बांग्लादेश में भारी राजनीतिक संकट और उपद्रव .. अब क्या भविष्य है बांग्लादेश और शेख हसीना का। अब बांग्लादेश में सैन्य शासन की आहट। ( "करंट फ्रंट" - प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए )
प्रेरणा डायरी
टुडावली राजस्थान 32 1610
5 अगस्त 2024
-- बांग्लादेश -- भारत के पड़ोस में उत्पन्न हुआ एक बड़ा राजनीतिक संकट..?
-- इस्तीफा देकर भारत पहुंची है पदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना।
-- सेना ने संभाली सत्ता कहा, अंतरिम सरकार -शीघ्र।
-- दुनिया की सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाली महिला है शेख हसीना।
-- पड़ोसी देश में मची उत्तल-पुथल पर फूंक - फूक कर कदम उठा रहा है भारत।
बांग्लादेश मैं बेकाबू होते छात्र आंदोलन ने कल सरकार को उलट पलट कर देने वाला उग्र रूप धारण कर लिया। इस विवाद ने इतना बड़ा रूप धारण कर लिया कि सरकार को अपना इस्तीफा देकर प्रधानमंत्री शेख हसीना को 45 मिनट में बांग्लादेश छोड़कर इंडिया में शरण लेनी पड़ी। बांग्लादेश में विवादास पद आरक्षण नीति को लेकर सरकार विरोधी हिंसक आंदोलन के बीच सोमवार को सी ने प्रधानमंत्री शेख हसीना से इस्तीफा लेकर उन्हें देश से निर्वासित कर दिया। आंदोलनकारी भीड़ को काबू में करने के सारे उपाय विफल रहे। सेवा प्रमुख जनरल वर्कर उल जमाने कहा कि हमने सभी राजनीतिक दलों से चर्चा के बाद अंतिम सरकार बनाने का फैसला किया है। स्थिति को सुलझाने के लिए अब राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से बात करेंगे। सेवा प्रमुख ने हिंसा रोकने का आह्वान करते हुए कहा है की नई सरकार हिंसा में हुई मोतों के लिए न्याय सुनिश्चित करेगी।
आरक्षण की अंधी सुरंग में फंसा बांग्लादेश --
बांग्लादेश में बेकाबू हुए छात्र आंदोलन के बीच बांग्लादेश में 2009 से लगातार सत्ता में रही प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आखिर इस्तीफा देते हुए देश छोड़ दिया है। ऐसी बड़ी घटना आरक्षण विरोधी आंदोलनकारी छात्रों के आंदोलन के कारण हुई। आंदोलन ने हिंसक और उपद्रव का रूप धारण कर लिया। आरक्षण विरोधी आंदोलन कर रहे छात्रों ने असहयोग आंदोलन शुरू कर दिया और शुरू से यही मांग रखी की प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा दें। इसके बाद से यहां सेना ने देश की कमान संभाली हुई हैं अंतिम सरकार के गठन का आश्वासन दिया है।
वही आंदोलनकारी ने कहा है कि वह अब छावनियों से देश का शासन नहीं चलने देंगे। सेवा प्रमुख जनरल वकार उज्जैन जमाने भी देश के नाम संबोधन में कहा है कि देश में आपातकाल की जरूरत नहीं है और सुना किसी पर भी गोली नहीं चलेगी सेवा का यही रवैया सोमवार को उसे समय भी देखने को मिला जब शेख हसीना ने देश छोड़ने के बाद आंदोलनकारी प्रधानमंत्री निवास में घुस गए और वहां पर लूटपाट की। अवामी लीग के कार्यालय पर भी हमला बोला गया और बांग्लादेश के संस्थापक बैंक बंद बंधु शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति पर हथौड़ा चलाया गया। सी और सुरक्षा बलों के इस लापरवाह रवैया से देश में अराजकता के माहौल पैदा हुए हैं।. सोमवार को यहां के गृहमंत्री असदुज्जामा खान के धान मंडी स्थित आवास पर दावा बोला गया और हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी द्वारा तोड़कर आवास में घुस गए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार घर के अंदर से धुआं निकल रहा था और परिसर में तोड़फोड़ हो रही थी।
देश के कई इलाकों में फैली हिंसा -
बांग्लादेश के कई इलाकों से हिंसा की खबरें आई। हिंदू और अन्य धर्म से जुड़े हुए लोगों के तीर्थ स्थलों पर भी हमले हुए। डर है कि एक बार फिर से बांग्लादेश से विभिन्न धर्मो के लोगों तथा बड़ी संख्या में हिंदू पलायन कर सकते हैं। इसी के चलते भारत ने बांग्लादेश सीमा पर सी को हाई अलर्ट पर रखा है।
हसीना को दिया गया था 45 मिनट का अल्टीमेटम -
देश में हालात बेकाबू होते देखा सुना अध्यक्ष वकार जमाल ने शेख हसीना को अंतरिम सरकार के गठन के लिए 45 मिनट का समय दे दिया था। ऐसे में पीएम से हसीना ने इस्तीफा देते हुए तुरंत दे छोड़ दिया उनको देश के नाम संदेश रिकॉर्ड करने का भी समय नहीं मिला। वहीं सी अध्यक्ष ने अंतरिम सरकार की गठन के लिए बीएनपी जमाई और जातीय पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की बैठक में आवामी लीग के नेता उपस्थित नहीं हुए।
सेना अध्यक्ष बोले... मैं हूं ना
हसीना के इस्तीफा देने के बाद सी अध्यक्ष वकार उसे जमाने ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि हम एक अंतरिम सरकार बनाएंगे और देश को शहीद दिशा में ले जाएंगे मैं दावा करता हूं कि हम सभी हत्याओं और अन्यायों पर मुकदमा चलाएंगे देशवासियों से यह व्यवस्था ने फैलाने की अपील करते हुए सेवा प्रमुख ने कहा कि सी पर भरोसा रखें हम आपकी सभी मांगे मानने के लिए तैयार रहेंगे साथ ही उन्होंने कहा कि सी गोली नहीं चलाएगी और ना ही पुलिस गोली चलेगी हम आज रात तक फैसला ले लेंगे लेकिन इसे लागू करने में कुछ दिन लग सकते हैं इससे पहले सुना और विभिन्न राजनीतिक नेताओं एवं प्रमुख लोगों ने राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के साथ बैठक की थी.
उल्लेखनीय है कि जवान एक महापुरुष ही सुना अध्यक्ष बने हैं 58 वर्षीय जमाने 23 जून को 3 वर्ष की अवधि के लिए सेवा प्रमुख का कार्यभार संभाला था 1966 में ढाका में जन्मे जमाल की शादी कमली का जमाल से हुई है जो जनरल मोहम्मद रहमान की बेटी हैं जो 1997 से 2000 तक सेवा प्रमुख रहे थे बांग्लादेश की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया गया है कि जमाल के पास बांग्लादेश के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय से रक्षा क्षेत्र में अध्ययन की PG की डिग्री है।
हसीना के बेटे ने कहा राजनीति में नहीं लौटेंगे मां --
फोटो - बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना।
हसीना के बेटे साजिद जावेद जय ने मीडिया को दिए एक विंटर में कहा कि उनकी मां के खिलाफ विद्रोह से वह बहुत निराश हैं और अब उनकी राजनीति में वापसी की कोई संभावना नहीं है। सोमवार तक पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के आदिकारिक सलाहकार रहे जॉइन ने कहा कि बांग्लादेश में बदलाव लाने के उनके प्रयासों के बावजूद उनके खिलाफ आंदोलन ने उन्हें तोड़कर रख दिया है। उन्होंने बताया कि शेख हसीना रविवार से ही स्थिति पर विचार कर रही थी। जॉय ने बताया कि परिवार के दबाव में उन्होंने देश छोड़ा है।
फूंक फूंक कर कदम उठा रहा है भारत --
बांग्लादेश के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंध है 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ मुक्ति आंदोलन में भारत में बांग्लादेश का साथ दिया था और बांग्लादेश को स्वतंत्र देश बनाने में हर तरह की मदद की थी। वर्तमान प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति बने थे।
1975 में मुजीबुर रहमान और उनके परिवार के ज्यादातर सदस्यों की हत्या के बाद भारत के राजनीतिक शरण के बाद शेख हसीना और उनकी बहन की जान बच गई थी।
भारत के अधिकांश राजनीतिक दलों और उनके नेताओं के साथ शेख हसीना परिवार के अच्छे संबंध रहे हैं बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथियों को सत्ता से दूर रखने में हसीना की राजनीतिक धारा उपयोगी साबित हुई है।
चीन के प्रभाव को रोकने के लिए भी हसीना का मजबूत रहना भारत के लिए फायदेमंद रहा है। लेकिन 2 दिन पहले बांग्लादेश में अचानक उठे राजनीतिक तूफान की अशांति में कई देश गिर गए हैं। भारत पर इन घटनाओं का प्रभाव भी पड़ सकता है क्योंकि बांग्लादेश भारत का न केवल पड़ोसी है बल्कि एक अच्छा साझेदारी भी है। बांग्लादेश में उठे ऐसे बवाल पर भारत फूंक कर कदम उठा रहा है और बारीकी से नजर रखे हुए हैं। विदेश मंत्री की प्रधानमंत्री तथा रक्षा विशेषज्ञों के साथ लंबी मंत्रणा हुई है आज दिल्ली में एक सर्वदलीय बैठक का भी आयोजन किया गया। एस जयशंकर जो कि भारत के विदेश मंत्री हैं घटनाक्रम पर पूरी तरह बारीकी से नजर बनाए हुए हैं और प्रधानमंत्री को इसकी जानकारी दे रहे हैं।
दुनिया में सबसे लंबे समय तक पीएम रहने वाली महिला है शेख हसीना --
पूरा नाम -- शेख हसीना जावेद।
पार्टी / दल -- आवामी लीग।
जन्म -- 28 सितंबर 1947 बांग्लादेश।
1975 - शेख हसीना सन 1975 में अपने पिता शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के बाद राजनीति में सक्रिय हुई।
1981 - सन 1981 में शेख हसीना को आता में लीग पार्टी के अध्यक्ष के रूप में चुना गया।
1996 - 1996 में शेख हसीना पहली बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के तौर पर चुनी गई और 2001 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रही।
2001-2006 विपक्षी नेता - 2001 से 2006 तक शेख हसीना बांग्लादेश की प्रमुख विपक्षी नेता के रूप में कार्यरत रही।
2009 -2024 - सन 2009 से लेकर 2024 तक लगातार 15 वर्षो से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं।
बांग्लादेश में उपद्रवी बेलगाम - 7 अगस्त 2024
बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन के कारण हुए तख्ता पलट के बाद भी बड़े पैमाने पर हिंसा जारी है। अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद हुई हिंसक घटनाओं में सबसे ज्यादा लोगों के मारे जाने की सूचना है। इस तरह करने वालों का कुल आंकड़ा 450 से ज्यादा हो गया है बांग्लादेश के करीब 27 जिलों में बड़ी संख्या में हिंदू सिख तथा अन्य अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थान एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों और घरों को भी नुकसान पहुंचाया गया है। भारत सरकार ने इस बात पर चिंता जताई है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहां की "जब तक वहां पर कानून व्यवस्था की स्थिति सामान्य नहीं हो जाती हमारी गहरी चिंता बनी रहेगी"। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी देश में शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक सत्ता हस्तांतरण का आह्वान किया है।
फोटो - प्रेरणा डायरी के लेखक K. S. Ligree ( केदार लाल ) अपनी पत्नी के साथ।
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