कैसे बेहतरीन और शानदार सफलता हासिल करें कक्षा 11th 12th के छात्र..?
<script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-4543233482420494"
crossorigin="anonymous"></script>
प्रेरणा डायरी।
prernadayari.com
दोस्तो नमस्कार ,
दोस्तों "प्रेरणा डायरी(ब्लॉग) कि 17वीं पोस्ट स्टूडेन्ट के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाली है। आज हर एक विद्यार्थी, और विद्यार्थी ही क्यो हर एक व्यक्ति के सामने चाहे वो व्यापारी हो, व्यवसायी हो, माकेटिंग या फाइनैंस करने वाला हो,सरकारी कर्मचारी या निजी क्षेत्र से जुड़ा हुआ हो। इन सबके सामने जो सबसे बड़ा सवाल होता है, जिसे मैंने भी महसूस किया है कि "आखिर सफ़लता होती क्या है..? और इसे कैसे हासिल किया जा सकता है..? 11 12th के छात्रों के लिए यह सवाल और भी ज्यादा मायने रखता है। क्योंकि यहां के बाद कैरियर और जिंदगी दोनों को एक नई दिशा मिलती है।
आज हर कोई, अपने काम मै सफ़ल होना चाहता है। उचाईयों का मुकाम छूना चाहता है। खासकर स्टूडेंट और एक युवा।
जिंदगी का सबसे अहम् पड़ाव होता है किशोरावस्था। उम्र के इस पड़ाव में अमूमन छात्र या तो इलेवंथ क्लास में होता है या 12th क्लास में। 12th क्लास के बाद करियर कि भी नई संभावनाएं तलाश करनी पड़ती है। इसीलिए यह दोनों कक्षाएं बड़ी इंपॉर्टेंट होती है। दूसरी तरफ किशोरावस्था यानी 11th 12th कक्षा के छात्रो को अपने अंदर होने वाले अनेक शारीरिक और मानसिक बदलाव का सामना करना पड़ता है। इसीलिए वह जल्दी ही अच्छी या बुरी दोनों प्रकार की लातों का शिकार हो जाते हैं। आज का आर्टिकल आपको "अपनी पढ़ाई में,और जिंदगी की लड़ाई में।" दोनों मे अव्वल रहना सिखाएगा।
टेबल ऑफ़ कंटेंट --
1. सफलता क्या होती है- अर्थ।
2. सफलता के मायने क्या है ।
3. सफलता प्राप्त करने के लिए किशोरो को असरदार और आसान टिप्स --
4. अनुशासन मे रहे।
5. किशोर अवस्था मे होने वाले बदलावों को पहचाने।
6. समय सारणी (time table) बनाकर पढ़े।
7. नियमित ( regularty) पढाई करे।
8. कठिन विषय पहले पढ़े, और अधिक पढ़े।
9. हमेसा खुश रहे।
10. सिलेबस के अनुसार पढ़े।
11. पुराने पेपरों से अभ्यास करे।
12. पाठयेत्तर गतिविधियों मे भाग ले।
13. कठिन परिश्रम करे।
14. नोटस जरूर बनाये।
15. निष्कर्ष ।
16. महत्व पूर्ण प्रश्न -उत्तर ।
प्रेरणा डायरी - "उम्मीदों कि उड़ान"
1. सफ़लता क्या है- अर्थ
सफ़लता अचानक या इतफाक से मिलने वाली कोई चीज नहीं है। इसके पीछे संघर्ष कि कहानीयाँ जुड़ी हुई होती है।इसीलिए लिए तो एक अभिप्रेरक सन्देश बहुत लोकप्रिय है कि "जितना बड़ा संघर्ष उतनी बड़ी सफलता।"साधारण लेकिन सरल और सटिक अर्थ को समझे तो "सफलता अपने जीवन में निर्धारित लक्ष्यों, और मूल्यवान उद्देश्य को पूरा कर लेना है।" सफलता एक नायाब चीज है। सफलता महसूस करने की चीज है। हर आदमी के लिए सफलता के अपने मायने है। क्योंकि सफलता का अर्थ बड़ी व्यापकता लिए हुए हैं। हर इंसान के लिए सफलता के मायने बदल जाते हैं जैसे - एक छात्र के लिए अच्छी नौकरी प्राप्त करना सफलता है। एक व्यापारी का व्यापार और स्टोर वाले का स्टोर चलना उनके लिए सफलता है। एक व्यक्ति ऐसा होता है जिसके लिए दौलत, शोहरत कमाना ही सफलता है। तो कुछ लोग, अच्छी सेहत के साथ अपने को सफल मानते है। एक किसान अच्छी फसल पैदा करने को सफलता मांगता है। एक सेल्समैन अच्छी बिक्री को अपनी सफलता मांगता है। अर्थात हम कह सकते है कि "किसी खास मूल्यवान उद्देश्य कि प्राप्ति सफलता है।" जब जीवन में हम अपना एक लक्ष्य बनाते है, और उसे प्राप्त कर लेते है, तो हमे सुकून का एहसास होता है। जीत का अहसास होता है। यह सुखद अहसास ही सफलता है। यह सुकून और संतोष ही सफलता है। अगर मुझसे पूछा जाए कि आपकी नजर में सफलता क्या है..? तो मेरी नजर में सफलता कि परिभाषा कुछ इस प्रकार होगी- "जिंदगी में अच्छी उपलब्धियां हासिल करना, सुख और समृद्धि अर्जित करना ही सफलता है।"
पद, प्रतिष्ठा और सम्मान अर्जित करना भी सफ़लता है। कुछ व्यक्ति अपने जीवन में शांन्ति और ज्ञान प्राप्ति को सफलता मानते है। मैंने सफलता पर व्याख्यान देने वाले बहुत से लोगो के स्टेटमेंट पढ़े हैं। पर सफलता की मुझे जो सबसे अच्छी परिभाषा लगी, वो पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की लगी। डां. एपीजे अब्दुल कलाम ने बड़े ही अच्छे और निराले अंदाज में सफलता को परिभासित किया है। कलाम साहब कहते है कि - "जिस दिन आपके हस्ताक्षर ऑटोग्राफ में बदल जाए, उस दिन समझ लेना की आप अपने जीवन में सफल हो चुके है।"
सफलता हमें रोमांचित करती है। हमें मानसिक आनन्द देती है। सफलता को हम कोई एक निश्चित सूत्र में बांधकर परिभाषित नही कर सकते | हर कोई अपने ज्ञान और अपनी समझ और क्षमता के आधार पर इसे परिभाषित करता है.
जैसे ----
--एक छात्र के लिए अच्छे अंक प्राप्त करना सफलता है।
--प्रतियोगी छात्रों को नौकरी मिलना उनकी सफलता है ।
--एक लेखक अपनी पुस्तक को लोगों द्वारा पसन्द करना अपनी सफलता मानता ।
- प्रेरणा डायरी आप पढ़ रहे है,और मेरे भारतीय भाई- बहन इतना प्यार दे रहे है यह मेरे लिए एक सफलता है । मै इसे अपनी सफ़लता मानता हूँ।
--एक किसान अच्छी पैदावार तैयार करता है और उसके लिए ये, उसकी सफलता है l
-- हर चुनौति पर खरा उतरकर जीत दर्ज करना सफलता है।
-- एक गरीब इंसान के लिए अपना भोजन जुटाना और भूख शान्त करना सफलता है ।
-- एक भक्त के लिए भगवन् प्राप्ति सफलता है।
-- छोटे बच्चों के लिए अपनी जीद पूरी होना ही सफलता है। क्योंकि बच्चों के लिए उनकी जिद ही important होतीं हैं।
-- मै अच्छा लिख लेता हु, यह मेरी सफ़लता है।
-- एक हाउस वाइफ अपने बच्चों को प्यार करती है, और उन्हे शिक्षा देती है, और इसी को अपनी सफ़लता मानती है।
--- एक स्टूडेंड् क्लास मे अच्छे अंक लाता है, ये उसको अपनी सफ़लता है।
प्रेरणा डायरी - "आपके परिवार कि खुशहाली "
दोस्तों यहाँ तक पढ़ते-पढ़ते आप इस तथ्य से वाकिफ हो चुके होंगे कि सफलता को कुछ निश्चित शब्दो या लाइनों मैं बांधकर परिभाषित नहीं कर सकते। यह व्यापक शब्द। समझने में सरल लेकिन व्यापकता लिए हुए है । इसके मायने अलग अलग है। इसकी कोई एक परिभाषा निश्चित नहीं किं जा सकती । दर्जनो मान्य तरीको से हम इसे परिभाषित कर सकते है। मित्रों यहाँ पर आपका और मेरा मकसद ये समझना था कि सफलता क्या ह..? इसका अर्थ क्या है..? मतलब क्या है..? और उम्मीद करता हूँ कि आप समझ गये है। मेरे सभी पाठक '"इंटेलिजेंट" है, ये बात मेरा दिल कहता है ।
दोस्तो सफलता के अर्थ और मायने समझने के बाद अब हमे जानना होगा कि छात्र कैसे सफलता प्राप्त करें' । दोस्तो हर आदमी सफल होना चाहता है ।मैं सफल होना चाहता हु, आप भी सफ़ल होना चाहते है। हम सब ऐसा चाहते है। पर केवल चाहने मात्र से कुछ नहीं होता इसके लिए रास्ता बनाना पड़ता है। एक सटीक और असरदार रण नीति बनानी पड़ेगी। आज की पोस्ट स्टुडेन्ट पर केन्द्रित रहेगी।
आज का आर्टिकल् मुख्य रूप से 11,12 क्लास के बच्चो पर केंद्रित रहेगा। वैसे सभी पर लागू होता है । कोई भी फॉलो कर सकता हैl इसमें बहुत असरदार tips आपको बताये जायेंगे। हमे बहुत सी चीजे और बातें पता होती है पर उनको अमल में लाना बेहद मुस्किल होता है। हम पढ़ते बहुत है- महापुषों के विचारों को। अभि प्रेरक संदेशों को । प्रेरणादायी कोट्स को। पर अमल नही करते। फॉलो करना सबसे ज्यादा जरुरी है । तो जो काम की बात है वो ये है कि आप किसी भी टीचर का या कोई भी मोटीवेशन टीचर का सिर्फ एक "सक्सैस चार्ट " फोलो कर ले बस । वो एक ही काफी है। आपकी सफलता के लिए | स्वामी विवेकानन्द का एक अभि प्रेरक सन्देश मुझे याद आ रहा है, और आप सब स्टूडेन्ट पर सटीक बैठेगा, स्वामी जी कहते है कि अपना एक "लक्ष्य चुनौ और तन, मन, धन सब कुछ उस में झोंक दो अन्य विचारों को अपनी जिन्दगी से बाहर कर दो"" ऐसा करने पर आपको सफ़ल होने से कोई नहीं रोक सकता।
1. अनुशासन में रहे।
दोस्तों, अनुसासन आपको जीने का तरीखा सिखाता है। समय बद्ध दिनचर्या जो एक स्टुडेन्ट के लिए बेहद जरूरी है। अनुसासन में व्यक्ति अपनी दैनिक चर्या में सुधार लाता है। अनुसासन आपके पढ़ाई के घन्टे नहीं गिनता, बल्कि आपके जीवन को समय वह चक्र में पिरोता है। जैसे आपको सुबह 4 बजे उठना है। ½ घंटे घूमना है। नहा-धौकर, प्रभु का स्मरण कर 5 बजे अध्यन के लिए बैठना है। इसी प्रकार स्कूल जाना। खाना। खेलना ,पढ़ना । ये सब गतिविधि आपको समय के अनुसार करनी है। संयमित जीवन जीना है। भोजन को सादा रखे लेकिन फलू, दूध सलाद का अधिक उपयोग करे । दोस्तो 11, 12 के छात्र इस समय किशोर अवस्था के दौर से गुजर रहे होते है। ऐसी स्थिति में उनकी शारिरिक एवं मानसिक दशा कुछ भिन्न और अलग तरह के एहसासो से गुजरती है। एक अवस्था में हार्मोन, शारिरिक, मानसिक, और आचार विचार सम्बन्धि हर तरह के बदलाव दृष्टिगोचर होते हैं।
