सवालों और संदेहो के घेरे में क्यों है नीट परीक्षा -2024। एनटीए ने भी माना... गड़बड़ी हुई... अब क्या....??

प्रेरणा डायरी।
टुड़ावली, राजस्थान, भारत।
13/06/2024, 4:11 PM

 उठने लगी है नीट परीक्षा निरस्त करने की मांग-


 नीट यूजी 2024 के परिणाम में खामियों पर एनडीए की ओर से दो बार स्पष्टीकरण देने के बावजूद कोटा समेत देश भर में नीट परीक्षा निरस्त करने की मांग जोर पकड़ रही है। कोटा समेत कई शहरों के छात्रों ने मुख्यमंत्री और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेज कर परीक्षा को निरस्त करने की मांग की है। NTA की ओर से 5 मई को नीट यूजी परीक्षा 2024 का आयोजन किया गया था उसका पेपर 4 मई को रात को लीक हो गया और काफी लोगों के पास इसकी प्रतिलिपि है। उसके बाद इस पेपर का रिजल्ट जारी किया गया।

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नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के स्पष्टीकरण के अनुसार 1563 विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान व्यवधान उत्पन्न होने के कारण नष्ट हुए समय को कंपनसेंट करने के लिए ग्रेस अंक दिए गए। इन ग्रेस अंकों के कारण 6 से 8 अतिरिक्त विद्यार्थियों को 720 में से 720 अंक प्राप्त हुए।  इसी के चलते विवाद उठने लगे और परीक्षा संदेशों के घेरे में आ गई है। 

 NTA से जवाब तलब -

 देश भर के मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए आयोजित नीट - यूजी के परीक्षा परिणाम में ग्रेस मार्क देने का मामला दिल्ली और कोलकाता हाई कोर्ट पहुंच चुका है। दिल्ली हाई कोर्ट में श्रेयांशी ठाकुर नाम की छात्रा ने याचिका दायर की है। और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी यानी एनटीए के ग्रेस मार्क देने के फैसले को मनमाना बताते हुए इसे चुनौती दी है। नीट परीक्षा में इस साल 67 छात्रों को पहली रैंक मिली है। रिपोट में कहा गया है कि NTA ने ग्रेस अंक देने के निर्णय से हजारों विद्यार्थियों को प्रभावित किया है एवं एनटीए का निर्णय उन विद्यार्थियों के साथ भेदभाव करता है जिन्होंने परीक्षा के नियमों का पालन किया है। यह हजारों अभ्यर्थियों के अधिकारों का उल्लंघन है। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने याचिका पर सुनवाई के बाद एन टी ए से जवाब मांगा है और परीक्षा में अनियमितता पर कोलकाता हाई कोर्ट में भी जनहित याचिका दाखिल की गई है। इस पर भी कोर्ट ने एनटीए से जवाब मांगा है। परीक्षा में गड़बड़ी का मुद्दा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व प्रियंका गांधी ने भी उठाया है। यानी की नीट परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर मामला तेजी से गरमाता जा रहा है। यह मुद्रा शिक्षा जगत से निकलकर राजनीतिक मुद्दा भी बनता जा रहा है। यानी आने वाले दिनों में यह है और भी तूल पकड़ेगा। 

 गड़बड़ी की आशंका -

 एनटीए की ओर से में में आयोजित नीट परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्न में दो उत्तरों को सही माना गया। याचिका दाखिल करने वाले छात्रों का कहना है की परीक्षा के निर्देशों के मुताबिक एक ही विकल्प सही हो सकता है। एनटीए के निर्णय का लाभ उन विद्यार्थियों को मिला जिन्होंने अनुमान अर्थात तुक्का लगाया।  इसके अलावा एक साथ 67 अभ्यर्थियों के 720 में से 720 अंक आने पर भी सवाल उठ रहे हैं इनमें भी 6 अभ्यर्थी एक ही परीक्षा केंद्र के हैं। 


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 परीक्षा की पारदर्शिता और पवित्रता भंग हुई --

 नीट के रिजल्ट का इंतजार कर रहे लाखों विद्यार्थियों और उनके परिजनों के लिए 4 जून की रात बड़ी अफरा तफरी लेकर आई। इसमें तकरीबन 1600 बच्चों की ऊंची रैंकिंग आई बाद में जब यह पता चला कि  67 बच्चों के शत प्रतिशत अंक आए हैं तो शुरू में लोग चकित हुए, बाद में उन्हें इस परीक्षा में धांधली की बू आने लगी। नतीजा परीक्षा से 10 दिन पहले आनंद फानन में निकल गया और नतीजे प्रकाशित करने के लिए चुनाव नतीजे का दिन गया। नीट जैसी उच्च स्तरीय एग्जाम में 67 बच्चों के सत प्रतिशत नंबर आने को चमत्कारिक प्रतिभा विस्फोट की माना जाता, यदि समय पर रहस्य नहीं खुलता तो, लेकिन जैसे-जैसे सूचना बाहर आने लगी तो परीक्षा के नतीजे को लेकर धांधली की बू आने लगी  और सवाल उठने लगे।

 नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की इज्जत पर आंच --

 सरकार ने राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा में पारदर्शिता लाने के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए की स्थापना की थी। संसद के कानून से बनी इस स्वायत संस्था के जिम्मे राष्ट्रीय स्तर पर उच्च शिक्षा के संस्थानों-- मसलन इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए दाखिला परीक्षा आयोजित करना और उनके नतीजे देना है। इस संस्था की यह जिम्मेदारी है कि वह पूरी पारदर्शिता के साथ अंतरराष्ट्रीय मानडंडों के अनुरूप परीक्षाएं आयोजित करेगी, लेकिन नीट परीक्षा के नतीजे पर उठे सवालों ने इस संस्था और उसके कार्यों को संदेह के दायरे में ला दिया है।


 इतनी महत्वपूर्ण परीक्षा पर उठ रहे सवालों से परेशान होकर बच्चों और अभिभावकों ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करके नीट की परीक्षा फिर से करने और दाखिले के लिए काउंसलिंग कराने पर रोक लगाने की मांग की है। हालांकि सर्वोच्च अदालत ने इस मामले पर रोक तो नहीं लगाई है लेकिन एनटीए से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में माना है की परीक्षा की पारदर्शिता प्रभावित हुई है। इस संस्था के प्रमुख प्रदीप जोशी देश की सबसे सर्वोच्च परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं। उनकी नियुक्ति के समय यही सोचा गया होगा कि संघ लोक सेवा आयोग जैसी पारदर्शिता वह एनटीए में भी बनाए रखेंगे लेकिन नीट के नतीजे के बाद पैदा हुए विवाद ने इसे कटघरे में खड़ा कर दिया है।

 नीचे के नतीजे पर सबसे ज्यादा सवाल विद्यार्थियों को मिले ग्रेस अंक पर है। साथ ही नीट टॉपर में शामिल 8 विद्यार्थियों का एक ही सीरीज का होना भी संदेह पैदा करता है। इनमें से 6 टॉपर हरियाणा के बहादुरगढ़ के परीक्षा केंद्र के हैं। एक नामी कोचिंग के संस्थापक ने तो नीट परीक्षा की तमाम गड़बड़ियों को लेकर बाकायदा बयान दिया है उनका कहना है कि जिन 1573 छात्रों को NTA ने ग्रेस अंक दिए हैं उनके लिए NTA ने उचित जांच पड़ताल नहीं की। फिर कैसे छह छात्रों को सत प्रतिशत अंक दिए गए। दरअसल टॉपर में शामिल 8 में से 6 को ग्रेस अंक दिए गए हैं। सवाल उन पर ज्यादा है। यह वही छात्र हैं जिन्होंने बहादुरगढ़ के परीक्षा केंद्र पर परीक्षा दी थी। यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि NTA उन छात्रों को ग्रेस अंक देने की व्यवस्था की थी जिनका वक्त परीक्षा केंद्र की वजह से खराब हुआ था। परीक्षा के वक्त ऐसी शिकायत आई थी कि कुछ परीक्षा केदो पर पेपर बांटने में देरी की गई थी। 67 टॉपर में से 6 एक ही परीक्षा केंद्र बहादुरगढ़ के हैं जिन्हें अनुकंपा अंक दिए गए हैं। इसकी वजह से भी मामला तूल पकड़ता चला गया और अदालत तक जा पहुंचा।
 नीट की परीक्षा का आयोजन 5 मई को किया गया था इसके लिए ऑनलाइन 9 फरवरी से 9 मार्च तक आवेदन किया जाना था आखिर के दो दिनों तक आवेदन वाली वेबसाइट क्रैश हो गई थी तब अभिभावकों की मांग पर  फॉर्म भरने की आखिरी तारीख दो दिनों के लिए बढाई। आठ टॉपर को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि उनकी यह भी जांच होनी चाहिए कि उन्होंने बढ़ाए गए दो दिनों में अपना फॉर्म तो जमा नहीं करवाया था। इस परीक्षा के लिए 20 लाख 38 हजार छात्रों ने आवेदन किया और परीक्षा दी थी इनमें से 11 लाख 45 हजार छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। उत्तीर्ण छात्रों की संख्या को लेकर भी विवाद हो रहा है।
 फिलहाल आरोप के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों को दिए गए ग्रेस अंकों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है वैसे यहां यह भी ध्यान देने की बात है कि ग्रेस अंक की व्यवस्था तब की गई जब नीट परीक्षा में वक्त खत्म होने की शिकायत  आई।  हालांकि एनटीए का कहना है कि यह व्यवस्था उच्चतम न्यायालय की ओर से निर्धारित मानदंडों पर ही आधारित है। परिणाम से  असंतुष्ट विद्यार्थी ग्रेस अंक और अंकों के समानता बढ़त पर सवाल उठा रहे हैं। इसी वजह से नीट परीक्षा की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। इतना ही नहीं नीट के सामान्यकरण के सूत्र पर भी सवाल उठ रहे हैं यह असंतोष दूर करने के लिए सभी संदेहों का निराकरण किया जाना आवश्यक है।

