 

-- असफलता का भय दिखाकर । 

-- अच्छी शिक्षण सामग्री और अच्छी शिक्षण विधियों का प्रयोग करके। 


Imagination 

Question 12 . कल्पना क्या होती है. ? 

उत्तर : -- दोस्तो कल्पना एक आश्चर्यजनक मानसिक प्रक्रिया है, जिसमें हम पिछले अनुभव के आधार पर किसी नई वस्तु का निर्माण करते है । कल्पना एक रचनात्मक और स्राजनत्मक गुण है। कल्पना  के माध्यम से ही मनुष्य ने निर्माण किया।और विकास किया । आविष्कार, खोज, साहित्य, लेखन, नव  निर्माण, आदि सब कल्पना कि देन है। 


question 13.  अधिगम (Learning) किसे कहते है.? 

।उत्तर :- आधगम जीवनपर्यन्त चलने वाली एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने अनुभवों द्वारा व्यवहार में परिवर्तन लाता है " । जैसे--पहली बार बालक जब गर्म गैस चूल्हे को छू लेता है। उसे जलन और पीड़ा होती है। अब अब कभी भी वह गर्म चूल्हे के पास जाता है तो उसे छूने का प्रयास नहीं करता क्योकि उसने सीख लिया की आग से जलते है। और अपने व्यवहार में परिवर्तन कर लिया अर्थात अब गर्म चूल्हे से दूर रहने का फैसला निर्णय कर लिया। मनोवैज्ञानिक स्किनर (skinner- A.P. 199) अधिगम् को परिभाषित करते हुए कहते है कि " सीखना व्यवहार में उत्तरोत्तर सामजस्य कि प्रक्रिया है। " Learning is a process of progressive be haviour adaptation l " 

 

Question 14. प्रेरणा का क्षेत्रिय सिद्धान्त (feld thory) किसने दिया।  

उतर :-- कूर्त लेविन ने। 


Question 15. प्रेरणा इतनी महत्वपूर्ण  क्यो है. ? 

उत्तर - दोस्तो प्रेरणा बड़ी जरूरी ताकत है। 

-- प्रेरणा आपको आपको लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अग्रसर करती है। 

--प्रेरणा हमारी कार्यकुशलता और उत्पादकता को बढ़ा देती है, जिससे हमें सफलता प्राप्त होती है। 

--प्रेरणा इंसान  के अन्दर उत्साह, जोश और सकारात्मकता का संचार करती है। 

 -- प्रेरणा व्यक्ति को निर्देशित व्यवहार के लिए तैयार कर देती है।

 इन 4-5 बिन्दुओं को पढ़कर ही आप सरलता से यह समझ गये होंगे कि प्रेरणा इतनी ज्यादा महत्वपूर्ण क्यों है। 


Question 16. प्रेरणा की विशेषताओं की विस्तार से व्याख्या कीजिए..?

उत्तर -- प्रेरणा की अनेक विशेषताएं हैं। मैं सीधे आपके प्रश्न का उत्तर देते हुए प्रेरणा की समस्त विशेषताओं को बिंदुवार बता देता हूं --

1. प्रेरणा एक आंतरिक शक्ति है जो क्रिया करने हेतु व्यक्ति को प्रेरित करती है।

2. यह है प्रेरित क्रिया को सतत बनाए रखती है।

3. प्रेरणा एक लक्ष्य -उन्मुख क्रिया है।

4. इसके द्वारा क्रिया या व्यवहार चयनात्मक होता है, अर्थात जो एक निश्चित लक्ष्य की प्राप्ति हेतु विशिष्ट क्रिया करने की प्रेरणा देता है।

5. अभिप्रेरणा हमारे व्यवहार का निर्देशन एवं नियमन करता है।

6. अभिप्रेरणा एक ऐसा तनाव है जिसका शमन लक्ष्य प्राप्ति के बाद ही होता है।

8. प्रेरणा अभिरुचि एवं अवधान को विकसित करती है।

9. प्रेरणा अधिगम/learning में सहायक होती है।

10. अभिप्रेरणा के दो मुख्य कारक हैं - 1.  शारीरिक तथा  2. मनोवैज्ञानिक।

11. अभिप्रेरणा की मुख्य स्रोत -आंतरिक तथा -बाह्य दो प्रकार के होते हैं।

12. "अभिप्रेरणा अत्यंत जटिल प्रक्रिया है। जो प्राणी के अंदर तथा पर्यावरण में विद्यमान अनेक कारको द्वारा प्रभावित होती है वस्तुतः यह शारीरिक एवं संवेदनात्मक कारकों के अतिरिक्त अनेक अन्य तत्वों जैसे -- आदत, मानसिक स्थिति, प्रोत्साहन, मूल्य, अभिवृत्ति, अभिरुचि, आदि से प्रभावित होती है।"

14. " अभिप्रेरणा एक ऐसाी मनो सामाजिक तथा आंतरिक प्रक्रिया है जो किसी आवश्यकता की उपस्थिति में प्रारंभ होती है तथा उस ओर उन्मुख होती है जो उस आवश्यकता की संतुष्टि करती है।"




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Website URL - prernadayari.com

राइटर - kedar lal 



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