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राजस्थानी छात्रों के लिए धरोहर "मुख्यमंत्री निशुल्क कोचिंग योजना / मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना"।

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  राजस्थानी छात्रों के लिए वरदान - मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना ( मुख्यमंत्री मुफ्त कोचिंग योजना)  योजना के बारे में -  लगभग एक दशक पहले तक राजस्थान औद्योगिक एवं शैक्षिक  दोनों दृष्टियों से एक बीमारु राज्य की श्रेणी में आता था। लेकिन वर्तमान में परिदृश्य में काफी बदलाव आ गया है। औद्योगिक और शैक्षिक दोनों दृष्टियों से राजस्थान काफी अग्रणी है। शिक्षा के विभिन्न आयामों में राजस्थानी विद्यार्थियों ने देश का नाम रोशन किया। ऐसे में राजस्थानी छात्रों के लिए एक बेहद अहम योजना की शुरुआत हुई। राजस्थान के मेधावी छात्रों के लिए राजस्थान सरकार द्वारा  मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना''  शुरू हो गई है। इस योजना का उद्देश्य - एससी/एसटी/ओबीसी/एमबीसी/ईडब्ल्यूएस और अल्पसंख्यक वर्ग के छात्रों के लिए किसी भी तरह के शुल्क के आधार पर परीक्षा और नीट की विश्व स्तरीय कोचिंग कोचिंग सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा छात्रों को दूसरे शहर में कोचिंग के लिए प्रति वर्ष ₹40,000 की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी।  फ्री कोचिंग:   अगर आप फ्री में कोचिंग,RAS, IAS, शिक्षक व्याख्यात और...

जीवन बदलने की थेरेपी - सकारात्मक सोच

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प्रेरणाडायरी.कॉम <स्क्रिप्ट async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-4543233482420494"      क्रॉसऑरिजिन="अनाम"></स्क्रिप्ट>      सकारात्मक सोचिए... और रहिए प्रेरित/प्रेरित                               दोस्तो हम अपने जीवन में कामयाब होंगे, या नहीं होंगें, और अगर होंगे तो उसका दायरा क्या होगा, ये सब हमारी सोच निर्भर करता है। एक बहुत पुरानी कहावत है कि "जैसा आप सोचते हैं, वैसा ही आप बन जाते हैं।" आपकी सोच पर आपकी सफलता तय होती है। और हमारी प्रेरणा तय होती है । अच्छी सोच हमेशा अच्छी प्रेरणा को जन्म देती है। अच्छी सोच और प्रेरणा  ही वे दो महान शक्तियाँ हैं, जो एक इंसान को मजबूत बना सकती है। जीवन सादा लेकिन विचार हमेशा उच्च होना चाहिए। इसलिए कहावत प्रसिद्ध है - "सदा जीवन उच्च विचार" आप बड़ी सफलता तभी अर्जित कर सकते हैं जब आपकी सोच सकारात्मक हो। कुछ पंक्तियां याद आ रही है आपको भी सुनता हूं- "सब (रात) अँधेरे को खंग...

नोमोफोबिया - छात्रों का मोबाइल फितूर.. अब कैसे हो दूर..?

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प्रेरणा डायरी।  हर अच्छे आविष्कार के कुछ फायदे भी होते हैं तो कुछ नुकसान भी। आज डिजिटल दुनिया ने बड़ी तरक्की की है। लेकिन इसके साथ ही कई समस्याएं भी पैदा कर दी हैं। आज की इस डिजिटल दुनिया में फोन के बिना एक घंटा भी गुजरना बड़ा मुश्किल और जटिल होता है। हर चीज के लिए हम इनका उपयोग कर रहे हैं। जैसे मौसम की जानकारी लेने से लेकर परिवार के लोगों के संपर्क में रहने तक की हर इनफॉरमेशन हमें मोबाइल के जरिए प्राप्त हो रही है।  कुछ लोगों के लिए तो अपने मोबाइल फोन के बिना रहने का विचार अत्यधिक चिंता का कारण बन जाता है। उन्हें हमेशा यह डर सताता रहता है कि मोबाइल उनके पास है या नहीं। कहीं मोबाइल खो तो नहीं गया।  कहीं बैटरी डिस्चार्ज तो नहीं हो गई। कहीं कोई मैसेज तो नहीं आया। दिमाग इसी तरह के फितूर से चिंतित रहता है।  नोमोफोबिया से तात्पर्य --  नोमोफोबिया अपेक्षाकृत एक नया शब्द है। इस शब्द का अर्थ है नो -मोबाइल- फोन -फोबिया. जब किसी इंसान को मोबाइल की लत लग जाती है, तो इसे मेडिकल भाषा में नोमोफोबिया कहा जाता है. ये शब्‍द 'नो मोबाइल फोबिया' से मिलकर बना है. इसमें व्‍...