2. अपने अंदर के शारिरिक और मानसिक बादलवों को पहचाने।
बच्चों किशोर अवस्था जीवन का सबसे नाजुक दोर् है। उम्र का ऐसा पड़ाव है जिसमे अनेक सरिरिक और मानसिक परिवर्तन दिखाई देते है। किशोरावस्था में होने वाले इन परिर्वतनों के
कारण ही मनोवैज्ञानिकों ने कुछ रोचक परिभाषा दी है। आप भी इन्हें जरूर पढ़े
"स्टेनली हॉल":----
कहते है कि " किशोर अवस्था बड़े संघर्ष, तनाव और तूफान किअवस्था है। ""
बच्चों आगे बढ़ने से पहले मैं इस परिभाषा को थोड़ा स्पष्ट कर दूँ। जैसा मैने बताया कि ये अवस्था बदलाओं कि उम्र है । इसलिए स्टेनली हॉल ने इसे संघर्ष - (समायोजन कि कमी, तूफान शारिरिक एवं मानसिक oबदलावों के कारण कहा है। मित्रों ऐसी संवेदनशील अवस्था में बड़े सोच समझकर कदम उठाने पढ़गे । और इसका उत्तम उपाय यही है कि आप अपने आप को अनुशासित रखे। अपनी दिनचर्या को नियमित रखे । सात्विक विचार रखे। क्योकि यौवन और जननांगों में में भी भारी परिवर्तन दिखाई देते है। जन्म से लेकर मृत्यु तक के पड़ाव में किशोरावस्था ही सबसे अहम पड़ाव माना जाता है | जिसे बड़ी सजगता के साथ पार करना होता है । और दूसरी महत्वपूर्ण बात यह भी है। कि इसी अवस्था से आपका भविष्य और कैरियर के रास्ते तय होते है। ज़रा सी लापरवाही आपका पूरा जीवन तबाह कर सकती है। आपकी सुविध्या के लिए मैं इन विभिन्न परिर्वतनों को सूचीबद्ध कर देता हूँ ।
1. विचारों, रूचियों, संगतों में बदलाव होते है
2. व्यवहार मे बदलाव।
3 लड़के एवं लड़कियों के परिवर्तन- जैसे, अंडकोषों का विकास, जननांगो में परिवर्तन।
4 लड़कियों में स्तन विकास , गुप्तागों पर बालों का उगना । मासिक चक्र का प्रारम्भ ।
5.यौवन का प्रारम्भ और यौवन सम्बन्धि बदलाव |
6.रोमांस एवं शारीरिक संबंधों के प्रति आकर्षण उत्पन्न होना ।
7.परिजनों से बहस एवं तर्क बिर्तक करना |
8. शरीर के विभिन्न अंगो पर बालों का उगना ।
9.आवाज में बदलाव आता है।
10.स्वप्नदोष (नाइट फाल) और उससे जुड़ी चिंताएं ।
11.परिजनों के नियन्त्रण से निकलने के प्रयास।
12. भवनाओ मे बहकर कार्य करना।
13. भविस्य कि चिंता सताना।
15. दोस्तों (मित्र मण्डली) के साथ व्यर्थ का भ्रमण ।
आदि कुछ मुख्य परिर्वतन है। आप भी इन परिवतनों के दौर से गुजर रहे है तो चिंता ना करे । और संयमित दिनचर्या के साथ रहे। हर इंसान इस दौर से गुजरता है। घिरे-घिरे लगभग (19 वर्ष के बाद) ये बदलाव होना, पहले कम होता है फिर। स्वतः समाप्त हो जाते है।
माता पिता भी इस उम्र के बच्चों और उनके व्यवहार को लेकर चिंतित रहते हैं। में यहाँ परिजनों से अपील करुगा कि वो उम्र और अवस्था के इस दौर को देखकर अपने किशोर बच्चों के लिए समझाइस और प्यार कि गुजाइंस रखे | उनकी समस्याओं को सुने । सहयोग करें । हर अच्छे बुरे मुद्दे पर बात करें ।
3. समय सारणी (time table) बनाकर पढ़े।
सफलता कि पहली सीढ़ी है अनुसासँ lऔर अनुसासन के लिए जरूरी है " समय सारणी।
दोस्तो अनुशासित अध्ययन का पहला चरण है " समयबद्ध अध्ययन" । समय सारणी बनाकर पढ़ना आपकी आयु में छात्रों के लिए बेहद फायदेमंद है। इसका सबसे बड़ा लाभ आप प्रत्येक विषय को प्रतिदिन पढ़ पाएगे और एक Time Table के अनुसार पढ़ने से आप अनुसान के अब्यस्थ् भी रहगे | दो फायदे आप प्राप्तकर सकगें | दोस्तो समय सारणी से प्रत्येक विषय को समय मिलता है और वर्षभर उसे फोलो करते है तो एक औसत बच्चा भी बेहतर अंक प्राप्त कर लेता है। अत: आज ही Timetable बनाएँ और ऐसे विषय जो आपको कमजोर कर रहे। उनको अधिक समय दें। शुरुआ में आपको दिक्कत आयेगी पर । पर ये आपको करना ही होगा। इसके अभाव मे आप बेहतर सफ़लता प्राप्त नहीं कर सकते।