 एनटीए का बड़ा फैसला...माना गड़बड़ी हुई है...!
13 जून 2024

 दोस्तों, नीत यूजी परीक्षा अपने परिणामों के साथ ही भारी विवादों से गिर गई है। इसे लेकर पूरे देश के स्टूडेंट के बीच में बवाल मचा हुआ है। राजनीतिक हल्कों ने भी. परीक्षा को लेकर अपने स्टेटमेंट दिए जिनमें मल्लिकार्जुन लड़के और प्रियंका गांधी प्रमुख है।.. इन सब बातों को मध्य नजर रखते हुए आखिरकार नटना यह स्वीकार कर लिया की नीट परीक्षा 2024 में गड़बड़ी हुई है। यह एक बड़ी बात है. उधर केंद्र सरकार ने भी गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि 1563 अभ्यर्थियों को दिए गए ग्रेस मार्क्स वापस लिए जा रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा तुरंत और सटीक फैसला प्रशंसा की बात है। अब इन 1563 अभ्यर्थियों का स्कोर कार्ड बिना ग्रेस मार्क दिखेगा और उसके आधार पर फिर से मेरिट तैयार होगी। जिन अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स मिले हैं उनकी फिर से 23 जून को परीक्षा होगी।
 केंद्र सरकार के वकील सर्वोच्च अदालत में पेश हुए। उन्होंने जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ को बताया कि इस परीक्षा का रिजल्ट 30 जून तक जारी कर दिया जाएगा इन 1563 अभ्यर्थियों के पास परीक्षक ने देने का विकल्प भी मौजूद रहेगा।

रिजल्ट में होंगे बदलाव..

 आप और हम सभी जानते हैं और एनडीए भी माना है कि ग्रेस मार्क्स के कारण इस पार्ट टॉपर की संख्या बढ़ गई थी यदि अब गैस मार्क्स हटा दिए गए हैं और दोबारा परीक्षा होगी तो निश्चित रूप से ऑल इंडिया रैंक बदलेगी। नया रिजल्ट आने के बाद एनडीए फिर से मेरिट लिस्ट तैयार करेगा। ग्रेस मार्क के कारण इस बार नीट की एवरेज मेरिट लिस्ट 4 गुना ऊपर पहुंच गई थी। इसमें बहुत से अभ्यर्थी ऐसे थे जो अच्छे कॉलेज और सरकारी कॉलेज में एडमिशन उसे चूक गए थे। अब नहीं मेरिट लिस्ट में उनका नाम आ सकता है। 
 
 नीट परीक्षा अब ऑनलाइन मोड में करने पर विचार -

5 जुलाई 2024 

 नीट यूजी परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले ने सड़क से संसद तक बवाल मचा रखा है। इस बीच सरकार अगले साल से नीत यूजी परीक्षा ऑनलाइन मोड में करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। परीक्षा के लिए jee मैंस और JEE एडवांस्ड जैसी कंप्यूटर आधारित परीक्षा व्यवस्था को अपनाया जा सकता है। फिलहाल नींद की परीक्षा पेन एंड पेपर मोड़ से होती है।
 नित को लेकर पिछले सप्ताह तीन उच्च स्तरीय बैठक हुई इनमें पेपर लीक पर विस्तार से चर्चा की गई सरकार ने पूर्व इसरो अध्यक्ष की राधाकृष्णन की अध्यक्ष हमेशा सदस्य कमेटी का गठन किया है। कमेटी टेस्ट प्रक्रिया और डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार की सिफारिश करने और NTA कि संरचना व कार्य प्रणाली की समीक्षा के लिए बनाई गई है।

 2018 में वापस लेना पड़ा था फैसला -
 तत्कालीन शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 2018 में कहा था कि 2019 से नीट परीक्षा ऑनलाइन होगी और इस वर्ष में दो बार आयोजित किया जाएगा। लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय की आपत्ति के बाद शिक्षा मंत्रालय को यह निर्णय वापस लेना पड़ा था अब बताया जा रहा है कि सरकार इसी राह पर आगे बढ़ सकती है। सरकार की उच्च स्तर पर यह वार्ता तेजी से आगे बढ़ रही है। 




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राइटर - kedar lal   ( K. S. Ligree)

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