परीक्षा प्रेरणा।

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प्रेरणा डायरी ( ब्लॉग ) परीक्षा प्रेरणा :  अपनी परीक्षा में सफल हों, और अपने अकादमी लक्ष्य प्राप्त करें। कई छात्रों के लिए तैयारी का अंतिम चरण बहुत भारी होता है। और जांच में प्रेरणा की भूमिका सामने आती है। हितधारकों के रूप में, हममें से अधिकांश लोग अपने बच्चों के कठोर सिद्धांतों को देखकर आश्चर्य और तनावग्रस्त महसूस करते हैं, जिसमें परीक्षण के दौरान उनके पास बिल्कुल भी फ़र्स नहीं होता है। असल में, परीक्षा का समय छात्रों और हितधारकों दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। लेकिन साथ ही, हमें बच्चों को वापस लाने और काम करने के लिए प्रेरणा की आवश्यकता है। यह लेख हितधारकों और छात्रों को सीज़न में रहने की कला सीखने में मदद करने के लिए प्रेरित करना एक ईमानदार प्रयास है। आइये कुछ महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर गौर करें और आपको अध्ययन के दौरान अध्ययन संबंधी सलाह और प्रेरणा प्रदान करें। प्रेरणा क्या है? प्रेरणा की सरल परिभाषा के अनुसार, यह वह गुण है जो हमें कुछ करने या न करने के लिए प्रेरित करता है। बच्चों द्वारा पूछे जाने वाले एक सामान्य प्रश्न का उत्तर जानने के लिए बने रहें, '  पढ़ाई क...

"क्रिकेटेरिया" ( क्रिकेट पर बनी अब तक की सबसे बड़ी व्यंगात्मक व प्रेरणादायक कविता )

 प्रेरणा डायरी (ब्लॉग) prernadayari.com  टुडावली,टोडाभीम, करौली, राजस्थान 321610 भारत। <script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-4543233482420494"      crossorigin="anonymous"></script> दोस्तों नमस्कार,  मैंने अब तक कि अपनी जिंदगी में खेलों में जो बदलाव देखे हैं, वो क्रिकेट क्रिकेट की दुनिया से जुड़े है। मैं खुद क्रिकेट को बहुत पसंद करता हूँ । जब मैं अपनी पढ़ाई के समय ग्रेजुएशन के दौर में था, उस जमाने में दुनिया में जो महान बल्लेबाज खेला करते थे उनमें  -- सचिन तेंदुलकर, सौरभ गाँगुली स्ट्राइकर जॉर्डन, ब्रायन लारा, हैन्सी क्रोजे (हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु) शाहिद अफरीदी, वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़, जैसे दिग्गजों के सामने दुनिया के हर गेंदबाज कापते थे। मैं बोर्ड के एग्जाम और ग्रेजुएशन के एग्जाम के बीच में भी वर्ल्ड कप के मैच देखता था। सचिन तेंदुलकर की बैटिंग तो मैं हर हाल में देखा था। सचिन तेंदुलकर को मैं क्रिकेट का भगवान बताता हूं।  एक बदलाव में क्रिकेट में यह लग रहा है कि दुनि...

कौन कौन सी खास बातें सिखाये 12 साल तक के स्टूडेंटस को..?

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 प्रेरणा डायरी ब्लॉग https://www.prernadayari.com  कौन-कौन सी खास बातें सीखायें 12 साल तक के स्टूडेंट को..? Tips : हर मां बाप का सपना होता है कि उनके बच्चे संस्कारी बनें। लेकिन बच्चों को संस्कारी बनाने के लिए उनके बचपन में ही मां-बाप को प्रयत्न करना चाहिए। क्योंकि एक दिन में किसी के भी बच्चे संस्कारी नहीं बनते। अगर आपको अपने बच्चों को संस्कारी बनाना है तो उन्हें बचपन से अच्छी आदतें सिखानी होंगी। क्योंकि जब आप बच्चों को बचपन में अच्छे संस्कार देते हैं तो यह संस्कार अंत तक उनके साथ रहते हैं। इसलिए हमेशा कोशिश करनी चाहिए कि आप शुरू से ही (Child upbringing habits) बच्चों के अंदर अच्छे संस्कार देने का विस्तार करें ताकि समाज में वह आपका नाम रोशन करें। आज हम आपको उन 4 आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो बचपन में ही आपको अपने बच्चों को सिखा देना चाहिए।  यह भी पढ़ें : आटा गूंथकर फ्रिज में रखना गर्मी के मौसम में हो सकता है खतरनाक,  12 साल की उम्र से पहले बच्चों को सिखा दें ये 10 बातें, नहीं तो बाद में होगा पछतावा बच्चों के जीवन में 12 साल की उम्र काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभात...