छात्रों के लिए भोजन के सामान्य नियम और आदर्श आहार तालिका
प्रेरणा डायरी ब्लॉग,prernadayari.com
हिंडौन, राजस्थान। 14/08/2024
प्रेरणा डायरी की आज कि पोस्ट में आप सबका दिल से स्वागत है।
यदि हम विद्यार्थियों की दृष्टिकोण से बात करें तो छात्र जीवन में आहार, संतुलित मन, विश्राम तथा श्रम का बड़ा महत्व है।और यही अच्छी आदतें छात्र जीवन की आधारशिला होती हैं। कहते हैं कि छात्र जीवन को संयमित होकर जीने से बुढ़ापे तक इसका लाभ प्राप्त होता है। अर्थात जवानी में आपने क्या खाया-पिया..? इसका असर बुढ़ापे तक दिखता है।पोस्टिक भोजन एक छात्र के अच्छे मन और अच्छे तन का निर्माण करता है। इसीलिए एक छात्र का आहार अच्छा होना चाहिए। प्रेरणा डायरी कि आज की पोस्ट में, मैं आपको स्वास्थ्य के सामान्य नियम और एक आदर्श भोजन तालिका प्रस्तुत करने जा रहा हूं। जिसे अपना कर आप उत्तम स्वास्थ्य, श्रेष्ठ बुद्धी, दीर्घायु जीवन, प्राप्त कर सकते हैं।
छात्रों के लिए भोजन के सामान्य नियम -
1. स्वास्थ संरक्षण एवं संवर्धन के लिए आवश्यक है कि हम संतुलित मन, विश्राम, भोजन एवं श्रम के नियमों का पालन करें।
2. प्रसन्न मुद्रा में और धीरे-धीरे भोजन करें।
3. खूब चबा चबाकर भोजन करें। ताकि पाचन क्रिया ठीक रहे। कभी भी भोजन को जल्दबाजी में नहीं करें।
4. भोजन करते समय तनाव एवं चिंता से मुक्त रहें। अखबार, रेडियो एवं टेलीविजन का उपयोग खाते समय न करें। भोजन करते समय अपने मोबाइल फोन से दूरी बनाकर रखें।
5. भोजन करते समय एक दो बार भोजन की प्रशंसा करें। स्वादिष्ट भोजन की तारीफ करें, और प्रभु का शुक्रिया अदा करें। ऐसा करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
6. खाना खाने के बाद 15 मिनट विश्राम करें।
7. साधारणतया दिन में 8 से 10 गिलास पानी पिए, खाने के आधा घंटे पहले और 1 घंटे बाद पानी पिए।
8. रात्रि में जल्दी सोए एवं प्रातः जल्दी उठ सोते तथा जागते समय प्रभु का स्मरण करें.
9. 15 दिन में एक बार उपवास जरूर करें उपवास के दिन रसाहार या फलाहार का सेवन करें। उपवास हमारी पाचन तंत्र को ठीक करता है और शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।
10. अपने भोजन में 20% भाग अन और दालों का रखें तथा शेष 80% भाग फल, हरी सब्जी, एवं सलाद का रखें।
11. भोजन करते समय अपने पेट 1/2 भाग अन्य से,1/4 भाग जल से भरें एवं शेष 1/4 भाग हवा के लिए खाली रखें.।
12. प्रतिदिन 40 मिनट योगासन/ व्यायाम / या तेज कदमों के साथ भृमण जरूर करें.
13. अम्लीय खाद्य पदार्थों जैसे-- मांस, मछली,अंडा पॉलिश किए हुए चावल, मैदा, चाय, कॉफी, डबल रोटी, तली चीज आइसक्रीम, तथा डिब्बा बंद चीजों से बचना चाहिए।
14. सभी प्रकार के ताजे फल हरी सब्जियां अंकुरित दालें एवं दूध का सेवन करें।
15. चाय कॉफी मिर्च मसाले धूम्रपान जर्दा तंबाकू सिगरेट एवं अन्य नशीले पदार्थों से सदैव दूर रहे।
एक बार खाये योगी,
दो बार खाये भोगी,
तीन बार खाये रोगी।
आदर्श आहार तालिका --
प्रातः 5:30 बजे
1. सुबह लगभग 5:30 तक अवश्य उठे, एवं उठने के बाद रात भर ताम्रपत्र ( तांबे के बर्तन ) में रखा हुआ पानी या दो गिलास शुद्ध ताजा पानी पीना चाहिए,
अथवा एक गिलास गुनगुने ताजा पानी में आधा नींबू का रस और दो चम्मच शहद मिलाकर पिए। इसके अतिरिक्त सुबह ही उठते ही किसी खाद्य पदार्थ का सेवन न करें।
प्रातः 8:00 बजे
नाश्ते में एक गिलास ताजे फलों का रस
अथवा
ताजा फलों में सेव, संतरा, केला, अंगूर, अमरूद आदि में से कोई एक फल ले.