4. नियमितता जरूरी।
दोस्तों time टेबल बनाना बहुत आसान है, कोई भी नियम बनाना आसान है, लेकिन उस पर खरा उतरना बड़ा मुश्किल कार्य है। पर आप मेरे कहने से इसे शुरू करे। ये थिंकिंग रखे कि मे किसी भी condition मे इसका पालन करूँगा, चाहे जो हो। ऐसा करने से आप नियमित पढ़ाई कर पाएगे । आपका सिलेबस Exam से पहले ही , और वो भी कई बार कम्पलीट हो jayega ! जो विद्यार्थी टाइम टेबल । बनाकर नहीं पढ़ते
उनका ना स्लेबस पूरा होता है, और कई विषय छूट जाते है ।
5. कठिन विषय पहले ,और अधिक पढ़े।
दोस्तों इस बिंदु में आगे बढ़ने से पहले मैं आपको --
बच्चों, कोई भी स्टूडेंट हर विषय में पारंगत या होशियार हो ये जरूरी नहीं होता । सभी में कुछ ना कुछ कमी दिखाई देती है। किसी का कोई विषय कमजोर, किसी का कुछ Week | अगर आप के साथ भी ऐसा है तो आप तुरन्त ये काम करें -----
अपनी डायरी उठाकर ध्यान से सोच कर ऐसे विषयों को लिख के जिनमें आप. अपने आपको कमजोर महसूस कर रहे है। और उन्हें भी लिखे जिन्हें आप थोड़ा बहुत पढ़कर भी बहुत अच्छा कर सकते है । अब आप जिन विषयों में अच्छे है उनके पढ़ने के घंटे घटाकर जिनमें कमजोर है उनके घंटे बढ़ा दीजिये
अर्थात आप अपने कमजोर पार्ट / विषयों को ज्यादा पढ़े और पहले पढे- । मान लिजिए आपका साइंस विषय कमजोर है तो आप साइंस को अन्य विषयों से अधिक समय दें । धीरे-धीरे और समझकर पढ़े | रटे नहीं | क्योकि देशी कहावत है जो एकदम सटीक है कि "रटन्त विद्या फलन्त नाही"। अर्थात रटी हुई विद्या आपको फल नहीं देगी | समझकर पढ़े | doughts को नोट कर ले। और अगले दिन क्लास में जाते ही सम्बन्धित विषय अध्यापक से पूछे ।अच्छे मित्रों से डिस्कसन करें। दोस्तों में दावे के साथ कहता हूँ कि न केवल आपका कमजोर विषय मजबूत होगा बल्कि उस विषय में आपकी रूचि जाग्रह होगी! और सारा खेल Interst का है । रुपि पैदा होते ही आपके लिए जटिल कार्य भी आसान हो जाएगा। अब मैं आपको मेरा खुद का एक उदाहरण देता हु l जो मुझ से जुड़ा है। और किशोरावस्था का ही है। इससे आपको समझने में मदद मिलेगी।
दोस्तो में स्वम । शुरू से ही गणित विषय में कमजोर था। गणित पढ़ने का मेरा मन ही नहीं होता था।, इच्छा ही नहीं होती थी | मेरे बड़े भाई साहब मैथ साइंस के ही टीचर थे | वो मुझे टोकते और डांटते थे कि गणित पर अधिक ध्यान हो । पर मेरे पिताजी का मैं लाडला होने के कारण वो कह देते कि " "इसे क्यो परेशान करते हो यार। ये खुद अपने आप पढ़ लेगा जो मन करेगा" | उसके बाद मुझे बड़ी राहत महसूस होती और कभी मैने गणित पर ध्यान नही दिया और परिणाम ये रहा कि 10, 12 में गणित विषय ने मेरा रिजल्ट खराब किया ।और आज भी मैं गणित में कमजोर हूँ । आज भी मे ,साधारण गणित भी नहीं कर पाता हु। इसका बहुत खामियाजा मैने भरा है आज तक । क्योकि हर प्रतियोगी परीक्षा में गणित जोड़ा गया है। दोस्तों, कुछ विषय ऐसे होते है , जो जादा important होते । अंग्रेजी, मैथ्स , nsecince , history, geography, आदि। महत्वपूर्ण विषय कमजोर रह जाने पर आपको जीवन भर pachatana पड़ेगा । सभी विषयों को अच्छा बनाकर रखे । मैने मेरा उदाहरण देकर आपको इसलिए बताया है कि यदि आपके साथ भी ऐसा है तो अपने उस विषय पर ध्यान दें । आज से ही उसे ज्यादा पढ़े |और पहले पढ़े | आपको शुरू में दिक्कत होगी। तक्कलीफ होगी- होने दे। आप केवल follow करने पर focous ज्यदा रखे।रुचि पैदा करने मै कुछ समय लग सकता है। पर एक बार इंट्रेस्ट बनने के बाद।आपकी सफ़लता निश्चित है।आप कठिन विषय को बार बार पढ़े - "आप जीत जाएंगे "!
