क्या होता है आत्मविस्वास..?. ..इसे कैसे बढ़ाया जा सकता है...?

प्रेरणा डायरी।

  Date 26/05/2023
टुडावली राजस्थान (India) 


 आत्मविस्वास क्या होता है...? इसे कैसे बढ़ाया जा सकता हैं....? ( what is self--confidence and how can increase it)

दोस्तो, नमस्कार।


     "उम्मीदों की उडान"- प्रेरणा डायरी।


 "प्रेरणा डायरी" 

नमस्कार, आज "प्रेरणा डायरी"  डायरी के पन्नों पर स्थित पोस्ट आपके लिए खासी महत्वपूर्ण होने वाली है । हम सब "Self -- confidence" के बारे में अधिक से अधिक जानकारी चाहते है। आज की पोस्ट "आत्मविस्वास" को लेकर हमारे मन की सभी शंकाओ और आशंकाओं को शांत करेगी ।ऐसा मेरा विश्वास है। 

  • आज के इस आर्टिकल में हम निम्न बिंदुओं को समझने का प्रयास करेंगे..                 
  • आत्मविस्वास को कैसे बढ़ाये ।
  • आत्मविस्वास में वृद्धि के उपाय । 
  • निष्कर्ष। 
  • प्रश्न। Question। 
 भूमिका --
 
दोस्तो, जीवन का छेत्र व्यापक भी है.. और विशाल भी । इंसान अपने जीवन मे अनेक उपाय और साधनों के द्वारा आगे बढ़ने का प्रयास करता है। हम मे से जो प्रतिभाशाली होते है, वो अवसरों के अनुकूल साधनों का निर्माण कर लेते है।अपना स्वय का नया मार्ग बनाते है । वो बनी बनाई और तैयार राहो पर चलना नापसन्द करते है। कहा भी गया है कि "लीक छोड़ तीनों चले - सायर, सिंह, सपूत। अर्थात् ये तीनो सायर, सिंह और सपूत हमेशा लीक (रास्तो) से हटकर अपने नये रास्तो पर चलना उचित् समझते है । बनी बनाई रास्तों पर चलना उनको ना गवार गुजरता है। वह अपने खुद के नए रास्ते बनाकर उन पर चलना पसंद करते हैं। यह आत्मविश्वासी लोगों की पहचान होती है। प्राचीन काल से ही आत्मविस्वास अध्ययन का विषय रहा है। हमारे धर्म ग्रंथों में अपने आप को पहचान्ना।अपने बल को  पहचान्ना । और अपने सामर्थ को जानना ही आत्मविस्वास कहलाया । 


 आत्मविश्वास का अर्थ और परिभाषा:--

आत्मविश्वास को मनोबल भी कहा जाता है। आत्मविश्वास का सीधा और सरल अर्थ होता है -- हमारा स्वयं पर भरोसा। हमारा अपने आप पर कितना यकीन हैं। किसी कार्य को करते वक़्त हम अपने आप पर कितना विश्वास करते है, यही आत्मविस्वास के रूप मे तोला जाता है। आप अपनी अंदर की शक्तियों पर कितना यकीन करते है, यही जानना आत्मविश्वास है। आपको अपनी आत्मा पर कितना भरोसा है अपने अंदर की शक्तियों पर कितना भरोसा है। 

आत्मविश्वास वह ऊर्जा है जो, सफ़लता की राह में आने वाली कठिनाइयों, परेशानियों, और अड़चनों से मुकाबला करने के लिए हमें साहस प्रदान करती है । आत्मविस्वास एक प्रकार की अध्यात्मिक और मानसिक शक्ति है। और अपनी सक्तियो पर भरोसा आत्मविस्वास है । आत्मविस्वास की शक्ति के द्वारा ही हम अपने महान कार्यो का संपादन करते है । आत्मविस्वास से भरा हुआ इंसान शंका और संदेहो की दुनिया से बहुत दूर होता है।  बिना आत्मविस्वास का व्यक्ति जीवन में सफल नहीं हो सकता। आत्मविस्वास  में अपार शक्ति होती हैं । आत्मविश्वास  से हमारे कार्य करने की  क्षमता बहुत बढ़ जाती है । तो दोस्तो आपको समझ में आ गया होगा की सेल्फ कॉन्फिडेंस क्या होता है...? अब हम बात करते है कि हमारे कुछ ऐसे दोस्तो की। सैकड़ो छात्र और युवाओं की जिनका यह सवाल होता है।
कि " ठीक है हम मान लेते हैं कि हमारा आत्मविश्वास कमजोर हो गया है लेकिन अब वह कौन से उपाय हैं जिन्हें अपना कर हम अपने आत्मविश्वास में बढ़ोतरी या सुधार कर सकते हैं..? 
 जी हाँ, हम चाहें तो अपना आत्मविश्वास बढ़ा सकते है । अपनी लाइफ स्टाइल, जीवन शैली, आदतों, और कमियों में सुधार कर अपनी आत्म शक्ति, आत्मविस्वास को इंक्रिज़ कर सकते है।


