स्टूडेंट हेल्थ - क्यों बढ़ रहा है छात्रों का वजन..?
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तुड़ावाली, टोड़ाभीम, करौली, राजस्थान -321610, भारत आजकल छात्रों की बढ़ती पाठ क्षेत्र गतिविधियों, खेलकूद में कम रुचि, और फास्ट फूड के प्रचलन के कारण छात्रों में वजन बढ़ने और मोटापे की समस्या जन्म ले रही है। कई बार घर का बना हुआ और सेहतमंद भोजन करने के बावजूद वजन बढ़ने लगता है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे - भोजन में अधिक कार्बोहाइड्रेट वाले पदार्थ की अधिकता प्रोटीन में अन्य पोषक तत्वों का काम होना। इससे असंतुलन पैदा होता है जिससे हम अधिक कैलोरी ग्रहण करते हैं वही संतुलित भोजन से पेट भरा रहता है और ओवर डाइटिंग की आशंका कम होती है। इसके अलावा बहुत बार खाने बिना भूख के खाने नाग के रूप में अधिक कैलोरी वाले फूड लेने से शरीर में अतिरिक्त कैलोरी पहुंचती है इससे वजन बढ़ता है आज जानते हैं वजन बढ़ाने के कुछ ऐसे ही और कारणों को
पढ़ाई का तनाव अधिक रहना -
तनाव भी वजन बढ़ाने के कारणों में से एक है। दरअसल तनाव इमोशनल ईटिंग को बढ़ा सकता है यह कार्टियर स्कूल हार्मोन के स्तर को भी बढ़ता है जो मीठे या फैटी फूड्स की क्रेविंग्स को बढ़ाता है। भले ही आप घर का बना हुआ खाना खा रहे हो लेकिन तनाव अधिक होने के कारण आप अधिक खा सकते हैं या ऐसे भोजन को ज्यादा कर सकते हैं जिनमें कैलरी ज्यादा होती है। एसएमएस छात्रों के लिए यह जरूरी है कि वह तनाव को मैनेज करें. तनाव को मैनेज करने के लिए योग, ध्यान, एवं वॉक को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। यह तनाव के साथ वजन को मैनेज करने में मदद करेगा
हेल्दी फूड में भी हो सकती है अधिक कैलोरी -
किसी चीज को हेल्दी खाने का मतलब यह नहीं है कि वह वजन नहीं बढ़ा सकती। नट्स, बीज़, सूखे मेवे, और एनर्जी बार जैसे फूड्स हेल्दी तो होते हैं लेकिन उनमें काफी कैलोरी भी होती है। इन फ़ूड्स को अधिक मात्रा में खाने से ओवर ईटिंग हो सकती है. स्नैकिंग करते समय उसकी मात्रा पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। नरसिया एनर्जी बार का अधिक सेवन करने से एक दिन में बड़ी संख्या में अतिरिक्त कैलोरी शरीर में पहुंच जाती है।
आपका अधिकांश समय बैठे हुए गुजरता है -
छात्र अपनी पढ़ाई करने के कारण अधिकतर समय बैठे रहते हैं। इससे मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और वजन बढ़ सकता है भले हुए हेल्दी खाना खाते हो। लंबे समय तक बैठने से खराब पाश्चर और मांसपेशियों का नुकसान भी हो सकता है जो वर्णन बढ़ाने का कारण बनता है इससे बचने के लिए हर घंटे थोड़ा चलें स्ट्रेच करें और दिनभर हल्की शारीरिक गतिविधियों जैसे चलना या टहलना।
देर से सोना या नींद पूरी नहीं होना -
वजन नियंत्रित करने में नींद की महत्वपूर्ण भूमिका है अगर देर से सोते हैं या शरीर को पर्याप्त आराम नहीं मिलता है तो यह शरीर की फैट बर्न करने की क्षमता को प्रभावित करता है। जब आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो शरीर भूख बढ़ाने वाले हारमोंस जैसे - घरेलिन का अधिक उत्पादन करता है जिससे आप ज्यादा खाते हैं. वही तृप्ति का संकेत देने वाला हार्मोन लेप्टिन कम बनने लगता है। इसके अलावा जब आप गहरी नींद में होते हैं तब शरीर की फैट बर्न करने वाली प्रक्रिया बेहतर काम करती है अगर आप लगातार देर से सो रहे हैं या पर्याप्त नींद नहीं ले रहे हैं तो आपका शरीर उसे महत्वपूर्ण फत बर्निंग चरण को मिस कर देता है जिसे वजन बढ़ सकता है ऐसे में हर रात 7 से 8 घंटे की गुणवत्ता वाली नींद लेने का प्रयास करें।
