जीवन बदलने की थेरेपी - सकारात्मक सोच
प्रेरणाडायरी.कॉम
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सकारात्मक सोचिए... और रहिए प्रेरित/प्रेरित
दोस्तो हम अपने जीवन में सफल होंगे, या नहीं होंगें ये सब हमारी सोच निर्भरकरता है। एक बहुत पुरानी कहावत है कि "जैसा आप सोचते हैं, वैसा ही आप बनाते हैं। आपकी सोच पर आपकी सफलता तय होती है। और हमारी प्रेरणा तय होती है। अच्छी सोच हमेशा अच्छी प्रेरणा को जन्म देती है। अच्छी सोच और प्रेरणा ही वे दो महान शक्तियाँ हैं, जो एक इंसान को मजबूत बना सकती है।जीवन सादा लेकिन विचार हमेशा उच्च होना चाहिए। इसलिए कहावत प्रसिद्ध है - "सदा जीवन उच्च विचार" आप बड़ी सफलता तभी अर्जित कर सकते हैं जब आपकी सोच सकारात्मक हो। कुछ पंक्तियां याद आ रही है आपको भी सुनता हूं-
"सब (रात) अँधेरे को खंगालो
तो कुछ बात बने
एक नया खुर्शीदा (सवेरा) निकालो
तो कुछ बात बने
वक्त के सांचे में ढलना तो सबको आता है
वक्त को अपने सांचे में ढालो तो कुछ बात बने।।
आपका अच्छा नज़रिया..अर्थात आपकी अच्छी सोच बहुत कुछ तय करती है। इस बात की प्रेरणा आपको बताती है कि एक नया सवेरा हमारी राह देख रहा है। एक नया उजाला सामने है। सकारात्मक सोच पर आप काफी आर्टिकल पढ़ सकते हैं। बस इस लेख में हम एक अन्य विचारक पर चर्चा करेंगे। और इस प्रश्न का उत्तर खोजने का प्रयास करेंगे कि "" मन हमारी सोच नकारात्मक हो गई... अब हम कैसी ऐसी ही सकारात्मक सोच रखते हैं..? ये एक बड़ा सवाल है और.. लोगों का सवाल है...
हम क्यों नहीं बदलेंगे घर अपनी सोच को ---
हम एक छात्र हैं या कोई इंसान, आमतौर पर हम सभी लोगों का स्वभाव इस तरह से होता है कि वह बदलाव का विरोध करते हैं। अर्थात् परिवर्तनविपरीत होता है। हमें अपनी जिंदगी में बदलावों का एहसास होता है। अगर 5 साल की जिंदगी में एक लाइन पर चल रही है तो इस लाइन से हटकर दूसरी बार किसी लाइन पर ले जाकर बिजनेस सेट करने में सुविधा होती है तो फिर मिलती है। जब हम जीवन में बदलावों का सामना करते हैं तो बदलावों का परिणाम अच्छा हो या बुरा अक्सर तनाव बढ़ जाता है। कई बार हमें बुरे लोगों के साथ रहने की आदत भी पड़ जाती है। बदलाव करने की बजाय हम बुरे लोगों के साथ रहते हैं। अन्यथा हमारी बेहतरीन के लिए वाले बदलावों को भी हम समझना नहीं चाहते। हम बुरे ही बने रहना चाहते हैं। अच्छा बनने के लिए हमें कुछ अच्छे बदलाव भी करना पड़ेंगे और इन बदलावों के लिए हम तैयार नहीं हो सकते। अगर तैयार हो भी जाते हैं तो एक दो महीने बाद ही यह बदलाव हमें कष्ट देते हैं और हमारा दृढ़ निश्चय धरा रह जाता है।
अगर हमारी सोच नकारात्मक है तो हमारी जिंदगी की छुट्टियों में कैद हो जाती है ऐसे नजरिया की वजह से हमको अपने काम में सीमित दस्तावेज सीमित सफलता मिल सामान है। हमारे अच्छे दोस्त भी सीमित होंगे हम जिंदगी का काम आनंद उठाएंगे। इसलिए अगर आप जिंदगी को मौज-मस्ती के साथ जीना चाहते हैं तो सकारात्मक सोच रूपी थेरेपी लेकर आप स्वस्थ बने रहेंगे।
सकारात्मक लोगों की पहचान-
सकारात्मक नज़रिया वाले लोगों की प्रकृति में कुछ ऐसी बातें होती हैं, जिनकी वजह से उन्हें आसानी से पसंद किया जा सकता है, जैसे कुछ विशेषताएँ इस प्रकार हैं --
