क्या क्या बदलाव करें छात्राएं अपनी दिनचर्या 2025 में, ताकि रहें एकदम फिट।

                 प्रेरणा डायरी ब्लॉग - आपकी खुशहाली


प्रेरणा डायरी 
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 दोस्तों, हम सबकी जिंदगी में नया साल आता है।हर साल एक नया साल आता है। आज 2025 शुरू हो गया यानी 1 जनवरी 2025 का पहला दिन है।आते हैं और निकल जाते है। नए साल के पहले दिन हम बड़े-बड़े संकल्प लेते हैं। अपने आप से बातें करते हैं। इस बार ऐसा करना है, इस बार वैसा करना है। नए साल से इन सबको हम शुरू भी कर देते हैं, लेकिन कुछ महीने बाद ही हमारे सारे संकल्प और सारे वादे धरे रह जाते हैं। कुछ महीने बाद जिंदगी फिर उसी डर्रे पर आ जाती है। इसीलिए कहते हैं कि "नया साल वही हाल"।  सोचा था कि इस बार बदलेंगे,कुछ नया करेंगे। दो दिन कियां, फिर हिम्मत टूट गई। खुन्नस में आकर बोला, छोड़ो यार...! जो होना है वो होने दो। मैं आपकी व्यथा समझता हूं। पर निराश ना हों। आपने जो भी न्यू ईयर रिजॉल्यूशन किया, उसे जारी  रखने का एक सरल उपाय है। जानने के लिए पढ़ते जाइए। पहली बात- आपने निश्चय किया कि मैं इस साल 10 किलो वजन घटाऊंगी। तो दो दिन दिल कड़ा कर सूप, सलाद, फल का सेवन किया। तीसरे दिन जब दाल-रोटी देखी तो रहा ना गया, उस पर टूट पढ़ीं। भाई माउंट एवरेस्ट पर आपको चढ़ना है तो उसके लिए तैयारी जमीन पर शुरू करनी होगी। आप बस इतना सोच लो कि हर महीने मुझे एक अच्छी आदत अपनानी है। आप गलती क्या करती हैं कि सब कुछ एक साथ करने की प्रयास करती है। आप धीरे-धीरे बदलाव लाने का प्रयास करें। 
 अगर हम लड़कियों की बात करें, तो लड़कों के मुकाबले उनकी दिनचर्या और जीवन थोड़ा कठिन होता है। उन्हें आसान कामों और बातों के लिए भी दूसरों पर निर्भर रहना होता है। आजादी भी कम है लड़कियों को... लड़कों के मुकाबले। कई बार तो लड़कियां अपनी शिक्षा से संबंधित जरूरी कामों को भी समय से पूरा नहीं कर पाती हैं, तो स्वास्थ्य के लिए अलग से समय देना उनके लिए थोड़ा मुश्किल होता है। मैं आपको आपके घर के अंदर और आपकी दिनचर्या से संबंधित होने वाले कुछ परिवर्तनों और सुधारो के बारे में बता रहा हूं। आप अपनी रहन-सहन और खान-पान में बदलाव करके नए साल पर एक नई शुरुआत कर सकती हैं। आप इन्हें अपना कर अच्छा फील कर सकती हैं। इन कामों के लिए आपको अतिरिक्त पैसा समय या संसाधन खर्च करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह आपके डेली रूटीन में होने वाले कुछ बदलाव और अच्छे खाने से संबंधित कुछ सुझाव है --

पहली आदत 

हरी सब्जी और फलों का सेवन अधिक करना है। इसे अपने रोज के भजन में अवश्य शामिल करें। हमारी ज्यादातर छात्राओं के शरीर में आयरन की कमी है। शादी के बाद और प्रेगनेंसी के दौरान हर लड़की को आयरन का ट्रीटमेंट देना पड़ता है। मैं आपको यह बेहतर सुझाव देता हूं की हरी सब्जी और फलों को अपने भोजन का आवश्यक अंग बना लें। हरी सब्जियां सस्ती भी होती हैं और हर जगह उपलब्ध होती हैं। छात्राएं हरी सब्जी खाती हैं पर रो धोकर। रोज पालक पुदीना तुलसी के सेवन का सरल उपाय बनाइए -ग्रीन स्मूदी। रेसिपी आपको गूगल पर मिल जाएगी। सुबह चाय पीने के पहले पीजिए। कुछ ही दिन में आपको चस्का लग जाएगा। हरी सब्जियां खनिज, लवण, आयरन, विटामिन, से भरपूर होती हैं और आपको चुस्त दुरुस्त रखने में काफी मददगार होगी। बस कुछ दिन के लिए आपको अपनी जीभ का स्वाद छोड़ना होगा। पालक, मेथी, बथुआ, गजरा, आदि का भरपूर प्रयोग करें।