 आत्मविश्वास बढ़ाने के उपाय :-


दोस्तो हम सभी अपने जीवन में  सफल होना चाहतें हैं ।लेकिन इस सफ़लता के लिए आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है। आप अपने किसी कार्य को करना चाहते है। अपना  लक्ष्य पाना चाहते है तो सबसे पहले खुद पर भरोसा करना  आना चाहिए । अगर ऐसा है ,आपको अपने आप पर विस्वास है तो कार्य आरम्भ होते ही आपकी आदि से अधिक समस्याएं सोते ही समाप्त हो जाती हैं। आप ये उपाय और तरीके अपनाकर निश्चित रूप से अपना सेल्फ कॉन्फिडेंस बढा सकते है।


1.अपना कम्फर्ट जॉन छोड़े--

 कंफर्ट जोन आपको एक निश्चित दायरे में बांध देता है, इस दायरे से बाहर निकालने की सोचwiने पर ही आपका कॉन्फिडेंस डगमगाने बनने लगता है। क्योंकि कंफर्ट जोन ने आपको सीमाओं के अंदर रहने के लिए बाध्य कर दिया है। लंबे समय तक कंफर्ट जोन में रहने वाले छात्रों का आत्मविश्वास कमजोर हो जाता है, खास कर तब जब वह नए काम और नई जिम्मेदारियां से रूबरू होते हैं। 

कॉम्फर्ट जोन से तात्पर्य है कि, हम अपने आपको, अपने कार्यो को एक सीमित दायरे में समेट लेते है। और लंबे समय तक अपने आप को इस दायरे में समेट कर रखते हैं।अपने लिए एक आरामदायक कार्य छेत्र चुन कर उसमे बंध जाते है ।कॉम्फर्ट जोन मै कार्य करने वाले व्यक्ति को जैसे ही कोई नये काम मिलेगे, तो वह होंसला नहीं जुटा पाएगा, नई जिम्मेदारियां को ठीक से नहीं निभा पाएगा। नई जिम्मेदारियां का निर्वहन करने में उसे संकोच और झिझक महसूस होगी । उसे डर लगेगा। वह घबरा जायेगा। क्योकि वह तो  कंफर्ट जोन का आदि हो चुका है । आनंददायक जीवन शैली इंसान का दायर सीमित कर देती है।  ऐसा व्यक्ति नये कार्य और नई चुनोतियों को स्वीकार  नहीं कर सकता। जबकि आत्मविश्वास से भरा हुआ इंसान चुनोतियों का स्वागत करता हैं । उन्हे सवीकार करता हैं । आपके ऐसे कार्य करते ही आपका आत्मविस्वास भड़ने लगेगा। हमेसा पॉजिटिव रहे।  ख़ुद भी खुश रहें और दूसरों को भी खुश रखने का प्रयाश करें। 


2. आत्मविश्वासी लोगों का साथ चुनें --


दोस्तो आज के समय मे हमारे आस पास, रिस्तेदार, दोस्त, परिजन, सगे संबन्धी,....अधिकतर लोग ऐसे होगे, जो किसी ना किसी प्रकार आपका कॉन्फिडेंस डाउन करेंगे । आप कुछ भी करेंगे.. तो कमिया गिनाने बैठ जायेंगे। आपको गिराने का प्रयास भी कर सकते हैं । ऐसे व्यक्ति दूसरो को सुखी और सफल नहीं देख सकते । इसीलिए वो हमेसा दुखी रहते हैं।  ऐसे लोगों से दूर रहे । आत्मविश्वासी लोगों के साथ चले। जो खुद भी कामयाब होते है ,और दूसरो को भी उत्साहित करते है। हमेसा आत्मविस्वासी और मोटिवेट  लोगों के संपर्क मे रहे। ऐसा करने से आपका विश्वास बड़ेगा। दोस्तों एक पुरानी कहावत खूब प्रसिद्ध है कि "जैसा रखोगे संग वैसा चड़ेगा रंग"। 