6. खुश रहे।
@ हमेशा खुश रहे दोस्तो खुशी एक सुखद एहसास है | छात्र हो, या कोई भी इंसान जो जितना खुश होगा उसके सफल होने के चांस उतने ही बढ़ जाएगे | खुश रहने से हमारे शरीर और दिमाग दोनों कि सक्रीयता बढ़ जाती। आप जितना खुश रहगें उतनी ही अच्छी आप पढ़ाई कर पायगे आप को अच्छा और अधिक याद रहेगा मुस्कुराते हुए चेहरे सबको अच्छे लगते हैं। सबसे बड़ी बात कि खुशी आपके। तनाव और चिंता को कम कर देती है। आपकी कार्य छमता और उत्पादकता को बड़ा देती है। मेरे प्यारे छात्रों खुश रहने और मुस्कुराने वाले लोगों मै "एंडोर्फिन" नामक हर्मौंन अधिक रिलीज होता है। जो हमारे मूड को रिलेक्स रखता है। जब एकमात्र खुशी हमे इतने लाभ पहुँचा सकती है तो इससे इतना परहेज क्यों..?? जिन्दगी का सबसे अच्छा इंवेस्ट मेंट है--" खुशी" । खुसियों मे इंवेस्मेंट करना सीख जाओ... जीना भी सीख जाओगे।
7. सिलेबस के अनुसार ही पढ़े।
सफ़लता का का एक राज यह भी है "" सिलेबस को ध्यान मे रखकर पढ़ना ""।
परीक्षा कि तैयारी हमेशा स्लेबस के अर्कोडिंग करें। जो चैप्टर आपके पाठ्यक्रम में नहीं है। वो छोड़ दे । सिलेबस से आपका पाठ्यक्रम समय पर पूरा होगा और महत्वपूर्ण अध्याय छूटगे भी नही ।
8. पुराने प्रशन पत्रों से अभ्यास करे।
दोस्तो आपने देखा होगा कि बहुत से बच्चे जो आपसे ज्यादा परिश्रम करते थे। पर उनका परिणाम अनुकूल नहीं रहा। वो अंक भार में पिछड़ आते हैं । मैने इस कि वजह जानने का प्रयास किया तो, ये तथ्य निकलकर सामने आया कि इनमें ज्यादातर बच्चे वो है, जिन्होंने अपने पढ़े हुए मैटर का परीक्षा के दृष्टिकोण से अभ्यास नही किया।
दोस्तो हमारे यहाँ एक देसी कहावत है। बड़ी प्रसिद्ध है। आपने भी suni होगी कि "करत करत अभ्यास से जड़ मति होत सुजान" अर्थात अभ्यास वो चीज है जो जड़मति - यानी मुर्ख! बुद्धि के व्यक्ति को भी ,चतुर और होशियार बना देती है।अभ्यास मे बहुत takat होती है। इसलिए अभ्यास बहुत जरुरी है। इसके अभाव में आप अन्य छात्रों के मुकाबले पिछड़ सकते हैं । आपके लिए अभ्यास का सबसे बेहतर तरीका है -- अपनी Exam के पिछले प्रश्न पत्रों को लाये । या Board कि साइट पर भी उपलब्ध रहते है । आप वहा देख सकते है। पर बेहतर यही है कि बाजार से खरीद ले | बहुत सारे पब्लिशर इनकी छोटी सी बुक बनाकर छापते है। इनके लिए अलग से 1 या 2 दिन निर्धारित कर दें। रोज करें, यह जरूरी नही । आप यकिन मानइये कि इस टिप्स से आपको सर्वाधिक लाभ होने वाला है। जो कमियाँ आपको Exam हॉल में जाकर मालूम होती ,अब आपको इन प्रेन्टिस सेंट के जरिये पहले ही ,मालूम हो आएगी l और समय पर ही आप इन्हें दूर कर लेंगे। ऐसा करके आप अन्य की तुलना मे बढ़त हासिल कर लेंगे। सौ प्रतिशत। और निश्चित तौर पर आपकी परसेन्टेज बढ़ेगी। कई बच्चों कि शिकायत होती है , कि प्रैक्टिस सैट तैयारी का समय खा जाते है। यह सोचना एकदम गलत है। क्योकि ये वहीं सारे प्रश्न है जो पिछली परीक्षाओं में आये है और ये आपके अभ्यास, तैयारी, परीक्षा के डर, भय, और Excam में होने वाले तनाव से आपको पहले ही मुक्त कर देगा । उसे जरूर फोलो करना। जो करगे | उन्हें लाभ होगा | फायदा नहीं हो तो मुझे बताना ।
दोस्तों, प्रेरणा डायरी ( motivation dayari ) छात्र और युवाओं के लिए समर्पित ब्लॉग है। छात्र और युवा की करियर के लिए उपयोगी आर्टिलों का संग्रह आपको प्रेरणा डायरी में मिलेगा। "प्रेरणा डायरी" ब्लॉग की हाल के दिनों की कुछ लोकप्रिय पोस्ट --
इसके अतिरिक्त छात्रों को प्रेरित करने वाली, और उनमें सकारात्मक संचार करने वाली कुछ अन्य पोस्ट इस प्रकार हैं
1.स्टूडेन्ट कैसे मोटीवेट रहे । Motivate कैसे रहे ।
2.एक ओजस्वी वाणी - स्वामी विवेकानन्द ( छात्रों के लिए 3.Motivational quoites
4.लहरों से उरकर कश्ती पार नहीं होती
5.मोटीवेट रहने के अचूक 7 अचुक उपाय।
6.आत्मविश्वास क्या होता है...इसे कैसे बढ़ाया जा सकता है। 7. Sakaratmak सोच क्या है... छात्रों के लिए सकरात्मक रहने के टिप्स।
9. Extra curriculum Activites मे भाग जरूर भाग ले।