- सकारात्मक लोगों की पत्रिकाएँ विशेष रूप से रखने वाले होते हैं।
-सकारात्मक लोग हमेशा से ही अस्तित्व में रहते हैं।
- धीरज वाले और विचित्र होते हैं।
- सकारात्मक लोग आशावादी होते हैं।
- सकारात्मक लोगों के लेखों के लिए प्रेरणा का स्रोत होते हैं।
- खुद से उम्मीद है कि बनाए रखने वाले होते हैं।
- अच्छे नतीजों के प्रति आशान्वित हैं।
- सकारात्मक लोग हमेशा प्रसन्न और खुश रहते हैं।
- सकारात्मक लोगों की जिंदगी खुशनुमा होती है।
सकारात्मक नजरिया वाला आदमी हर मौसम में लगने वाले फल की तरह होता है ने की एक मौसमी फल। अर्थात सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति अच्छे बुरे सुख-दुख हर घड़ी में अपने आप को पॉजिटिव और खुश एवं प्रसन्न रखता है। इसीलिए सकारात्मक नजरिया वाले लोगों की पर्सनैलिटी अच्छी होती है और हर इंसान उन्हें पसंद करता है। अगर आप भी सबकी पसंद और पहली पसंद बनना चाहते हैं तो आपको आज ही सकारात्मक सोच का दामन थामना पड़ेगा। अब मैं कुछ उन चीजों पर चर्चा करता हूं जो आपकी सकारात्मक सोच को तय करते हैं। कुछ ऐसे कारक जो आपकी सोच का निर्धारण करते हैं। जन्म के बाद हमारा जो व्यक्तित्व बनता है उसे खास तौर से यह तीन चीज तय करती हैं --
सकारात्मक सोच तय करने वाले कारक --
1. माहौल अर्थात एनवायरनमेंट।
2. अनुभव अर्थात एक्सपीरियंस।
3. शिक्षा अर्थात एजुकेशन।
माहौल --
माहौल आसपास के वातावरण से और कई चीजों से मिलकर बनता है जिनमें निम्न को शामिल किया जाता है-
1.घर - घर का अच्छा या बुरा असर सब पर पड़ता है।
2. स्कूल - स्कूल के साथियों के साथ का माहौल।
3. कार्यस्थल - नौकरी या जॉब मैं अपने साथियों की संगत।
4. मीडिया - हम जिसे सुबह-शाम देखे या पढ़ते हैं, वह हमारी सोच को तय करने में अहम भूमिका अदा करता है जैसे टेलीविजन, अखबार, पत्रिकाएं, रेडियो, फिल्में, आदी।
5. सांस्कृतिक माहौल।
6. धार्मिक माहौल।
7. परंपराएं और मान्यता।
ऊपर बताए गए सारे तथ्य मिलकर हमारी सोच को निर्धारित करते हैं। घर हो ऑफिस हो या दफ्तर या कोई संस्था हो या देश हो हर जगह की अपनी एक तहजीब और संस्कृति होती है। जैसे उदाहरण के लिए आप किसी के घर जाते हैं तो वहां आप देखते हैं कि बच्चे औरत पुरुष सभी तमीज वाले मिलनसार और दूसरों का ख्याल रखने वाले हैं। जबकि आप दूसरे घर में जाते हैं, तो वहां पाते हैं की ना कोई तहजीब है ना तमीज, आपस में कुत्ते बिल्लियों की तरह झगड़ा होता है। जिन लोगों के माहौल में सकारात्मक होती है वहां के लोग और बच्चे भी मददगार और सकारात्मक होते हैं। अच्छे माहौल में साधारण काम करने वाले साधारण व्यक्ति की शक्ति भी बढ़ जाती है जबकि बुरे माहौल में अच्छा काम करने वाला व्यक्ति भी अपनी शक्ति और ऊर्जा को घटा हुआ महसूस करता है।जब माहौल ही बुरा हो तो लोगों से अच्छे व्यवहार की उम्मीद नहीं की जा सकती। खराब माहौल में ईमानदार नागरिक भी चोर उचक्के और बेईमान हो जाते हैं। आपको समय निकालकर इस बात पर गौर कीजिए कि हमारा माहौल हम पर कैसे असर डालता है..? और हम जो माहौल तैयार करते हैं वह दूसरों पर कैसे असर डालता है..?