3. अपनी खूबियों को पहचाने--


कोई व्यक्ति अपने आप में संपूर्ण नहीं होता । और जो सम्पूर्ण है वो इंसान नहीं हो सकता -- क्युकी सम्पूर्ण तो ईस्वर् ही होता है। हर मनुष्य के अंदर कुछ गुण होते हैं और कुछ अवगुण । हमे अपनी खूबियों, रुचियों पर ध्यान देना है। आज ही एक लिस्ट बनाओ/उसमे अपनी खूबियों को लिखो उन्मसे कोई एक, दो पर वर्क करो।आप अपनी रुचि के काम करने से खुश तो रहंगे ही , साथ ही आप अपना करियर भी बना सकते है l जैसे--- आप अच्छा लिखते हैं, तो आप अपनी एक डायरी बनाकर उसमे लिखे । सारी बाते लिखे ।अपने विचारों को  व्यक्त करे इस से दो लाभ होंगे, एक तो नया कार्य करने से आपका आत्मविस्वास बढ़ेगा दूसरा रोज लिखने के अभ्यास से आपकी प्रतिभा निखर कर आने से आप बहुत अच्छे लेखक बन सकते हैं। आप कि अगर पेंटिग मै रुचि है तो पेंटिग करे, आपका आत्मविस्वास बड़ेगा, मोटिवेट रहेंगे, और हो सकता है आगे चलकर आप एक अच्छे पेंटर ही बन जाए ।अतः अपनी रुचियों और खूबियों को पहचान कर उन पर थोड़ी मेहनत करे। 

-- दोस्तों हर सफल इंसान के पीछे कोई ना कोई प्रेरणा जरूर होती है। यदि आप चाहते हैं कि प्रेरित रहे अपने प्रतियोगी परीक्षाओं की अच्छे से तैयारी करें और अच्छे परिणाम देकर सफलता और कामयाबी अर्जित करें तो प्रेरणा डायरी के यूनिक और मौलिक आर्टिकल को जरूर पढ़ें --www.prernadayari.com 


4. दूसरों से तुलना ना करें --


हर व्यक्ति की अलग अलग तरह की  छमता, और विशेष ता होती है! इसलिए कभी अपनी तुलना दूसरो से ना करे! ऐसा करने से आप अपना विश्वास खो देंगे! आज बच्चो का आत्मविस्वास इसलिए भी कमजोर हो रहा है क्योकि पेरेंट्स बच्चो से बहुत अधिक अपेक्सा पाल लेते है, अन्य स्टूडेंट्स से तुलना की जाती है! तुलना मै हमेसा उसे कमजोर बताया जाता है इस से  धीरे धीरे बच्चों का विश्वास दग्मगाने लगता है, । हमे अपनी तुलना किसी से नहीं करनi  हम अपने आप मै सर्वश्रेष्ठ है! । 


5. अच्छा नेचर् बनाये--


अपने मानो भाव अच्छे रखे क्षमाशील बने ताकि आपमे विनम्रता का गुण विकसित हो। आपके अछे नेचर से आपके विचार और द्रस्टिकोण सकारात्मक होंगे। अच्छे नेचर के लिए हंसना, मुस्कुराना जरूरी है। खुश रहने से अच्छा नेचर विकसित होता है । जितना हो सके खुश रहे और जीवन का आनंद ले।


7. सकारात्मक रहे --


नकारात्मक विचारों को मै पहले ही "नरक " की संज्ञा दे चुका हुँ। क्योकि मैने लोगों की जिंदगी पर नकारात्मक विचारों का कुप्रभाव देखा है। एक नकारात्मक व्यक्ति खुद के साथ, दूसरो का जीवन भी नरक बना देता है । जैसे हमारे विचार होते है हम वैसा ही बन जाते है । जैसा हम सोचते है वैसा ही हमारे जीवन मै घटित होने लगता है।बुरे विचार हमारे मन और मतिस्क् को दूसित कर देते हैं। ऐसी एस्ति में हम कदापि आत्मविश्वासी नहीं बन सकते अथ अच्छी सोच रखे। हमेसा अच्छा ही सोचें। अच्छा करे। अच्छा सुनें। अच्छा खाये ।अच्छा देखें। और आत्मविस्वास के साथ जिये। 


इसके अतिरिक्त निम्न कार्यो को भी अपनाये


8. अच्छे पलों का जस्न मनाये। 

9. अपने आप की सराहना करे। 

10. खुशी देने वाले काम करें। 

11. लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें। 

12. शीघ्र फैंसले लें। 

दोस्तो इन नियमो और सिधांतों को अपनाकर आप अपने आत्मविस्वास मै वृधि कर सकते है।।

 

Conclusion:- निष्कर्ष 


आत्मविस्वास का अर्थ अलग अलग संदर्भो मै भिन् भिन्न हो सकता है; पर वास्तव में इसका तात्पर्य ""खुद पर भरोसा करने '" से है। आत्म विश्वास हमे महान कार्यो को करने के लिए प्रेरित करता है। बिना आत्मविस्वास के जीवन के किसी भी छेत्र में सफ़लता मिलना मुश्किल कार्य है।आत्म विश्वास हमे खुद पर भरोसा करना सिखाता है।मै अंत मै इतना ही कहूंगा की -- ""आत्मविस्वास" जीवन का आधार है।.

दो,स्तो आप को मेरे लिखे हुए आर्टिकल कैसे लग रहे है कंमेंट करके बताये,  आपके सुझाओ का सुवा गत है। ब्लॉग पर भरोसा रखे।


ब्लॉग - प्रेरणा डायरी।

वेबसाइट - www.prernadayari.com

राइटर - kedar lal 


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