आप शायद इसके बारे में जानते होगे । पर एक बार आगे बढ़ने से पहले मैं आपको बता दु, कि आखिर पाठ्येतर गतिविधी क्या होती है। दोस्तो इसमें वो क्रियाकलाप शामिल हैं जो आपके सिलेबस से सम्बन्धित नहीं है। पर आपके शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए अत्यन्त आवश्यक होती हैं - इसमें सामिल गतिविधियों को आप गौर से पढ़े । और देखें । आपकी रुचि किसमे है। किसी ना किसी गतिविधि मे
आपकी भी रुचि जरूर होगी। जिनमें आपकी रुचि है। उनकी पहचान करें।
1.जैसे खेलकूट- क्रिकेट, फुटबाल, बॉलीबाल, टेनिस दौड एथलेटिम्स । और भी खेल सामिल है।
2. इसी तरहा आर्ट मे - पेटिंग, मॉडल, पोस्टर, आदि बनाना ।
3.डिस्कशन - विचार विमर्श, डिबेट कार्यक्रम ,सेमीनार, संगोष्ठि, वाद विवाद प्रतियोगिता आदि।
4.साहित्य- कहानी, कविता, निबन्ध, समाचार, डायरी, आदि लिखना ।
5. अन्य रचनात्मक, स्राजनात्मक गतिविधि भी शामिल।
दोस्तो अब इन गतिविधियों से आप को क्या लाभ होने वाला है आप वो- समझे । वो ज्यादा जरूरी lआपकी उम्र में जैसा कि मैने पहले जिक्र "किया है शाriरीक, मानसिक, बौद्धिक, और हार्मोनिक, संबंधी बदलाव तेजी से होते हैं । इस लिए पढ़ाई के अलावा कुछ अन्य कार्य जिनसे शरीर और दिमाग दोनों को बल मिले, करना जरूरी है। इससे आपके अध्ययन में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी । अपितु आपके विकास और बुद्धि दोनों को विकसित होने में मदद मिलेगी।
(A) अच्छे करियर कि संभावना : -
इन गतिविधियों से आपके विकास को तो पंख लगगे ही आपका कैरियर भी बन सकता है, और वो भी बहुत अच्छा | आईये जानते है कि कैसे..
"" मान लिजिए आप को पढ़ने के साथ-साथ क्रिकेट खेलना बहुत पसन्द है और इसमें आपकी रूचि भी , है तो धीरे- धीरे आप जिला स्तर, फिर स्टेल लेवल ,और नेशनल लेवल तक पहुँच सकते हैं। आप इन्टरनेशनल लेवल तक भी जा सकते है। आप अपना कॅरियर और भविष्य दोनो बना सकते हैं,। पैसा भी बहुत है इन क्षेत्रों में | अर्थात आप अर्थ भी कमा सकते हो। दुनियाँ के महान बल्लेबाज और ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की जीवनी " Motivate"" करने वाली है। पढ़ाई में औसत से भी कम थे । ये वो खुद स्वीकार करते है। पर क्रिकेट उनका शौक था और इसमें उनकी रूचि थी | अब आज वो किस मुकाम पर है आप सब जानते है | बताने कि और कुछ परिचय देने की आवसाइक्त ही नहीं। दोस्तो मान लिजिए आपको स्पोर्ट्स में रुचि नही । किसी और काम मे है,to वो करिये। मान लेते है कि- आपको पेंटिंग बनाना अच्छा लगता है। तो आप थोड़ा थोड़ा , इस पर ध्यान दे। आपको मनपसन्द कार्य करने के कारण खुशी तो मिलेगी ही, अगर आपने इस काम को दिल से किया तो बहुत बड़े स्तर तक पहुँचने के दरवाजे आपके लिए खुल जाएंगे | आप नाम, पैसा, कॅरियर सब हुए प्राप्त कर सकते है। क्रिकेट और पेटिंग का तो मैने एक उदाहरण दिया है। इन गतिविधियों को उपर जाकर एक बार फिर से देखें। इन मे से जरूर कोई ना कोई कार्य आपको भी अच्छा लगता होगा आप की रुचि भी उसी मे होगी। आप उसे करके खुश होते होंगे आप ऐसे कामों को भी महत्व दे। छुट्टी के दिन ऐसे कार्यो को करें। इनको करके आपको भी खुशी मिलेगी । जिसे करने के लिए आपका दिल कहता है । तो सोने पर सुहागा" आप उसी Activites को चुन लो। और मन से उस को रोज 1 घंटा अभी से दो । सरकारी या प्राइवेट नोकरियों से 100 गुना अच्छा भविष्य बना सकते है। इसकी नींव आप अभी डाले | जरूरी नही कि अभी आप इसमें दिन रात लगा दे । या बहुत अधिक परिश्रम करे। इतना करने के लिए आपको ग्रेजुएशन तक का इन्तजार करना चाहिए। वहाँ से आपके कैरियर कि दिशा तय हो जाती है । पर इसका प्रारम्भ कर देना चाहिए । 1 घंटा या। हफ्ते में एक दिन । sunday को करे। छुट्टी के दिन। हजारो उदाहरण है जो ये प्रमाणित करते है कि , इंसान रूचि वाले कार्यों में सफलता प्राप्त कर दुनिया में हमेशा के लिए अपना नाम अमर कर गये। इतने ऊँचे मुकाम तक पहुँचे।और आज पहुँच रहे है । इन गतिविधियों को समय कि बर्बादी समझना मूर्खता है। पेरेन्ट्स को भी ● बच्चों को एक्ट्रा कैरिकुलम एक्टिविटी मे पार्टीसिपेट के लिए अपने बच्चो को ""motivate / प्रेरित "" करना चाहिए ।
