तंबाकू के दुष्प्रभाव और इससे बचने के उपाय।
प्रेरणा डायरी (www.prernadayari.Com )
तुडावली, राजस्थान, भारत।
डेट 15/07/2024
दोस्तों, 31 may को "विश्व तम्बाकू निषेध दिवस" के रूप मै, पूरी दुनिया में मनाया जायेगा। भारत ही नहीं पुरी दुनिया तम्बाकू रूपी दानव के सिकंजे में जकड़ी हुई हैं। सबसे चिंतित करने वाली बात ये है कि हमारी युवा पीढ़ी इसका ज्यादा खामियाजा भुगत रही हैं। तम्बाकू मौत और बर्बादी की और जाने वाला रास्ता है। तंबाकू में पाए जाने वाले अनेक विषैले तत्व हमें शारीरिक और मानसिक दोनों तरीके से कमजोर करते हैं। विश्व तम्बाकू निसेध दिवस की सार्थकता तभी है, जब हम तम्बाकू मुक्त होकर कुशहाल जीवन जिये। जिन्दगी चुनें तम्बाकू नहीं। प्रेरणा डायरी कि आज कि पोस्ट इसी मुद्दे पर आधारित हैं। सबसे पहले मैं आपको तंबाकू के दुष्प्रभाव के बारे में बताना चाहूंगा, ऐसा इसलिए नहीं है कि आपको डराया जाए, बल्कि ऐसा इसलिए ताकि आप अवेयर हो सके। इसके क्या नुकसान हैं..? ये बात जाने। क्योंकि दुष्प्रभाव कि सही जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में लोग इसे तौबा कर देते हैं।
जीवन चुने.. तंबाकू के रूप में मौत नहीं --
तंबाकू जानलेवा होने के बावजूद अनगिनत लोगों की जिंदगी का हिस्सा बना हुआ है। नुकसान होने की पुख्ता जानकारी होने के बाद भी इससे दूर होने की कोशिश कहीं से होती नहीं दिख रही। तमाम प्रयास और अभियानों के साथ शक्ति भी कारगर नहीं हो पा रही है। हालत यह है कि 12-13 साल की उम्र के बच्चे और छात्र भी तंबाकू की गिरफ्त में आ रहे हैं। तंबाकू से जुड़े उत्पाद युवा वर्ग के लिए स्टेटस सिंबल बन चुके हैं तो ग्रामीण क्षेत्र के लोग बीड़ी सिगरेट हो या गुटखा किसी ने किसी रूप में इसके आदी हो चुके हैं। पूरे देश में हर तबके के लोग इसके चंगुल में है। तंबाकू पर अंकुश की सारी गतिविधियां फिजूल साबित हो रही है।
एक अनुमान के मुताबिक भारत में करीब 25 करोड लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। इनमें से 79 फ़ीसदी पुरुष और 21 फ़ीसदी महिला शामिल है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा तंबाकू उपभोक्ता है। तो चीन और ब्राजील के बाद सबसे बड़ा उत्पादक भी है। अपने देश में हर साल करीब 14 लाख लोगों की मौत का कारण तंबाकू ही बन रहा है। तंबाकू के सेवन से होने वाली मोतों में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 1987 से तंबाकू निषेध दिवस मनाने का फैसला किया था। अगले वर्ष यानी 1988 में पहली बार 31मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया था। इसके तहत तंबाकू के सेवन की रोकथाम और इसकी लत छोड़ने में सहयोग के लिए उचित कदम उठाने थे। इसका उद्देश्य भी यही था कि किसी तरह लोगों में जागरूकता लाकर इससे दूरी बनाई जाए। तंबाकू के सेवन से कई गंभीर और जान लेवा बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
तम्बाकू के दुष्प्रभाव:-