अथवा
एक गिलास छाछ या फीका दूध
अथवा
20 ग्राम सूखे मेवे जैसे-- बादाम, काजू, अखरोट,
अथवा
रात भर भिगोया हुआ अंजीर, मुनक्का, किशमिश, खजूर या खुरमानी,
अथवा
अंकुरित अन्न, अंकुर दालें, मूंग, मोठ, चना, मेथी, मूंगफली आदि
दोपहर का खाना - 11:00 से 12:00 के मध्य
दोपहर के खाने में चोकर सहित आटे की दो या तीन रोटी अथवा चावल पकाए हुई हरी सब्जियां सलाद एक कटोरी दही एक कटोरी दाल का सेवन करना सबसे उपयुक्त है।
अपरान 3:00 बजे
एक गिलास ताजा फल लिया सब्जियों का रस पीना चाहिए
अथवा एक प्याला सब्जियों का सूप एक कप आयुर्वेदिक चाय।
अथवा
एक सब 2 केले दो नाशपाती थोड़ा पपीता और कोई मौसम के अनुसार मीठा फल ले सकते हैं।
रात्रि का भोजन 7:00 बजे -
जोकर सहित आटे की दो-तीन रोटी, एक या दो कटोरी पकाई हुई सब्जियां, सलाद
अथवा
गेहूं का दलिया सब्जी सलाद
अथवा
एक प्याला सूप एक फल और कच्ची सब्जियां
अथवा
मौसम के अनुसार मीठे फल
कुछ महत्वपूर्ण बातें --
-- भोजन में 80% भाग चरिया तथा 20% अम्लीय ले।
-- फल एवं सब्जियां छारीय खाद्य हैं।
-- मांस चाय कॉफी तले भुने पदार्थ अम्लीय खाद्य हैं।
-- नमक चीनी मिर्च मसाले घी तेल आइसक्रीम का प्रयोग सीमित मात्रा में करें।
-- चाय कॉफी शराब धूम्रपान बीड़ी सिगरेट पान मसाला जर्दा गुटखा तंबाकू आदि से परहेज करें। यह नशीले पदार्थ आपके स्वास्थ्य के लिए घातक हैं
-- यह आदर्श आहार तालिका एक उदाहरण मात्र है आप आवश्यकता एवं परिस्थिति के अनुसार इसमें परिवर्तन कर सकते हैं।
-- भोजन हमेशा प्रसन्न मुद्रा में शांत भाव से धीरे-धीरे चबा चबाकर करें।
-- भोजन करते समय तनाव मुक्त रहें।
-- स्वाद के वशीभूत होकर भोजन को भूख से अधिक मात्रा में नहीं करें।
-- दिन भर में सीमेंट दो से तीन लीटर पानी पिए भोजन के बाद तुरंत पानी नहीं पीना चाहिए भोजन के आधा घंटे बाद गर्म पानी पिए आवश्यकता होने पर भोजन के बीच-बीच में थोड़ा पानी पिया जा सकता है।
-- हफ्ते में एक बार या 15 दिन में एक बार उपवास अवश्य करें उपवास के दिन फलाहार करें भोजन के प्रयोग को वर्जित रखें।
-- उपवास आपके शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है एवं आपके पाचन तंत्र को अच्छा रखता है।
-- भोजन करते समय वार्तालाप से परहेज करें एवं भोजन करते समय मोबाइल रेडियो टेलीविजन आदि का प्रयोग न करें मौन रहकर भोजन करना अति उत्तम है।
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ब्लॉग नाम -- प्रेरणा डायरी।
वेबसाइट -- www.prernadayari.com
केदार लाल - चीफ एडिटर प्रेरणा डायरी ब्लॉग।
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