नकारात्मक विचारों की छटनी करें -
जैसे एक माली फूलों को खिलाने के लिए खरपतवार को हटाता है आप भी वैसे ही विचारों की बागवानी का अभ्यास कर सकते हैं। इसके लिए हर दिन 10 मिनट निकालो। नकारात्मक विचारों की पहचान करें और उन्हें खरपतवार की तरह अपने दिमाग से हटा दें। नकारात्मक विचार शेयर और दिमाग के अंदर सस्ती पैदा करते हैं और एनर्जी बर्निंग सिस्टम को बाधित करते हैं। इससे फैट बढ़ाने की समस्या जन्म लेती है। अपने आप को सकारात्मक विचारों से भरें जैसे मैं किसी भी परिस्थिति से बेहतर तरीके से निपट सकता हूं या मेरा शरीर स्वस्थ और मजबूत है यह सरल अभ्यास मस्तिष्क को री प्रोग्राम करता है तनाव हार्मोन को काम करता है।
तले भोजन, मसालेदार फास्ट फूड के सेवन से बचें -
आजकल बच्चों को फास्ट फूड का काफी शौक है। वे तले हुए मसालेदार खाद्य पदार्थों का सेवन भी अधिक मात्रा में करते हैं। जैसे पेटिज, समोसे, कचोरी, गोलगप्पे, ब्रेड, बर्गर, मोमोज आदी। यह मसालेदार खाद्य पदार्थ शरीर में फैट उत्पन्न करते हैं। इनके अधिक सेवन से मोटापे की समस्या जन्म लेती है। इसीलिए पदार्थ एवं मसालेदार भोजन धीरे-धीरे हमारे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और उम्र बढ़ने के साथ-साथ उच्च रक्त ताप एवं हृदय रोग जैसी समस्याएं भी जन्म लेतीं है। आज से ही आप तले हुए भोजन और मसालेदार फास्ट फंडो का प्रयोग बिल्कुल बंद कर दें।
अधिक स्क्रीन टाइम भी बढ़ा रहा है छात्रों का मोटापा -
इंटरनेट की स्पीड स्लो होते ही ज्यादातर छात्र परेशान हो जाते हैं। खासतौर पर वह छात्र जो घंटे ऑनलाइन रहते हैं या अपने फोन या किसी भी अन्य डिवाइस से चिपके रहते हैं और इसी के साथ उनके मोटापे की आशंका भी बढ़ जाती है। एक स्टडी में खुलासा किया गया है कि जितना तेज आपका इंटरनेट कनेक्शन होगा उतनी तेजी से आपका मोटापा भी बढ़ सकता है। हालांकि इंटरनेट की स्पीड का मोटापे से कोई सीधा संबंध नहीं है। दरअसल फास्ट इंटरनेट से स्क्रीन टाइम बढ़ता है और शारीरिक गतिविधियों में कमी आती है। हम भरपूर मात्रा में स एनर्जेटिक भोजन करते हैं लेकिन शारीरिक गतिविधियों में कमी की वजह से हमारी एनर्जी बर्न नहीं हो पाती और मोटापे की समस्या जन्म लेती है। ऑस्ट्रेलिया में इस बारे में किए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि जितना फास्ट इंटरनेट कनेक्शन रहा उतना ज्यादा छात्रों का वजन बढ़ा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि फास्ट इंटरनेट के कारण फिजिकल एक्टिविटी कम होने की वजह से वजन बढ़ने लगता है स्क्रीन टाइम जितना ज्यादा होता है, मोटापा बढ़ाने की संभावना उतनी ही अधिक बढ़ जाती है। मैं सभी छात्रों से अनुरोध करता हूं कि वह धीरे-धीरे अपना स्क्रीन टाइम कम करें।
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