तंबाकू के सेवन से कई गंभीर और जानलेवा बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कैंसर के अलावा हृदय रोग, ब्लड प्रेशर, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, जैसी बीमारियां भी इसी की देन है धूम्रपान से धमनिया कमजोर होती हैं और कोरोनरी हार्ड डिजीज और ब्रेन स्ट्रोक भी हो सकता है। नए और ताजा अध्ययन बताते हैं कि हार्ट अटैक के बढ़ रहे केशों का संभावित कारण धूम्रपान है। इसके अतिरिक्त अस्थमा, प्रजनन संबंधी समस्या, अंधापन, मोतियाबिंद, नपुंसकता, नर्वस सिस्टम में वीकनेस, छात्रों में स्मरण शक्ति का कमजोर होना, तनाव, मुंह और गले का कैंसर, युवाओं की प्रजनन दर में गिरावट, आदि की वजह भी धूम्रपान को माना जाता है। वैसे तो सरकार ने राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत की थी। यही नहीं कई अभियान भी चलाये जिनका उद्देश्य लोगों को जागरूक करना, तंबाकू उत्पादों के सेवन को छोड़ने और आपूर्ति को कम करना था। इनका व्यापक असर नहीं दिखा।
तंबाकू की आदत गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकती है। तंबाकू में मौजूद निकोटिन सेहत के लिए नुकसान दे होता है। और यह कैंसर का कारण भी बनता है। चाहे इसका सेवन चबाकर करें या धूम्रपान के जरिए इसमें मौजूद हानिकारक तत्व और एसिड हमें शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर करते हैं।
निकोटीन का सेवन --
निकोटीन का सेवन दो तरह से किया जाता है -
1. धूम्रपान के जरिए
इसमें उन उत्पादों को शामिल किया जाता है जिसे दुआ उत्पन्न होता है। मैंने जलाकर सेवन किया जाता है। इन उत्पादों में प्रमुख है सिगरेट, बीड़ी, सिगार, हुक्का, आदी।
2. दुआ रहित उत्पाद
इसमें ऐसे उत्पाद आते हैं जिन्हें जलाकर इस्तेमाल नहीं किया जाता। बल्कि चबाकर इस्तेमाल किया जाता है। कुछ ऐसे उत्पाद भी होते हैं जिन्हें नाक से सुंघा जाता है। नाक और मुंह के जरिए शरीर इन्हें अवशोषित कर लेता है। धुँआ रहित तंबाकू में निकोटिन व हानिकारक रसायन होते हैं जैसे आर्सेनिक, लैंड व फॉर्मललैंडहाइड । धुँआ रहित तंबाकू उत्पाद में हानिकारक रसायनों कि मात्रा धूम्रपान की तुलना में कम होताी है, परंतु इसका मतलब यह नहीं होता कि यह उत्पाद धूम्रपान का सुरक्षित विकल्प है।
तम्बाकू,बीडी, सीगरेट, गुटका, खैनी, जरदा ये सब मीठा और धीमा जहर है। मैंने भी तम्बाकू का सेवन किया हैं। इसे छोड़ना कठिन जरूर होता है पर संभव नहीं। व्यक्ति अपनी दृढ़ संकल्प शक्ति के सहारे इससे मुक्त हो सकता है। व्यक्ति धीरे धीरे इसका शिकार होता है, और फिर धीरे धीरे ही दर्दनाक मृत्यु आती है। इसलिए कहा भी गया है की ""पहले हम तम्बाकू को खाते है, फिर तम्बाकू हमे खाती है "l इस के सेवन से सेंकडो शारीरिक और मानसिक बीमारियां, हमारे शरीर मे प्रवेश कर जाती है। तम्बाकू से हमारी युवा पीढ़ी का हुनर दम तोड़ रहा है। तम्बाकू हमारे मन, मतिस्क्, और शरीर तीनों को कमजोर करती है। जब एक युवा की ये तीनों आनमोल चीज छीन जायेगी, तो फिर क्या बचेगा...? आप समझ सकते हैं। जो नौजवान रोज इसका एस्ते माल करते है उनमे फैंफड़ों और हार्ट से जुड़ी बिमारियों का खतरा अन्य लोगों की तुलना मै 4 --5 गुना बढ़ जाता है। तम्बाकू हमारी सेहत के लिए कितना घातक हैं, और कितनी बिमारियों का जन्मदाता है, आइये देखें
