प्रेरणा डायरी।
टुड़ावली, करौली, राजस्थान - 321610
"उड़ान"
आज "प्रेरणा डायरी(ब्लॉग) की 5वीं पोस्ट पढ़ते हैं। यह पोस्ट एक "प्रेरणादायक" स्पीच है। यह एक ऐसा प्रेरक भाषण है जो आपके अन्दर शक्ति उत्पन्न करके, जोश भर देगा। आपको हार के बाद फ़िर से जीतने के लिए खड़ा करेगा। दोस्तो आप को जब कभी भी निराशा सताये.! आप किसी समस्या को लेकर परेशान हों। हतोत्साहित हो रहें हो, तब आप प्रेरणा डायरी ब्लॉग पर आये और इसके आर्टिकल् पढ़े, आपको बेहतरीन आर्टिकल पढ़ने को मिलेंगे।आप को नया जोश महसूस होगा l
प्रेरक भाषण / प्रेरणा दायक अभिभाषण /
प्प्रेरणा का एक ऐसा स्रोत है जिसके अंदर अनंत ऊर्जा है। प्रेरणा निराशा भरे जीवन में आशा की शीतलता बरसाने वाली बूंदो के समान हैं। जो निराशा भरे जीवन मे आसा की एक नदी बहाते है। प्रेरणादाई विचार जीवन में आगे बढ़ने और सफलता हासिल करने मै सहायता प्रदान करते है।
दोस्तो, मेरे प्यारे छात्र छात्राओं और युवा साथियों अगर आप कुछ बड़ा करना चाहते हो.। अपने सपनों को हकीकत में बदलना चाहते हो। उन्हें साकार करना चाहते हो। आपके दिल में सफलता और कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ने की हसरत है। तो आपको अपनी राह खुद चुननी होगी।
भेड़ बकरियों की तरह चलना बंद करना पड़ेगा। भेड़ चाल कमजोरी का प्रतीक है। और कमजोर इरादे वाले लोगों को कामयाबी मिल जाए इस पर जरा शक ही होता है। कामयाबी हासिल करने के लिए अपने अंदर की कमजोरी को देखना और उन पर वार करना अर्थात उन्हें दूर करना बहुत जरूरी होता है।
अपने अंदर की कमजोरियों पर पूरी ताकत के साथ वार करके ही आप पार हो सकते हो।
कुछ पाना चाहते हो,
तो कुछ खोना भी पड़ेगा
अगर हँसना चाहते हो,
तो पहले रोना भी पड़ेगा।
चैन से सोना चाहते हो,
तो पहले रातों को जागना पड़ेगा।
और अगर लोहा बनना चाहते हो
तो आग के तप में तपना पड़ेगा।।
कुंदन बनने से पहले आग की लपटे झेलनी पड़ती है।सोना यूं ही सोना नहीं बन जाता।आलोचना झेलनी पड़ेंगी, सब सहना पड़ेगा। सब सहना भी है, मुस्कुराते हुए, सीना तान कर सहना है। जीवन एक संघर्ष हैं। इसमें कभी हार तो कभी जीत का सिलसिला लगा रहता है। अगर आप चाहते हैं की आपका जीवन महान हो तो आपका विश्वास आपके डर से बड़ा होना चाहिए। खुद पर भरोसा करो, और हमेसा अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ो। अपना चरित्र और अपने इरादे साफ रखो।
अपनी उडान कभी कमजोर नहीं होनी चाहिए। जिसके पास होंसलो की उडान है, उसके पास सब कुछ है। जो उम्मीद का दामन नहीं छोड़ता, उसकी जीत निश्चित है।
मन्जिल उन्हीं को मिलती हैं,
जिनके सपनो में जान होती है,
पंखों से कुछ नहीं होता,
होसलो से उडान होती है।
मुश्किल घड़ियाँ हम सब के जीवन में आती है. मुश्किलों से डरना या घबराना नहीं चाहिए। अँधियो का सामना करो। उनका मुकाबला करो. मुश्किल दिनों मे..। यह भी सत्य है की कठिन परिस्थितियों में हमारे अपने भी साथ छोड देते है।
Aap अपने खराब दोर को छोड़ कर, खुद को फिर से खड़ा करे। अपने अन्दर एक नया जोश, नई ऊर्जा, नई शक्ति जाग्रत करे। जीतने का असली मजा तब है, जब सब आपके हारने का इंतजर कर रहे हो।
कोई भी काम करने से पहले स्वम से तीन प्रस्न करे....
1. मैं ये क्यों कर रहा हु...?
2. मेरे दुवारा किये जा रहें इस कार्य का परिणाम क्या होगा..?
3. इस कार्य के मेरी जिंदगी पर क्या असर पड़ेंगे..?