दूसरी आदत  


चाय में शकर डालना बंद । अगर आप दिन में तीन कप चाय पीती हैं एक चम्मच शकर के साथ तो महीने में औसत 350 ग्राम आपके पेट में गए। सालभर का हिसाब करें तो 4 किलो शकर आपने सिर्फ चाय में ले ली। तो फिर चीनी मुक्त चाय से फायदा तो होना ही होना है। साथी साथी कोशिश करें कि चाय और कॉफी का काम से कम प्रयोग हो।  

तीसरी आदत  

सात्विक स्टाइल से भोजन कीजिए। यानी कि वही दाल सब्जी रोटी मगर तीनों  की मात्रा प्लेट में एक तिहाई होनी चाहिए। दाल और  सब्जी बड़े कटोरे में परोसिए, रोटी की क्वांटिटी कम करें। गेहूं के अलावा नचनी, ज्वार या बाजरे की रोटी भी खाइए। सात्विक भोजन से पेट एकदम हल्का महसूस होगा। छात्राओ को खाने का विशेष तौर पर ख्याल रखना चाहिए। सुबह अंकुरित दालों का सेवन करना चाहिए अगर आप यह काम कर लेते हैं तो यह सबसे उपयुक्त और पौष्टिक नाश्ता है। अंकुरित दालों में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। डॉक्टर भी इसकी सलाह देता है। मेरे कहने से आप मार्केट से एक किलो साबित मुंह 1 किलो मद और 1 किलो चने लेकर आइये। बहुत ज्यादा खर्चा नहीं है। इन तीनों को मिक्स करके एक प्लास्टिक के डब्बे में भर लें। सुबह 7:00 बजे इन्हें बेखुदी और दोपहर बाद इनका पानी निकाल कर एक साफ सूती कपड़े में लपेट कर रख दें। अगले दिन सुबह तक यह सभी हल्के हल्के अंकुरित हो जाएंगे। आप खाने के साथ, या सुबह फ्रेश होने के बाद इनका सेवन कर सकते हैं। अगर आप इन्हें और टेस्टी बनाना चाहते हैं तो इनमें एक प्यास टमाटर एवं हरी मिर्च का टुकड़ा काट लीजिए। ऊपर से थोड़ा सा नींबू डाल लीजिए। आप एक महंगी करके देखिए आपको अपनी बॉडी में एक अलग ही एनर्जी महसूस होगी। आप दिन भर ऊर्जा महसूस करेगी।

 चौथी आदत

 नए साल में शारीरिक सक्रियता को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। नियमित व्यायाम आदि तो अक्सर छात्राएं कर भी लेती हैं, लेकिन घर के छोटे-मोटे कार्यों को करने से कतराती हैं। इसके लिए अपनी हाउस हेल्प या परिवार के अन्य सदस्यों पर निर्भर रहती हैं लेकिन शारीरिक सक्रियता के लिए अपने काम खुद करें। जैसे - अपने कमरे की सफाई अपने कपड़े खुद धोना, भोजन करने के बाद बर्तन उठाना, घर के बुजुर्गों की मदद करना, रसोई में कुछ अच्छा पकाना आदी। जब आपका शरीर सक्रिय रहता है तो दिमाग भी एक्टिव रहता है। घर के कार्यों को स्वयं करने की आदत डालें पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करें। नजदीकी सफर को पैदल चलकर पूरा करें। दिन में थोड़ा बहुत टहलाना और पैदल चलना भी स्वास्थ्य के लिए बेहतर रहता है।  

 पांचवी आदत

 शौक और रुचियां को समय दें।
 एक स्त्री और लड़की दोनों ही अवस्था ऐसी हैं कि औरत के लिए अपनी शोक और रुचियां को समय देने के लिए जो मौका मिलता है ना पर्याप्त समय। साल 2025 में अपने आप से यह वादा करें, की रोज कुछ समय अपने शौक और रुचियां को देंगी। खुशी पाने के लिए रुचियां और शौक को महत्व देना जरूरी है। नई चीज़ सीखने का प्रयास करें और कुछ ऐसा करें जो दूसरे लोगों के काम आए लोग आपसे जुड़ने लगे हैं। अपनी रचनात्मकता को व्यक्त करने के लिए समय निकालो शौक के माध्यम से व्यक्तिगत विकास का आनंद लें। 