1. मुँह , गले,फेंफड़ो , गुर्दे, मसूड़े, आदि मै होने वाले घातक कैंसर का खतरा।
2. तंबाकू का नियमित सेवन करने के कारण रक्तचाप में वृद्धि हो जाती है ( high B P ) उच्च रक्त चाप जिससे, ब्रेन हमरेज और लकवा जैसे दुःख दायी रोगों का आगमन शरीर में होता है।
3. स्वसन से जुड़ी बीमारिया, जैसे -- आस्थमा, दमा, सांस लेने मे तकलीफ़, धूम्रपान करने वालों में अधिक देखी जाती है।
4. तंबाकू और सिगरेट का सेवन करने वाले व्यक्तियों में हार्ट अटैक की संभावना अधिक देखी जाती है।
5. सांसों में एवं मुंह से दुर्गंध आना।
6. कहते है की एक सिगरेट् जिंदगी के 11 मिनिट कम कर देता है। हम अंदाजा लगा सकते हैं कि कितना बड़ा नुकसान हैं।
7. तम्बाकू का सेवन करने वाले, अन्य लोगों की तुलना मै 30 प्रतिशत जादा बीमार होते है।
8. पुरुष और महिलाओ की प्रजनन दर घट जाती है। (नपुंसकता आती है)
9. ऊर्जा और उत्साह की कमी।
10. चेहरे पर ब्लैक स्पॉट, झुर्रिया और सावलाप नजर आना।
11. दिन भर कमजोरी, थकान महसूस होना।
12. कार्य क्षमता में गिरावट आना।
14. सेक्स के प्रति अरुचि उत्पन्न होना।
15. शरीर में शिथिलता का आना।
16. मसूड़े के रंग का गहरा होना और मसूड़ों की दांतों पर पकड़ काम हो जाना जिससे दांत ढीले पड़ जाते हैं।
17. दांतों का काला पड़ कर उनमें छह रोग का हो जाना एवं मुंह से दुर्गंध आना।
18. इसका एक खतरनाक परिणाम यह भी होता है कि मुंह में सफेद चकते और छाले बन जाते हैं जो आगे चलकर कैंसर में परिवर्तित हो जाते हैं।
19. गले और भोजन नली में कैंसर का खतरा।
20. आमाशय में होने वाले कैंसर का खतरा।
21. गर्भाशय के दौरान तंबाकू उपयोग करने से शिशु का जन्म समय से पूर्व हो सकता है, व शिशु की जान को खतरा भी हो सकता है।
22. निकोटीन से हृदय की गति अनियमित होती है जिसके कारण व्यक्ति की अचानक मृत्यु हो सकती है।
घातक निकोटिन :--
तम्बाकू, बीड़ी, सीगरेट, गुटका, जरदा, चाय आदि नशीले पदार्थो में निकोटीन नामक तत्व पाया जाता है। इनका नियमित और अधिक सेवन करने पर, धीरे धीरे हमारा शरीर और दिमाग इसके आदि हो जाते हैं, इनके शिकार व्यक्ति को जब ये उपलब्ध नहीं होता है, तो उसे बैचेनी महसूस होती है। निकोटिन हमारे खून की नालियों को सिकोड देता है l फलस्वरूप , बी पी , हेमरेज, हिर्दय घात, जैसी जानलेवा बिमारियां हमें घेर लेतीं हैं।
ई - सिगरेट पीना ज्यादा हानिकारक -
