छात्रों के लिए नवरात्रों की 9 शक्ति और 9 ऐसे उपाय जो उन्हें प्रेरणा देकर जीवन को नई ऊर्जा और उमंग से भर देंगे।

प्रेरणा डायरी (ब्लॉग )
हिंडौन सिटी, राजस्थान, भारत




सबसे पहले प्रेरणा डायरी के पाठकों, राजस्थान वासियो और समस्त भारत वासियों को नवरात्र के शुद्ध, पावन, ओर बलदाई पर्व कि हार्दिक शुभकामनाएं। हर साल आने वाला नवरात्र पर्व केवल मां दुर्गा की आराधना का समय नहीं है बल्कि आत्म चिंतन और सामाजिक परिवर्तन की प्रेरणा का अवसर भी है। मां दुर्गा के नौ रूपों जिन्हें हम "नवदुर्गा" कहते हैं, हर दिन एक नई चेतना, और सामाजिक संदेश लेकर आते हैं। आज की आर्टिकल में हम यही जानेंगे कि कैसे नवरात्रों के यह 9 दिन आज के समाज में व्याप्त चुनौतियों से निपटने के लिए मार्गदर्शन कर सकते हैं। और इन नौ दिनों में, छात्र कैसे अपने जीवन को 9 शक्ति और उपायों से परिपूर्ण कर ऊर्जावान और शक्ति संग्रह कर सकते हैं। नवरात्र 9 दिनों का वह काल होता है जिसमें शक्तियां जागृत होती हैं और मनुष्य आध्यात्मिक तथा अपने स्रोतों की ओर लौटता है।आयुर्वेद और हमारे बहुत से धर्म शास्त्रों में हमारे पूरे जीवन को सत्तू, राजत, और तमस तीन गुणो से निर्मित माना जाता है। नवरात्रि का काल वह समय है जो मन की पूजा के द्वारा इन तीनों गुणो में संतुलन स्थापित करता है। छात्रों का जीवन सादा और सात्विक होना चाहिए लेकिन उनके पास अपार ऊर्जा और प्रेरणा भी होनी चाहिए। ऐसे में नवरात्र के 9 दिन छात्रों के लिए बड़े असाधारण होते हैं। आप अपने भीतर और बाहर के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। आपको साधारण दिखने वाले पर अत्यंत विशेष जो उपाय और नौ शक्तियों में बताने वाला हूं जिनके प्रयोग से आप अपने जीवन को नई ऊर्जा ओर प्रेरणा से भर सकते हैं। कहते हैं नवरात्र के दिनों में शक्तियां जागृत अवस्था में रहती हैं और विशेष रूप से ध्यान और जप करने वाले लोगों को इन नौ दिनों में अवश्य लाभ प्राप्त होता है। तो आज से आप भी अपने भीतर इन नौ शक्तियों और नौ उपायों को जागृत कीजिए..!



टेबल ऑफ़ कन्टेट / आज कि पोस्ट में 


 संकल्प शक्ति  - अपनी इच्छाओं को पूरा करने का संकल्प लीजिये
2. ध्यान शक्ति - रोज 20 मिनट का ध्यान आपकी भावनात्मक ऊर्जा को जागृत करता है।
3. सेवा शक्ति - इससे पुण्य मिलता है और पुण्य से ध्यान जागृत होता है।
4. योग शक्ति.- मुस्कुराने का योग जिंदगी में मुस्कान भर देता है।
5. मन्त्र शक्ति - मंत्र आपकी चेतन को जागृत करेंगे।
6. प्रार्थना शक्ति - यह आपकी इच्छा शक्ति को मजबूत बनाएगी।
7. मौन शक्ति -  मून आपको सत्य के करीब लाता है।
8. आहार शक्ति - शक्ति शांति उत्सव और रचनात्मक जागृत होती है।
9. दान शक्ति - इस शक्ति से प्रसन्नता का आशीर्वाद मिलता है।
10. निष्कर्ष।
11. संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर।