इन सवालो के संतोष जनक जवाब आने के बाद ही आगे बड़े, कोई भी इंसान अपने जन्म से नहीं अपने कर्मो से महान बनता है! और जो महान प्रतिभा होती है उसमे पागलपन का मिश्रण होता है! ब्रमांड की सभी सक्तिया हमारे अन्दर है!! जितना हम दूसरो का भला सोचते है, उतना ही हमारा हिरदय पवित्र होता है! अपने आप को निर्बल समजना सबसे बड़ा पाप है!!!! हमारे विचार ही हमारा निर्मांड् करते है, इसलिए हमें शब्दो पर नहीं अपनी सोच पर ध्यान देना चाहिए! अपने दिमाग को हमेसा उच्च कोटि के विचारों से भरो! ऐसा करने से निश्चित ही अनोखा फल प्राप्त होगा
प्रेरणादायk लेख, विचार, किताबे, कविता हमे जीवन के तमाम ऐसे पड़ाओ से निकालने म मदद करती है, जब हम निरास होते है,! प्रेरणादायक विचार हमारे जीवन मै अत्मविश्वस् लाने के साथ हमें और मजबूत बनाते है!!
कामयाबी कि मजबूत नींव - सकारात्मक सोच..!
जिस प्रकार इंद्रधनुष के बनने के लिए बारिश और धूप दोनों की जरूरत होती है, उसी प्रकार एक पूर्ण व्यक्ति बनने के लिए हमें भी जीवन के खट्टे-मीठे अनुभवों से होकर गुजरना पड़ता है। हमारे जीवन में सुख भी है और दुख भी। अच्छाई भी है और बुराई भी है। जहां सफलता हमें खुशी देती है, वहीं असफलता हमें मजबूत बनाती है। पर इन सबसे ऊपर हमें अपने जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण बनाएं रखने की आवश्यकता है। सकारात्मक व नकारात्मक विचार बीज की तरह होते हैं, जिन्हें हम दिमाग रूपी जमीन में बोते हैं। जो आगे चलकर हमारे दृष्टिकोण एवं व्यवहार रूपी पेड़ का निर्धारण करता है। एक तरफ नकारात्मक विचार हमें घोर अंधकार में धकेल सकते हैं, वहीं दूसरी ओर सकारात्मक सोच हमें असफलता के अंधकार से निकाल सकती है। सकारात्मक सोच आपके अंदर ऊर्जा का संचार करती है और आपको एक बेहतर इंसान भी बनाती है। इसलिए हालात चाहे कितने ही बुरे हों लेकिन सोच हमेशा सकारात्मक रखनी चाहिए।
कोई पत्थर चोट खाके कंकर-कंकर हो गया,
और कोई पत्थर चोट सहके शंकर-शंकर हो गया।
छोटी-छोटी लपटें अधिक गर्मी नहीं दे सकतीं वैसे ही कमजोर इच्छाशक्ति बड़े नतीजे नहीं दे सकती। जो व्यक्ति प्रतिकूल परिस्थितियों में आगे बढ़ने की चाह रखते हैं, जिन्दगी उन्हीं के आगे सर झुकाती है। इस दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं। हम वो सब कर सकते हैं, जो हम सोच सकते हैं और हम वो सब सोच सकते हैं, जो आज तक हमने नहीं सोचा। सबसे पहले अपने अंदर के डर को देखना होगा। उसके प्रभाव को सकारात्मकता से बाहर निकालना होगा और उसके बाद विजन व मिशन तय करके आगे बढ़ना होगा। डर से जीतना बहुत जरूरी है, यह डर नकारात्मकता का है, इसे बाहर निकालना होगा। हमें अपना लक्ष्य निर्धारित कर इच्छाशक्ति अनुसार कार्य करना होगा। कहते हैं, लहरों के डर से नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती। इस मूलमंत्र को हम अपने जीवन में उतार लें तो हर समस्या का समाधान संभव है। मजबूत इच्छा हर उपलब्धि का पहला पायदान है।
करत-करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान।
रसरी आवत जात तें, सिल पर परत निसान।।
जिस प्रकार कुएं से पानी खींचने के लिए बर्तन से बांधी हुई कोमल रस्सी कुएं के किनारे वाले पत्थर से बार-बार रगड़ खाने के बाद पत्थर पर निशान छोड़ देती है, ठीक उसी प्रकार निरंतर परिश्रम, अभ्यास और चेष्टा करते रहने से असाध्य माना जाने वाला कार्य भी सिद्ध हो जाया करता है। और शायद नूतन वर्ष 2020 का यही सन्देश सर्वोपरि है कि-
हर दिन अपनी जिन्दगी को एक नया ख्वाब दो,
चाहे पूरा ना हो पर आवाज तो दो।
एक दिन पूरे हो जाएंगे सारे ख्वाब तुम्हारे,
सिर्फ एक शुरुआत तो दो।
एलिसन फेलिक्स, ओलंपिक्स भावना - और आप लाभ कैसे उठा सकते हैं, 2024