10. खूब परिश्रम करे।
दोस्तो सब्र और परिश्रम का फल सदैव मीठा ही होता है। परिश्रम में आनाकानी न करें । परिश्रम से जी चुराना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इस उम्र में आपके पास जोश भी है । और ऊर्जा भी। इसका सद् उपयोग करें। अधिक से अधिक समय अपनी पढ़ाई को दे। व्यर्थ के झमेलों में न पड़े। रात को आप 10 बजे अपने बिस्तर पर चले जाए और सुबह 4 बजे उठे | सर्दियों में थोड़ा परिवर्तन कर सकते हैं। मस्त रहे। पढ़ाई को फ्री माइंड से करें। बोझ समझकर पढाई ना करें। खुश होकर करें।
11. नोटस् बनाकर पढ़े।
दोस्तो पढ़ते समय जो भी Important fact हो । उन्हें नोट्स के रूप में तैयार कर ले। नोट्स बनाने से आपको विषय याद होगा। लिखने का सबसे बड़ा फायदा-- "अच्छा और लंबा याद होता है "। Exam time पर आप बुक से जल्दी जल्दी रिवाएज नहीं कर सकते। नोटस होना बहुत फायदेमंद साबित होगा । आप बात की गंभीरता को समझ गये होंगे। समय - समय पर आप इनको दोहराते रहे। इन्हें रिवाइज करते हरे।
निष्कर्ष ( concluesion)
सफलता एक ऐसा पल है जो हमे खुशी देता । उत्साह और आनंद देता है। हमारे ,आपके सबके चेहरे पर मुस्कान देता । आप को मान सम्मान भी देता है। धन और दौलत भी प्रदान करता है | सब कुछ तो नही पर बहुत कुछ आपको मिल सकता है। पर क्या ये इतना आसान है क्या..? इस सवाल का जवाब आपके पास ही है। क्योकि आप सफलता चाहते है, तो उसके लिए समर्पण करना जरूरी है। आपको उन रास्तों से दिल लगाना पड़ेगा ,जो सफलता कि और जाते है। आपको अपनी अपनी मेहनत और अपना परीक्ष उन रास्तों में झोकना पढ़ेगा। कहते है भगवान भी उन्हीं को सफल बनाते है जो अपने काम से प्यार करते है। अपने काम और अपने पेशे कि इज्जत करते है । तो दोस्तों पढाई करो । सकरात्मक सोच के साथ करो, मन और दिल से करो। मेरी शुभ कामनाएँ हमेसा आपके साथ है।
Question- answer
Question 1. कैसी सफलता हासिल करें 11वीं 12वीं के छात्र..?
उत्तर - 11वीं और 12वीं के छात्र सफलता के लिए, नियमित पढ़ाई, समय प्रबंधन, लक्ष्य निर्धारण, और तनाव कम करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करें, साथ ही अपने स्वास्थ्य और शारीरिक गतिविधियों को भी महत्व दें. यहां कुछ और महत्वपूर्ण बातें दी गई हैं -- जैसे
1. नियमित पढ़ाई करें:
हर दिन पढ़ाई के लिए एक निश्चित समय निर्धारित करें और उसका पालन करें.
3. समय प्रबंधन:
समय को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करें और पढ़ाई के लिए एक योजना बनाएं.
4. लक्ष्य निर्धारित करें:
अपने लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से निर्धारित करें और उन पर ध्यान केंद्रित करें.
5. स्वस्थ रहें:
पर्याप्त नींद लें, पौष्टिक भोजन खाएं और नियमित रूप से 6. व्यायाम करें.
7. तनाव कम करें:
तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान या अन्य गतिविधियों का अभ्यास करें.
8. मॉक टेस्ट और अभ्यास प्रश्न हल करें:
नियमित रूप से मॉक टेस्ट और अभ्यास प्रश्न हल करें ताकि आप अपनी तैयारी का स्तर जान सकें.
9. सकारात्मक रहें:
अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रति सकारात्मक रहें और कभी हार न मानें.
10. सहायता लें:
यदि आपको किसी भी विषय में कोई समस्या हो रही है, तो अपने शिक्षक या अन्य लोगों से मदद लेने में संकोच न करें.
11करियर परामर्श लें:
11वीं कक्षा में, अपने करियर के बारे में सोचना शुरू करें और करियर परामर्श लें.
12. अपने जुनून को जानें:
अपनी रुचियों और क्षमताओं को पहचानें और उसी के अनुसार अपने करियर का चुनाव करें.
13. सकारात्मक सोच रखें:
हर चुनौती को एक अवसर के रूप में देखें और उससे सीखें.
14.सफलता एक यात्रा है:
सफलता एक रात में नहीं मिलती है, इसलिए धैर्य रखें और लगातार प्रयास करते रहें.
15. अपनी कमजोरियों को पहचानें और उन पर काम करें:
अपनी कमजोरियों को पहचानें और उन पर काम करने के लिए एक योजना बनाएं.
16. अपने माता-पिता और शिक्षकों से बात करें:
अपनी पढ़ाई और करियर के बारे में अपने माता-पिता और शिक्षकों से बात करें.