1. संकल्प शक्ति - उपाय - अपनी इच्छाओं को पूरा करने का संकल्प लें

संकल्प शक्ति में बड़ी ताकत होती है। हमारी जिंदगी में अहम हिस्सा रखने वाली चीज सफलता कामयाबी यह सभी संकल्प शक्ति पर टिकी हुई होती है। छात्रों के लिए संकल्प शक्ति का बड़ा महत्व है। संकल्प वन छात्र अपने जीवन में ऊंचाइयों को छूते हैं। नवरात्रों में हमें अपनी संकल्प शक्ति को मजबूत करने का प्रण लेना चाहिए। अपनी संकल्प शक्ति को जागृत करना चाहिए। नवरात्रों में जब हम पूजा करते हैं तो हम के दौरान जब हम संकल्प लेते हैं तब पूरे ब्रह्मांड को इसे सुनने के लिए आमंत्रित करते हैं. ऐसी दशा में हमारी प्रार्थनाएं जल्दी स्वीकार होती हैं। इसलिए संकल्प लेने के लिए जरूरी है प्रार्थना करना और ईश्वर को समर्पित रहना। जब हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं और उसके प्रति समर्पित रहते हैं तो हमारे संकल्प शीघ्र पूरे होते हैं। संकल्पना को पूरा करने की शक्ति ईश्वर द्वारा प्रदान की जाती है। इन नवरात्रों में आप अपनी संकल्प शक्ति को मजबूत करें और ईश्वर से अपने आप को संकल्प मां बनने की प्रार्थना करें। संकल्प शक्ति विकसित होने के बाद व्यक्ति का विश्वास कायम होना शुरू हो जाता है। वह सर्वश्रेष्ठ की पहचान कर सकता है।

2. ध्यान शक्ति - उपाय - ध्यान शक्ति से अपनी भावनात्मक ऊर्जा को जागृत करें

 नवरात्रों में रोज कम से कम 30 मिनट ध्यान जरूर करें। जैसे अनाज शरीर का भजन है वैसे ही ज्ञान आत्मा का भोजन है। ज्ञान का अभ्यास करने से धीरे-धीरे हमारे चारों तरफ एक सकारात्मक तरंगों का वातावरण तैयार हो जाता है। ज्ञान की शक्ति से पैदा हुआ यह सकारात्मक संचार हमारे जीवन में उमंगे भर देता है। ज्ञान की शक्ति से हमारा व्यवहार भी संशोधित होता है। ध्यान से एकाग्रता बढ़ती है और ध्यान तथा एकाग्रता दोनों मिलकर बुद्धि को तीक्ष्ण बनाते हैं। ध्यान से बुद्धि का विकास होता है और जीवन में सजगता आती है। ध्यान भावनात्मक ऊर्जा को जागृत करता है। ज्ञान हमें भावनात्मक रूप से हल्का और शुद्ध अनुभव करता है। नवरात्र आपके पास ज्ञान शक्ति को विकसित करने का एक।

3. सेवा शक्ति - उपाय - इससे पुण्य मिलता है और पुण्य से ध्यान जागृत होता है।

 इस बार नवरात्रों से आप सेवा भाव का संकल्प लें। सेवा का फल बड़ा मीठा होता है। निस्वार्थ भाव से की गई जरूरतमंदों की सेवा हमें पुण्य प्रदान करती है। और पुण्य हमारे जीवन से संकटों को टालने में मदद करते हैं। आज हम में से अधिकतर लोग ना सेवा का अर्थ समझते हैं ना सेवा की शक्ति। सेवा का अर्थ है - " बदले में कुछ पाने की अपेक्षा किए बिना किसी और के लिए कुछ करना। अर्थात निस्वार्थ भाव की सेवा। जब हम किसी जरूरतमंद इंसान की सेवा करते हैं तो इसके बदले उसे कुछ राहत मिलती है और वह प्रसन्नता का और सुख का अनुभव करता है। इसीलिए सेवा करने वाले का जीवन खुशहाल होता है। छात्रों को भी सेवा कार्य करना चाहिए। वह अपने गुरुजनों परिवार के बड़े बुजुर्गों की सेवा करके पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। निस्वार्थ भाव से की गई आपकी सेवा आपको अच्छे फल अवश्य प्रदान करेगी। सेवा से प्राप्त पुण्य आपको ध्यान की गहराइयों में ले जाता है। और ध्यान आपके जीवन को मुस्कानमय बनता है।