अब तन से हम चलते हैं मन की और -

चौथी आदत 


फोन पर फालतू बातें करना बंद कीजिए। कोई आपको अपनी सास की बातें सुना रही है। कोई गर्ल फ्रेंड बॉयफ्रेंड की बात सुन रहा है.
कोई अपने बॉस का गाना गा रहा है। आप शिकायतों के  चक्रव्यूह में ना फंसिए। कुछ और टॉपिक शुरू कीजिए  और अगर अगला ना माने तो कोई बहाना बनाकर  फोन रख दीजिए। अपना 'पीस ऑफ माइंड' सर आंखों पर। पढ़ाई करते वक्त फोन से दूरी बनाकर रखें। सोशल मीडिया पर कम से कम समय बिताए। सोते वक्त फोन का बिल्कुल प्रयोग ना करें यह आपकी नींद की हैबिट को डिस्टर्ब कर देगा। 

 पांचवी आदत 

अपने अंदर गुस्सा हो तो नोटबुक उठाइए और उसमें अपने इमोशंस की उल्टी कर दीजिए। अगर डर है कि कोई पढ़ लेगा तो लिखे हुए पन्ने फाड़कर जला डालिए। फिर भी कुछ बचा खुचा हो तो तेज वाल्यूम पर पंजाबी गाने चलाकर “गुस्सा डांस' कीजिए। ये क्‍या होता है जो करेगा खुद जान जाएगा, सुकून जरूर मिलेगा। गुस्सा करने की आदत आपकी सेहत और पढ़ाई दोनों को बिगाड़ देगा। मुस्कुराने की आदत डालिए. और गुस्से की प्रवृत्ति को बाय-बाय कर दीजिए।

छटवीं आदत 

 फोन ब्रत। इसका मतलब ये कि  दिन में चार घंटे ऐसे हों जिसमें आप अपनी फोन की तरफ बिल्कुल ना देखें। सबको इन्फॉर्म कर दो कि 12 से 4 के बीच मैं अवेलेबल नहीं हूं। दो चार दिन मन मचलेगा, फिर आप सेटल हो जाएंगी। शांति मिलेगी, आराम मिलेगा, चिड़ियों की आवाज और बच्चों की किलकिलाहट सुनाई देगी। मोबाइल में व्यर्थ समय गवाने के बजाय अपनी रुचियां को समय दें। 

               प्रेरणा डायरी - आपकी सहेली 


बताइए : एक महीने में एक आदत जोड़ना कोई मे मुश्किल काम है क्या..? आप कर सकती हैं। जब एक आदत पक्‍की हो जाए, उस पर एक और बैठाएं। इसे कहते हैं 'हेबिट स्टेकिंग'। ऊंची बिल्डिंग बनती है ईंट के ऊपर ईंट रखकर। छह महीने. बाद आप पाएंगे कि मैं पहली मंजिल पर पहुंच गई। फिर दूसरी। फिर तीसरी। और यहां से दुनिया कुछ अलग दिख रही है। आपकी जिंदगी में नए बदलाव नजर आएंगे। आप औरों से अलग दिखेंगे। आपका व्यक्तित्व खूबसूरत बन जाएगा और आपकी जिंदगी निखरने लगेगी। 

मेहनत जो की है, रंग ला रही है। रग रग में ऊर्जा आ रही है। क्योंकि अब वश में हैं तन और मन। हर दम नहीं मांगता ईजी फन। अपने आप से संघर्ष जो किया। उस इंवेस्टमेंट ने बढ़िया रिटर्न दिया। एक दिन आप पहुंचेगी अपने गोल पर। कोई पूछे तो बताना दिल खोलकर। जो मैंने किया आप कर सकती हैं। क्योंकि अंदर अपार शक्ति है। | 

तो ये आदत पर आदत वाला नुस्खा जरूर अपनाइए। कौन सी आदत चुनी, मुझे ईमेल पर बताइए। महीने के अंत में प्रोग्रेस रिपोर्ट दीजिएगा। खुद के साथ चीटिंग ना कीजिएगा। -mva एक अपनी कोई सहेली या साथी चुन लीजिए। थोड़ा एक दूसरे को मोरल सपोर्ट कीजिए। जब तक 2025 आएगा। आपका ट्रांसफॉर्मेशन हो जाएगा। 

माउंट एवरेस्ट को देखकर ख्याल आएगा। अरे मुश्किल नहीं, हो जाएगा। सबको स्वास्थ्य और शांति, जब हो आदतों की क्रांति। 



ब्लॉग नाम - प्रेरणा डायरी ( ब्लॉग )
वेबसाइट - prernadayari.com
केदार लाल - चीफ एडिटर प्रेरणा डायरी ब्लॉग।

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