एलिसन फेलिक्स 11 बार के ओलंपिक पदक विजेता हैं।
दरअसल, वह इतिहास के सबसे प्रतिष्ठित ट्रैक और फील्ड ओलंपियन हैं। एक एथलीट के रूप में उनकी प्रेरणा के अलावा, वह अपने खेल के रूप में भी आकर्षक रूप से प्रेरक हैं। वह सभी क्षेत्रों में जीवन की असफलताओं से अंतिम संस्कार का रास्ता छोड़ती हैं। पेरिस में 2024 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक से लाइव, फेलिक्स ने चर्चा की है कि दबाव में कैसे आगे बढ़ाया जाए और एक ऐसा उद्देश्य कैसे खोजा जाए जो जीत से दूर हो। इस प्रेरक भाषण में, उन्होंने ठोस सलाह दी है कि जो भी किसी को प्रभावित करेगा, वे जीवन में कहीं भी हों।
बराक ओबामा, डी.एन.सी. भाषण, 2004
बराक ओबामा संयुक्त राज्य अमेरिका के पहले अफ्रीकी-अमेरिकी राष्ट्रपति बने, जब वे शिकागो में ग्राउंड लेवल के कार्यकर्ता समुदाय के बाहर बहुत कम जाने वाले थे, तो उन्हें 2004 में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय मंच दिया गया था। उन्होंने स्वीकार किया कि हर कोई क्या सोच रहा था और उनके सम्मेलन में दर्शकों को इस बात पर आश्चर्य हुआ। लेकिन उन्होंने अपने पूर्वजों के बारे में शुरुआत की, जो अन्य अमेरिकियों से अलग नहीं थे, जो अंततः अप्रवासियों के देश हैं। उन्होंने दर्शकों, राष्ट्र और यहां तक कि दुनिया को भविष्य के लिए आशा की भावना से भर दिया। इस भाषण के बाद उन्होंने लोगों से जुड़ना जारी रखा और उन्हें चार साल बाद देश के सर्वोच्च पद पर जाने के लिए प्रेरित किया।
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जिम कैरी, दीक्षान्त प्रवचन, महर्षि विश्वविद्यालय, 2014
फैंटेसी से लेकर कॉमिक तक, जिम कैरी जैसे एक्टर भी मोटिवेशनल शब्द खोज सकते हैं। अपने सफल वैज्ञानिकों के इस उपदेश पर, कैरी सेल्युलाइड के विदूषक से ईश्वरीय गुरु बन गये। यह परिवर्तन पहली बार 2014 में गणित विश्वविद्यालय के स्नातकों के लिए इस भाषण में दिया गया था। उन्होंने भावी प्रबंधकों से कहा कि उन्हें कभी भी अपनी इच्छा से कम पर समझौता नहीं करना चाहिए। उन्होंने अपने पिता के बारे में बात करते हुए यह स्पष्ट कर दिया था, जो एक हास्य अभिनेता बन सकते थे, लेकिन उन्होंने एक सुरक्षित नौकरी का चुनाव किया - एक ऐसी नौकरी जिसे उन्होंने अंततः खो दिया। कैरी पर यह जीवन सबक व्यर्थ नहीं गया, विश्व को एक और खाताधारक से जोड़ा गया।
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स्टीव जॉब्स, दीक्षान्त प्रवचन, स्टैनफोर्ड, 2005
समारोहों में प्रेरक भाषण दिए गए हैं, और एप्लाइड के सीईओ स्टीव जॉब्स से इस कम की उम्मीद है कि कौन कर सकता है। वह व्यक्ति जिसने एक कंपनी को विश्व इतिहास में सबसे सफल कंपनियों में से एक बनने के लिए प्रेरित किया, और जिसने लोगों को अपनी कंपनी में लगभग अपरिपक्व उत्साह के साथ समानता के लिए प्रेरित किया, वह समृद्ध दोस्ती के लिए जाने-माने व्यक्ति थे। स्टैनफोर्ड में इस भाषण में, उन्होंने तीन कहानियाँ लिखीं: पहला रीड कॉलेज से बाहर आँगन के बारे में, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह उनके जीवन का सबसे अच्छा निर्णय था। इससे एक ऐसी कंपनी का निर्माण हुआ जिसे वह प्यार करते थे और जिसे उन्होंने आगे बढ़ाया, लेकिन बाद में उन्हें हटा दिया गया। लेकिन यह फटागी ऐपल की ओर ले जाता है। अंत में उन्होंने अग्नाशय के कैंसर से पीड़ित होने के बारे में बात की। ये चुनौतियाँ, जिनमें से कोई भी उन्हें विध्वंस की गहराई में ले जा सकता था, ने उन्हें और अधिक लचीलेपन दिया और जो चाहते थे कि उनके लिए और अधिक संघर्ष करना सिखाया जाए।
धन्यवाद !
K. S. Ligree
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