4. योग शक्ति - उपाय - योग के द्वारा अपने जीवन को मुस्कान से भर दे

 योग शक्ति अपने आप में अद्भुत है। योग हमें तनाव मुक्त बनता है। और तन मुक्त जिंदगी में ही मुस्कुराहट होती है। मैं छात्रों को सलाह दूंगा कि वह योग शक्ति को विकसित करने का संकल्प लें। योग शक्ति आपके जीवन में नए रंग भर देगी। दोस्तों अपने हमने और सब ने देखा है एक छोटे शिशु को। जन्म से लेकर 5 साल तक का एक छोटा शिशु दिनभर योग करता रहता है। आपने देखा होगा एक शिशु गहरी सांस लेता है, नींद लेट है, तो गहरी नींद लेट है। निश्चल और दंतुरित मुस्कान देता है। निस्वार्थ मन से दिन भर हाथ पर मरता है मन से खेलते कूदता है। यह सब उसका योग ही होता है। इसीलिए बच्चे तनाव मुक्त रहते हैं। दिन भर हंसते और मुस्कुराते हैं। इसीलिए मैंने कहा कि योग मुस्कान लाता है। योग में रक्त व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान दिखाई देगी।
 इस नवरात्र में छात्र अपनी योग शक्ति को विकसित करने का संकल्प लें। योग शक्ति के द्वारा छात्र अद्भुत एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैं। एकाग्रता आपके लक्ष्य पर केंद्रित करेगी। और जितना आप लक्ष्य पर केंद्रित रहेंगे उतने ही जल्दी और उतनी ही बड़ी सफलता अर्जित कर सकेंगे। इस नवरात्र से योग करना शुरू करें और उसे अपने जीवन में नियमित जारी रखें। योग आपकी जिंदगी में कई अनोखी परिवर्तन लाएगा। इस शुभ कार्य की शुरुआत नवरात्र के शुभ दिनों से ही कर दें 

5. मन्त्र शक्ति - उपाय - मंत्र जाप के द्वारा अपनी चेतना को जागृत करें


 नवरात्रों में मंत्र जाप का विशेष महत्व है। जो लोग नवरात्रि करते हैं वह सुबह शाम नियमित नो दिन तक मेट्रो का जाप करते हैं। मंत्र जाप से हमारी जीत ना विकसित होती है विद्यार्थियों को भी नियमित मंत्र जाप करना चाहिए। मंत्र शक्ति हमारे चारों तरफ एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। मंत्र हमारे अंदर की सकारात्मक ऊर्जा को बाहर लाते हैं। हमारे चारों ओर इस ऊर्जा का संचरण होता रहता है। नवरात्रि के दौरान मित्रों का विशेष उच्चारण बहुत आयात से होता है। इन मेट्रो और यज्ञ से होने वाले उच्चरणों से सकारात्मक तरंगे हमारी चेतना को प्रभावित करती हैं। भक्ति और विश्वास के साथ मंत्र उच्चारण और भजन सुनने से हमारे मन में प्रसन्नता की तरंगे प्रवाहित होती हैं। आपने ऐसा महसूस भी किया होगा. यदि आपने ऐसे अवसर का लाभ नहीं उठाया है तो आप आज ही अपने घर के एक बंद कमरे में कम रोशनी में आंखें बंद करके अपने स्पीकर से किसी मनपसंद मंत्र उच्चारण को ध्यान से आंखें बंद करके सुन। 5 या 10 मिनट तक इसे सुनते रहे। उसके बाद धीरे-धीरे आंखें खोल कोखे। अचानक आपको महसूस होगा कि आप थके हुए नहीं हैं। अचानक आपको महसूस होगा कि पहले की अपेक्षा आपका तन और मन दोनों प्रसन्न है। क्या आपको पता है ऐसा क्यों हुआ..?  यह उसे मंत्र की सकारात्मक शक्ति का असर है। कहा जाता है नियमित मित्रों का अभ्यास और उच्चारण करने से व्यक्ति के चारों तरफ एक की तरंगों का संरक्षण बना रहता है। जो जीवन को खुशहाल बनाता है।
 जब कोई व्यक्ति भक्ति और विश्वास के साथ मंत्र सुनता है तो इससे मंत्र स्नान विधि कहा जाता है। मंत्र स्नान विधि से कई शारीरिक और मानसिक रोगों का इलाज किया जाता है।
 मंत्र शक्ति से एक और फायदा जो प्राप्त होता है कि उनकी नियम जब से दुख और पीड़ा मिटती है। और जीवन में खुशहाली आती है। मित्रों की सकारात्मक ऊर्जा से समृद्धि और सफलता आती है।