अनुभव --
अलग-अलग तरह के लोगों से मिलने और समय के साथ हमें जो अनुभव होता है, वह हमारी सोच को निर्धारित करने में बड़ी भूमिका निभाता है। उनके अनुसार ही हमारा व्यवहार भी बदल जाता है। अगर किसी इंसान के साथ हमें अच्छा अनुभव मिलता है तो उसके बारे में हमारा सोच भी अच्छी हो जाती है पर बुरा अनुभव मिलने पर हमें सावधान हो जाते हैं। अनुभव और घटनाएं हमारी जिंदगी के महत्वपूर्ण बिंदु बन जाते हैं। हम इन घटनाओं और अनुभवों से नतीजे निकलते हैं जो भविष्य में हमारा मार्गदर्शन करते हैं और और हमारे व्यवहार तथा हमारी सोच को निर्धारित करते हैं।
शिक्षा -
शिक्षा औपचारिक और अनौपचारिक दोनों तरह की होती है आजकल हम लोग सूचनाओं के सागर में गोते लगा रहे हैं लेकिन ज्ञान और समझदारी का अकाल पड़ा हुआ है। ज्ञान को योजना बंद ढंग से समझदारी में बदला जा सकता है और समझदारी हमें कामयाबी दिलाता है। समझदारी हमें सफलता दिलाती है. इन सब में एक शिक्षक की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है उसका प्रभाव काफी समय तक रहता है। शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो हमें केवल रोजी-रोटी कमाने के नहीं बल्कि एक अच्छा जीवन जीने का तरीका सिखाएं।
संघर्ष करें अपने आप में संपूर्ण कोई भी नहीं होता -
दोस्तों दुनिया में आपको एक भी इंसान ऐसा नहीं मिलेगा जो यह कह सके कि मैं अपने आप में संपूर्ण हूं। कोई संपूर्ण नहीं है। किसी में कुछ कमी है, तो किसी में कुछ कमी। फर्क सिर्फ इतना है कि सकारात्मक सोच वाले लोग अपनी कमियों को भी अपनी खूबियों में बदल लेते हैं। और उनकी सोच बुराई में भी अच्छाई देखने की होती है। इसीलिए सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति का जीवन खुशहाल माना जाता है। जिंदगी के बुरे पलों को मुस्कुराते हुए व्यतीत करना चाहिए। बुरी वक्त में आदमी की संघर्ष क्षमता बढ़ती है। खराब समय हमें अनेक अनुभव से ज्ञात करवाता है। संघर्ष के दिन आपके सीखने की सबसे अच्छी दिन होते हैं। एक सकारात्मक इंसान की यही सबसे बड़ी खूबी होती है कि वह संघर्ष के दिनों में भी अपने चेहरे की हंसी, मुस्कुराहट कम नहीं होने देता।
सबकी जीत के बारे में सोचें -
दोस्तों, सकारात्मक सोच को अपनाकऱ हम अपनी जिंदगी बदल सकते हैं, और सफलता के शिखर को भी छू सकते हैं। सकारात्मक सोच वाले लोग खुद भी सफलता के शिखर को छूते हैं और दूसरों की भी इसमें मदद करते हैं। इसीलिए तो सकारात्मक सोच जिंदगी बदलने की एक थेरेपी है। सकारात्मक सोच वाले लोग सबकी जीत के बारे में सोचते हैं। सब की सफलता की कामना करते हैं। अब कोई छोटी सी कहानी सुनाता हूं --
""एक आदमी मरने वाला था। सेंट पीटर ने उसे पूछा कि तुम स्वर्ग में जाना चाहते हो या नर्क में। उस आदमी ने पूछा कि फैसला करने से पहले क्या मैं इन दोनों जगह को देख सकता हूं...? सेंट पीटर ने उत्तर दिया जी हां बिल्कुल देख सकते हो और सेंट पीटर पहले उसे नर्क में ले गया। नर्क में उसने एक बहुत बड़ा हॉल देखा जिसमें एक बड़ी इमेज पर तरह-तरहl खाने की चीज रखी हुई थी। इन खाने वाली चीजों को खाने वाले लोगों की कतारे भी देखी। लेकिन इन कारों में खड़े हुए लोगों के चेहरे उदास थे। वहां कोई हंसी खुशी नहीं थी। गौर करने वाली एक बात यह और थी कि उनके हाथों में चार-चार फीट लंबे कांटे और छुरिया बंधी हुई थी। इससे वह सामने रखे हुए अच्छे-अच्छे पकवानों को खाने का प्रयास तो कर रहे थे मगर का नहीं पा रहे थे। न के हालातो को देखने के बाद उसे आदमी ने स्वर्ग को देखने की इच्छा प्रकट की। सेंट पीटर उसे स्वर्ग दिखाने के लिए वहां पर लेकर गया।