ई सिगरेट (वेप ) पीना ज्यादा हानिकारक है हाल में हुए यूनिवर्सिटी कॉलेज आफ लंदन वह इस बुक विश्वविद्यालय के अध्ययन से यह बात सामने आई है कि इस ग्रेट सामान सिगरेट से 19% ज्यादा हानिकारक है। भारत उन कुछ देशों में से एक है जिन्होंने ई सिगरेट के निर्माण आयात और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है पर अब भी यह ग्रे मार्केट में उपलब्ध है। प्रीवेंटिव मेडिसिन रिपोर्ट में वर्ष 2023 सर्वे में भारत में लगभग 23 प्रतिशत लोग ही सिगरेट का उपयोग करते हैं जिनमें से 8% लोग प्रतिदिन इसका उपयोग करते हैं। वर्तमान में भारत में ई सिगरेट यूजर्स की संख्या लगभग 0.02% है।
ई सिगरेट इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो एक एडमाइजर के उपयोग से शरीर में निकोटिन फैलती है इन्हें सामान तंबाकू सिगरेट के विकल्प के रूप में डिजाइन किया गया है ई सिगरेट में एक ही लिक्विड होता है जिसको गर्म करने के लिए बैटरी का उपयोग किया जाता है और जो पानी निकोटिन और फ्लेवर का मिश्रण होता है। है सिगरेट का इस्तेमाल करने वाले 1.7 लाख लोगों की जांच की गई उन में 3242 को हृदय गति रूकने की समस्या हुई पता चला जो इस सिगरेट उपयोग करते थे उन में नॉन यूजर्स की तुलना में हृदय गत होने की आशंका 19% ज्यादा थी।
ई सिगरेट से सांस की तकलीफ एवं सीने में दर्द हो सकता है ए लिक्विड सीधा फेफड़ों में जाता है हृदय गति और रक्तचाप बढ़ता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा होता है।
तंबाकू यानी जीवन की मौत --
1. 13.5 लाख लोगों की मृत्यु भारत में हर वर्ष होती है तंबाकू के सेवन से।
2. हर वर्ष लगभग 80 लाख लोगों की मृत्यु होती है पूरे विश्व में तंबाकू से।
3. ई सिगरेट सामान्य सिगरेट की तुलना में 19% ज्यादा हानिकारक होती है।
4. तंबाकू छोड़ने के बाद मुंह और गले के कैंसर की संभावना 50% कम हो जाती है।
छात्रों पर हानिकारक प्रभाव : ---
तम्बाकू हर उम्र के व्यक्ति की प्रभावित करता है l तंबाकू एक बेड हैबिट है। एक स्टूडेंट्स जिसका मुख्य कार्य अध्ययन हैं, उसके लिए तम्बाकू और भी घातक है l छात्रों को होने वाले नुकसान --- क्योंकि स्टूडेंट का संबंध अध्ययन से होता है और अध्ययन के लिए एकाग्रता और फ्रेस माइंड जरूरी होता है। तंबाकू छात्र की कार्य क्षमता को घटा देता है। तंबाकू का सेवन करने वाले छात्रों को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है वह कुछ इस प्रकार हैं
1. स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती हैं।
2. एकाग्रता मै कमी आना।
3. गुस्सा, चिड़चिडा पन महसूस होना।
4. पढाई मै रूचि कम हो जाना।
5. आत्मविस्वास और प्रेरणा मै कमी आना।
6. प्रजनन छमता में कमी, नपुंसकता l
7. टेंशन, तनाव, बेचेनी, घबराहट होना।
8. एकाग्रता में कमी आ जाती है। जबकि छात्रा के लिए एकाग्रता बहुत जरूरी है।
8. अच्छी उत्पादकता में गिरावट आ जाती है। अर्थात एक छात्र अच्छा आउटपुट प्रदान नहीं कर पता है।
ऐसे छोड़ो तम्बाकू : --
इसे छोड़ने का सबसे अच्छा उपाय है कि जब भी आपका खाने का मन हो, तो अपने आप से ये सवाल करे......
1. मै पैसे खर्च करके भी मौत खरीद रहा हु....??
2. मुझे इससे क्या लाभ हो रहा हैं..?
2. कैन्सर्, हार्टअटैक, जैसी बिमारियों से अकाल मृत्यु होने पर मेरे परिवार व बच्चो का क्या होगा...?