6. मोन शक्ति - उपाय - मोन शक्ति के प्रयोग द्वारा आप सत्य का आभास कर सकते हैं।

 नवरात्रों में रोज आधे घंटे मौन रहने का प्रयास कीजिए। कहते हैं कि हमारे शब्दों में भी ऊर्जा होती है। हम कई बार घटिया और निम्न स्तरीय शब्दों का प्रयोग अपनी वाणी में करते हैं। अश्लील शब्दों का अपनी वाणी में प्रयोग करते हैं। जब हम किसी अन्य के लिए अब शब्दों का प्रयोग करते हैं तो यह भी एक तरह की हिंसा है। हिंसा केवल शरीर से ही नहीं होती वाणी और विचारों से भी हिंसा होती है। नवरात्रों में मौन रहकर आप अपनी वाणी पर संयम रखना सीख सकते हैं। मोन मे भी बड़ी शक्ति होती है।
 जो लोग अच्छी वाणी का प्रयोग करते हैं उनके शब्द आशीर्वाद में बदल जाते हैं। मीठी वाणी के लोगों के शब्द आशीर्वाद का रूप होते हैं शब्दों में शक्ति होती है। नवरात्रों के 9 दिन भी शक्ति की पूजा की जाती है। नवरात्रों में आप अपनी मूंग शक्ति को जागृत कर सकते हैं।
केवल मौन ही वह शक्ति है जो हमें सत्य का बोध कर सकती है। 

छात्रों के लिए भी मौन का विशेष महत्व है। इस नवरात्रि से छात्र अपनी मौन शक्ति को विकसित करने का संकल्प ले सकते हैं। ताकि वह सत्य के करीब आ सके। वैसे भी एक छात्र जितना मौन रहता है उतना ही अधिक सीखना है। उसको विद्यालय में दिनभर अपने गुरुओं की बात मौन रहकर ही सुनाई होती है। जिसका मोन जितना अच्छा होगा वह उतना ही अच्छा श्रोता होगा। अच्छी मांग शक्ति वाला छात्र अन्य छात्रों की तुलना में अधिक ज्ञान ग्रहण कर सकता है।




8. आहार शक्ति - उपाय -  बल, उत्साह, शांति और रचनात्मक जागृत होती है

भोजन जीवन के लिए जरूरी है, पर यह भी जरूरी है कि भोजन शुद्ध, हो हल्का हो, और सात्विक हो। भोजन से ही हमारा शरीर चलता है। भोजन हमें स्वस्थ और हष्ट पुष्ट रखता है साथ ही ज्ञान की अनुभूति कराता है। जो भोजन चार-पांच घंटे में आसानी से बच जाए जैसे हरी सब्जियां अनाज फल फलों का रस आदि सात्विक भोजन की श्रेणी में आते हैं। शुद्ध और सात्विक भोजन से बोल उत्साह शांति का संचार होता है तथा जीवन में रचनात्मक आती है। शुद्ध आहार से हमारे मन और विचारों में भी शुद्धता आती है। तन मन और भोजन की शुद्धता हमें नई सफलताओं की ओर अग्रसर बनती है। क्योंकि यह सभी चीज मिलाकर जीवन में एक नई ऊर्जा और सकारात्मक का संचार फैला देती हैं। फतेह मनुष्य के जीवन में कई अच्छे हो नए रचनात्मक बदलाव महसूस होते हैं।
 अगर छात्रों की बात करें तो छात्रों के लिए वैसे भी भोजन शुद्ध, सात्विक और बल प्रदान करने वाला होना चाहिए। हल्का और पचने में आसान भोजन अधिक ग्रहण करना चाहिए। 