17. जीनियस परीक्षा जैसी छात्रवृत्ति परीक्षाओं के लिए आवेदन करें:
अपनी प्रतिभा दिखाने और छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए जीनियस परीक्षा जैसी परीक्षाओं के लिए आवेदन करें.
Question 1.स्मार्ट स्टेडी क्या है.? और स्मार्ट स्टेड़ी करें.?
Answer :--दोस्तो समय के साथ हर चीज़ बदल जाती है। प्रकृति परिवर्तन शील है। जैसे धीरे-धीरे हर जगह परिवर्तन आया है। हर चीज मे परिवर्तन आया है। वैसे ही अध्ययन के क्षेत्र में भी आया । शिक्षा जगत में भी बदलाव आये। पढ़ाई के तरीके, साधन, उपकरण, अध्ययन सामग्री, पुस्तके सब बदल गया। तो तैयारी के तरीके भी बदल गये । अब जमाना स्मार्ट स्टेडी का है । ""हार्ड वर्क के स्थान पर स्मार्ट studay"'
स्मार्ट studay परिभाषा ---
"कठिन परिश्रम के स्थान आधुनिक समय में पूछे जा रहे प्रश्नो कि प्रकृति को ध्यान में रखकर बुको के साथ, इंटरनेट,।सूचना तकनीक, एप्लीकेशन्स , google, u- ट्यूब , आदी आधुनिकतम साधनों की मदद से । अधिक से अधिक स्कोर और लाभ प्रदान करने वाली शिक्षा ही स्मार्ट स्टेडी कहलाती है।। स्मार्ट studay में अच्छी रणनीतियों को भी शामिल किया जाता है। ।
स्मार्ट स्टैडी कैसे की जाती है....?
इसके लिए आप निम्न कार्य योजना (Acticon play) ०पर चल सकते हैं l आप पढाई के लिए स्मार्ट ,थोड़े आधुनिक तरीको और अच्छी रणनीति बनाकर पढ़े। स्मार्ट स्टैडी के लिए आप ये करें --
-लक्ष्य चुने ।
-सिलेबस से सम्बन्धित विश्लेषण करे।
-सिलेबस को पार्टी में डिवाइस कर ले ।
-एक एक पार्ट को तैयार करते हुये चले। और उन पर पकड़ बना लें।
-इटर नैट पर उपलब्ध मैटर का सहारा ले।
-गूगल ऐप । आदि का लाभ उठाएँ ।-सिलेबस को पार्टी में डिवाइस कर ले ।
-एक एक पार्ट को तैयार करते हुये चले। और उन पर पकड़ बना लें।
-इटर नैट पर उपलब्ध मैटर का सहारा ले।
-गूगल ऐप । आदि का लाभ उठाएँ ।
-ग्रुप डिस्कशन करे ।
-आँकडो का बिश्लेषण ।
-अपने परिणाम का मुल्याकां करें, एनलेसिस करें।
-प्रश्नों और मैटर का तुलनात्मक अध्ययन करते रहे ।
-अपने परिणाम को जाँचे।
क्वेश्चन 2. 11th 12th परीक्षार्थियों के लिए अच्छी सफलता हासिल करने के लिए क्या मार्गदर्शन दिया जा सकता है..?
उत्तर -11वीं और 12वीं की परीक्षा के लिए मार्गदर्शन यहाँ दिया गया है:
परीक्षा की तैयारी के लिए सुझाव-
1. *नियमित अध्ययन*: नियमित अध्ययन करना परीक्षा की तैयारी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आप एक अध्ययन अनुसूची बनाकर अपने समय का सदुपयोग कर सकते हैं।
2. *विषयवार तैयारी*: प्रत्येक विषय के लिए अलग-अलग तैयारी करना आवश्यक है। आप अपने कमजोर विषयों पर अधिक ध्यान दे सकते हैं।
3. *नोट्स बनाना*: महत्वपूर्ण बिंदुओं के नोट्स बनाना आपको परीक्षा में मदद कर सकता है। आप अपने नोट्स को नियमित रूप से अद्यतन कर सकते हैं।
4. *मॉक टेस्ट*: मॉक टेस्ट देना आपको परीक्षा के पैटर्न और समय प्रबंधन के बारे में जानने में मदद कर सकता है।
5. *आत्म-मूल्यांकन*: अपने प्रदर्शन का आत्म-मूल्यांकन करना आपको अपनी कमजोरियों को जानने और सुधारने में मदद कर सकता है।
परीक्षा के दौरान सुझाव
1. *समय प्रबंधन*: परीक्षा के दौरान समय प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है। आप अपने समय को विभिन्न खंडों में विभाजित कर सकते हैं।
2. *प्रश्नों का चयन*: प्रश्नों का चयन करने से पहले उन्हें अच्छी तरह से पढ़ें और समझें।
3. *उत्तर लिखने का तरीका*: उत्तर लिखने का तरीका बहुत महत्वपूर्ण है। आप अपने उत्तरों को स्पष्ट और सुव्यवस्थित रूप से लिख सकते हैं।
परीक्षा के बाद के सुझाव
1. *परिणाम की प्रतीक्षा*: परीक्षा के बाद परिणाम की प्रतीक्षा करना स्वाभाविक है। आप अपने परिणाम की प्रतीक्षा कर सकते हैं और आगे की योजना बना सकते हैं।
2. *आगे की योजना*: परीक्षा के बाद आप आगे की योजना बना सकते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम कर सकते हैं।
उम्मीद है, ये सुझाव आपको 11वीं और 12वीं की परीक्षा में मदद करेंगे।
Blog name -- प्रेरणा डायरी।
वेबसाइट --- prernadayari.com
राइटर -- kedar lal
टिप्पणियाँ
धन्यवाद।