वहाँ उसने देखा कि एक बड़े सी हॉल में एक बड़ी सी छवि सारा खाना लगा हुआ है। तरह-तरह की विशेषताएँ सजे हुए हैं। व्यंजनों को खाने वाले भी देखें। उनके हाथों में भी चार-चार फीट लंबी छुरी और कांटे लगे हुए थे। लेकिन इन लोगों की सोच में यह अंतर था कि यह एक दूसरे के सामने बैठा था और एक दूसरे के सामने खाना खा रहे थे। यहां यहां पर लोगों के नाम पर सलाम था। यहां खुशहाली समृद्धि आनंद और संतुष्टि के भाव थे। ऐसा इसलिए क्योंकि ये लोग सिर्फ अपने बारे में नहीं सोच रहे थे बल्कि अपने साथ अपने साथियों के बारे में भी सोच रहे थे और एक दूसरे को खाना खिला रहे थे. एक दूसरे के प्रति प्रेम प्रकट कर रहे थे। संस्था जीत की इच्छा कर रहे थे। यही हमारे जीवन पर भी लागू होता है जब हम अपने परिवार अपने मालिक अपने कर्मचारी से बात अपने शिष्यों एवं युवा साथियों की सेवा करते हैं तो हमें जीत खुद ब खुद मिल जाती है।
प्रेरणा डायरी - "आपकी उम्मीदों की उड़ान"
सकारात्मक सोच के फायदे --
दोस्तों, सकारात्मक सोच वाले लोगों की खासियत में कुछ अलग ही खास बात होती है। एक स्टूडेंट हो या यंग, यह हमारा कोई भी फील्ड हो स्टडी की बुनियाद पॉजिटिव लिस्ट है। सकारात्मक सोच वाले इंसान का जीवन खुश हाल जीवन होता है l सकारात्मक सोच वाले हमारे शेयर बाजार को स्थापित करते हैं। आप भी नहीं सोच सकते कि सकारात्मक सोच से आपको कितने फायदे हो सकते हैं आइए जानते हैं सकारात्मक सोच से होने वाले कुछ फायदों के बारे में। विश्वास नहीं होगा कि एक प्राकृतिक सकारात्मक सोच को अपनाकर हम अपना पूरा जीवन बदल सकते हैं और आप हमें प्रेरित कर सकते हैं
--सकारात्मक सोच हमारे अंदर जोश पैदा करती है l
--- सकारात्मक सोच हमारी संभावनाओं को आसानी से हल करती है। शोधार्थी हैं कि सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति के जीवन से 50% समाधान ही समाप्त हो जाते हैं। क्योंकि आप ही अचानक उत्पन्न होते हैं क्योंकि हमारी सोच उनके प्रति-नकारात्मक होती है। और इसी से बनाई गई जन्म लीलाएँ हैं।
-- सकारात्मक सोच से कार्य में गुणवत्ता बढ़ती है।
-- सकारात्मक सोच वाले लोगों को नकारात्मक सोच वाले लोगों की तुलना में अधिक लाभ होता है।
--सूट में लिखा है कि जो लोग सकारात्मक सोच के साथ काम करते हैं, उनका काम ज्यादा दिमाग से होता है और परिणाम अच्छा आता है।
-- अच्छे नज़रिया वाले, सकारात्मक सोच वाले लोगों को जीवन जीने का आनंद मिलता है। ज़िन्दगी ख़ुशनुमा दिखती है।
-- सकारात्मक सोच वाले लोग जो क्षेत्र में भी काम करते हैं उनकी सफलता के चांस बढ़ जाते हैं। नकारात्मक सोच वाले लोगों की तुलना में सकारात्मक सोच वाले लोग अधिक सफल होते हैं।
-- सकारात्मक सोच वाले लोगों का व्यक्तित्व इस तरह होता है कि वह दूसरे लोगों को प्रेरणा देने का काम करते हैं।
--दूसरों को प्रेरणा (प्रेरणा)देखें एल
-- नौकरानी और नौकरियाँ मेरे पास हैं
-- सकारात्मक सोच वाले इंसान की खासियत खुशनुमा बन जाती है।
-- सकारात्मक सोच वाले लोग स्वयं भी राष्ट्र की संपत्ति बन जाते हैं।
-- सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति के आस-पास के भावुक को अपनी राय देते हैं।
-- सकारात्मक सोच से मानसिक तनाव कम होता है। अनेक प्रकार के मानसिक प्रयोगशाला से उपकरण प्राप्त होते हैं।
-सकारात्मक सोच को सर्वश्रेष्ठ बनाया गया है।
-- सकारात्मक सोच रखने वाले लोगों की जिंदगी की जगहों में कैद नहीं होती। उनकी सोच का स्तर व्यापक है।
ब्लॉग का नाम - प्रेरणा डायरी।
वेबसाइट - prernadayari.com
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