9. दान शक्ति - उपाय -   इसके द्वारा प्रसन्न रहने का आशीर्वाद प्राप्त करें

 नवरात्र के समय में डायन का विशेष महत्व है। नवरात्र रखने वाले व्यक्ति दान अवश्य करते हैं। दान का अर्थ है किसी को उपहार देना। जरूरतमंदों को उनकी जरूरत की चीज देना दान होता है। अगर आप किसी जरूरतमंद को कुछ दान करते हैं या उसकी भलाई के लिए कोई काम करते हैं तो ऐसा करने से उन्हें राहत मिलती है, और उन्हें सुख प्राप्त होता है। उनकी प्रसन्नता और सुख आपके लिए आशीर्वाद बनकर आता है, जो आपको ध्यान की गहराइयों में ले जाने में मदद करता है, आपको ईश्वर के करीब लाता है। जरूरतमंदों की जरूरत की पूर्ति करने से आपके जीवन में खुशहाली भी आती है। आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होने लगती है। नवरात्रों और धार्मिक महत्व के दिनों में आप दान करें। जरूरी नहीं की महंगे उपहार देना ही दान हो. आप छोटी-छोटी चीजों से मदद कर सकते हैं।

10. निष्कर्ष :

 त्योहारों का हमारे देश में विशेष महत्व है हमारे यहां यह त्यौहार केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं होते बल्कि सामाजिक सांस्कृतिक और आर्थिक गतिविधियों का केंद्र भी बन जाते हैं। नवरात्र भी ऐसा ही एक पाव है जिसमें भक्ति और उल्लास के साथ-साथ सामाजिक रौनक भी देखने को मिलती है। हिंदू धर्म में नवरात्र का पर्व मां दुर्गा की भक्ति और शक्ति की आराधना के लिए मनाया जाता है। नौ दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार में पूजा अर्चना के साथ-साथ संस्कृति और उत्सव का रंग भी देखने को मिलता है। नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो देवी दुर्गा की आराधना और पूजा के लिए मनाया जाता है। यह पर्व नौ दिनों तक चलता है, जिसमें देवी के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि का त्योहार शक्ति, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। नवरात्रि का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह देवी दुर्गा की आराधना और पूजा का अवसर प्रदान करता है। देवी दुर्गा को शक्ति और साहस की देवी माना जाता है, जो असुरों को नष्ट करने और धर्म की रक्षा करने के लिए जानी जाती हैं। नवरात्रि के दौरान, भक्त देवी की पूजा करते हैं और उनकी कृपा की कामना करते हैं।
नवरात्रि के दौरान, भक्त देवी की पूजा करने के लिए विभिन्न अनुष्ठानों का पालन करते हैं। 
देवी के नौ रूपों की पूजा : भक्त देवी के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा करते हैं, जिनमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री शामिल हैं।
नवरात्रि का त्योहार हिंदू धर्म के अलावा भी सांस्कृतिक महत्व रखता है। यह पर्व लोगों को एकजुट करने और सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने का अवसर प्रदान करता है। नवरात्रि के दौरान, लोग गरबा और डांडिया रास जैसे पारंपरिक नृत्यों का आनंद लेते हैं और देवी की पूजा करते हैं।
नवरात्रि का त्योहार शक्ति, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। यह पर्व लोगों को एकजुट करने और देवी की पूजा करने का अवसर प्रदान करता है। नवरात्रि के दौरान, भक्त देवी की आराधना करते हैं और उनकी कृपा की कामना करते हैं। यह पर्व हिंदू धर्म के अलावा भी सांस्कृतिक महत्व रखता है और लोगों को अपनी सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने का अवसर प्रदान करता है।


11. संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर 

क्वेश्चन 1. नवरात्रि का त्यौहार क्यों मनाया जाता है..?
उत्तर - नवरात्रि का त्योहार देवी दुर्गा की आराधना और पूजा के लिए मनाया जाता है, जो शक्ति और साहस की देवी मानी जाती हैं। इस त्योहार का उद्देश्य देवी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना है, जो जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता प्रदान करती हैं।
नवरात्रि के दौरान, देवी के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है, जिनमें से प्रत्येक एक विशिष्ट गुण और शक्ति का प्रतीक है। ये नौ रूप हैं:

1. शैलपुत्री
2. ब्रह्मचारिणी
3. चंद्रघंटा
4. कुष्मांडा
5. स्कंदमाता
6. कात्यायनी
7. कालरात्रि
8. महागौरी
9. सिद्धिदात्री
नवरात्रि का त्योहार कई कारणों से मनाया जाता है, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण हैं:

 देवी की आराधना : नवरात्रि का त्योहार देवी दुर्गा की आराधना और पूजा के लिए मनाया जाता है, जो शक्ति और साहस की देवी मानी जाती हैं।
असुरों पर विजय : नवरात्रि का त्योहार देवी दुर्गा की असुरों पर विजय का प्रतीक है, जो धर्म की रक्षा और अधर्म के नाश का प्रतिनिधित्व करती है।
शक्ति और साहस का प्रतीक : नवरात्रि का त्योहार शक्ति और साहस का प्रतीक है, जो जीवन में चुनौतियों का सामना करने और सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक हैं।
नवरात्रि का त्योहार हिंदू धर्म के अलावा भी सांस्कृतिक महत्व रखता है, जो लोगों को एकजुट करने और सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने का अवसर प्रदान करता है।

क्वेश्चन 2. नवरात्रि का त्यौहार कब मनाया जाता है..?
उत्तर- नवरात्रि का त्यौहार हर साल दो बार मनाया जाता है - चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत इस साल 22 सितंबर से हुई है, जो 2 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। यह त्योहार देवी दुर्गा की आराधना और पूजा के लिए मनाया जाता है, जो शक्ति और साहस की देवी मानी जाती हैं।
नवरात्रि 2025 की तिथियां इस प्रकार हैं:
नवरात्रि की शुरुआत:* 22 सितंबर, सोमवार (मां देवी की स्थापना और पहला दिन मां शैलपुत्री की पूजा)
नवरात्रि के नौ दिन:*
 दिन 1: 22 सितंबर, सोमवार - मां शैलपुत्री की पूजा
 दिन 2: 23 सितंबर, मंगलवार - मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
 दिन 3: 24 सितंबर, बुधवार - मां चंद्रघंटा की पूजा
 दिन 4: 25 सितंबर, गुरुवार - मां कूष्मांडा की पूजा
 दिन 5: 26 सितंबर, शुक्रवार - मां स्कंदमाता की पूजा
 दिन 6: 27 सितंबर, शनिवार - मां कात्यायिनी की पूजा
 दिन 7: 28 सितंबर, रविवार - मां कालरात्रि की पूजा
 दिन 8: 29 सितंबर, सोमवार - मां महागौरी की पूजा
 दिन 9: 30 सितंबर, मंगलवार - मां सिद्धिदात्री की पूजा
 महानवमी: 1 अक्टूबर, बुधवार
 विजयादशमी/दशहरा: 2 अक्टूबर, गुरुवार 





 ब्लॉग नेम -  प्रेरणा डायरी।
 वेबसाइट -  prernadayari.com
 केदार लाल  (  K. S. Ligree ) -  चीफ एडिटर प्रेरणा डायरी ब्लॉग 

टिप्पणियाँ

प्रेरणा डायरी ब्लॉग के लोकप्रिय आर्टिकल /पोस्ट

मेधावी छात्रों की मेधावी योजना - राजस्थान फ्री टैबलेट योजना - 2025

50 छोटी-छोटी प्रेरणादायक कहानियाँ - ( short motivational storyies) बच्चों के लिए छोटी -छोटी प्रेरणादायक कहानियां..। शिक्षाप्रद कहानियां।

"लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती".. सबसे बड़ी प्रेरणादायक कविता...भावार्थ सहित।l

प्रेरणा ( मोटिवेशन ) क्या होता है ...? और क्यु जरुरी हैं...?

नजरिया बदलो, तो बदल जायेंगे नजारे....।

नए रास्ते सब..तेरे वास्ते बस...मेरे हमनशी ओ मेरे हमसफ़र ( प्रेरणा डायरी के रोमांटिक और प्रेरणादायक सोंग - 1)

एक ओजस्वी वाणी.... स्वामी विवेकानंद। छात्रों के लिए स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार ( मोटिवेशनल कोट्स )