3.इस जहर के पैसों से मै अपने परिवार को खुशहाल रख सकता हुं। अपने बच्चों और पत्नी के लिए गिफ्ट खरीद सकता हूं अपने मां-बाप के लिए उपहार ले सकता हूं जिससे परिवार का माहौल खुशनुमा बनेगा।
4. यदि आप लंबे समय से तंबाकू का सेवन कर रहे हैं और आपको इसे छोड़ने में तकलीफ होती है तो अपने डॉक्टर या काउंसलर से मदद ले सकते है।
5. इसे छोड़ने की एक तिथि नियत करें और अपने पास उपलब्ध सभी प्रकार के तंबाकू उत्पादों को दूर कर दें।
6. अपने हितेषी मित्रों रिश्तेदारों और परिजनों का सहयोग एवं सलाह लें
7. जब आपको गुटका या तंबाकू चबाने की इच्छा उत्पन्न हो उसे वक्त आप शुगर फ्री गम, पंपकिन, सनफ्लावर सीड, शॉप अदरक या अन्य गुणकारी वस्तु का उपयोग कर सकते हैं।
8. अपने कार्यों में व्यस्त रहें एवं फ्री समय मिलने पर संगीत सुनना पुस्तक पढ़ना व्यायाम करना योग भ्रमण एवं घूमने आदि का सहारा ले सकते हैं
9. ऐसे व्यक्ति जिनके साथ आपका अच्छा मेल बैठता है उनके साथ समय बिताये।
10. तंबाकू छोड़ने में शुरुआत में परेशानी होती है जैसे - घबराहट आना, चक्कर आना, कब्ज हो जाना, मन नहीं लगा एवं बेचैनी होना, लेकिन कुछ समय आप इन परेशानियों को बर्दाश्त करें। और सकारात्मक रहे। अपने मन को पक्का रखें।
11. तंबाकू छोड़ने के लिए चिकित्सकों कि भी मदद ली जानी चाहिए। व्यक्ति को भी इसके लिए मन से पक्का होना होगा निकोटीन के लिए रिप्लेसमेंट दवा का उपयोग करें थोड़ा खुद की इच्छा पर कंट्रोल करें या फिर शुगर फ्री गम चबाकर इससे दूर रहने का प्रयास करें इसे छोड़ने के फायदे हजार हैं इसलिए इसे दूर ही रहे।
12. कुछ नौजवान ऐसे होते हैं जो सिर्फ इसलिए तंबाकू का सेवन करते हैं क्योंकि उन्हें कुछ ना कुछ चबाते रहने की आदत लग जाती है। ऐसे नौजवानों को मैं सलाह देना चाहूंगा कि जब भी उनकी कुछ चबाने की इच्छा हो तो वह अपने मुंह में अदरक का टुकड़ा, मीठी सौंप आदि रखें और धीरे-धीरे उसे चबाते रहें इससे आपनी गुटखा चबाने की इच्छा पर नियंत्रण रखा जा सकता है।
13. नियमित रूप से सुबह मॉर्निंग वॉक पर जाये, व्यायाम करें, अपने आप को स्वस्थ और फिट रखें।
Conclusion :----- ( निष्कर्ष)
किसी भी प्रकार के नशे की लत लगने पर उसे छोड़ पाना बड़ा मुश्किल हो जाता है, पर नामुमकिन नहीं होता। आप दृढ़ संकल्प, और मजबूत इच्छा शक्ति के साथ तम्बाकू नाम के जहर से मुक्ति पा सकते है l अपनी हैल्थ के प्रति जागरूक रहे कम से कम हम इतना तय करे, की तम्बाकू मुक्त दिवस पर अपने परिवार और खुद को तम्बाकू मुक्त करेंगे। तंबाकू का त्याग करके आप खुश और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
दोस्तों -- खुश हाल जीवन चुनो... तम्बाकू के रूप में मौत नहीं l
K. S. Ligree ( पत्रकार)
Blog URL-- www.prernadayari.com
ब्लॉग - प्रेरणा डायरी।
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