संदेश

लोक परीक्षा विधेयक 2024, अब परीक्षा में गड़बड़ी पर 10 साल कि जेल और 1 करोड़ जुर्माना।

चित्र
  script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-4543233482420494"      crossorigin="anonymous"></script> प्रेरणा डायरी।  प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक और अन्य धांधली करने वालों की अब खैर नहीं। सरकार ने इन परीक्षाओं में गड़बड़ी से शक्ति से निपटने के प्रावधान वाले लोग परीक्षा विधायक 2024 को लोकसभा में पेश किया। ( अनुचित साधनों का निवारण विधेयक 2024 ) विधेयक में परीक्षाओं में गड़बड़ी के अपराध के लिए अधिकतम 10 साल की जय और एक करोड रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। मंत्रिमंडल ने भी हाल ही में इस विधेयक को मंजूरी दे दी है। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने विधेयक लोकसभा में पेश किया इसके प्रावधानों के मुताबिक प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी पर विद्यार्थियों को निशाना  नहीं बनाया जाएगा। संगठित अपराध माफिया और साथ गांठ में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी. यह एक बड़ा और केंद्रीय कानून होगा। संयुक्त प्रवेश परीक्षाएं एवं केंद्रीय विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाएं भी इस कान...

राजस्थान कि सड़को कि प्रेरणा दायक कहानी, अमरीका के बराबर होंगे राजस्थान के नेशनल हाईवे.

चित्र
<script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-4543233482420494"      crossorigin="anonymous"></script>   प्रेरणा डायरी  केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि इस साल के अंत तक राजस्थान के हाईवे अमेरिका के बराबर हो जाएंगे। सरकार राजस्थान में 60000 करोड़ के एक्सप्रेस हाईवे बना रही है। यह राजस्थान ke विकास के इतिहास की एक प्रेरणादायक कहानी बन जाएगी। क्योंकि इससे राजस्थान का अभूतपूर्व विकास होगा। जयपुर दिल्ली के बीच तो हाईवे के किनारे केवल बेचकर इलेक्ट्रॉनिक बसें चलाई जाएगी। यह एक बेहतरीन और अलग तरह का विकास प्रोग्राम होगा। जो राजस्थान के विकास के लिए अन्य क्षेत्रों को भी प्रेरणा देगा। तीन डब्बे जोड़कर ट्रेन जैसी बसें चलाई जाएगी। और इनमें भी उच्च श्रेणी की बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध रहेगी।  बेहतरीन विकास परक प्रोजेक्ट ---  केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी उदयपुर के एक कार्यक्रम में कई बड़ी प्रोजेक्ट की घोषणा की और कई ऐतिहासिक प्रोजेक्ट ओं का उद्घाटन किया। नितिन गडकर...

क्या होती है सकारात्मक सोच... छात्रों के लिए सकारात्मक सोच विकसित करने के जबर्दस्त उपाय। 2024 ।

चित्र
 दोस्तों जब भी विचार व्यक्त करने की  या सोचने - समझने की बात होती है तब मनुष्य का नाम सबसे पहले लिया जाता है l क्युकी ईस्वर् ने अच्छा बुरा सोचकर फैंसला लेने की शक्ति मनुष्य को प्रधान की है l मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो positive विचारों   के साथ अपना और दूसरो का कल्याण करने मे महती योगदान दे सकता है l सकारात्मक सोच एक इंसान को ऊर्जा देकर बेहतर जीवन जीने के लिए तयार करती है l soch के आधार पर मनुष्य को दो वर्गो मे विभाजीत् किया गया है l             सकारात्मक रहिये... और बनाईये अपनी जिन्दगी                                           खुशहाल।।  1.  सकरात्मक सोच वाले व्यक्ति l  2. नकारात्मक सोच वाले व्यक्तिl कई प्रशिक्षकों ने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में आशावाद और सकारात्मक सोच की भूमिका पर ध्यान दिया है। यह हमेशा स्पष्ट नहीं होता कि पहले क्या होता है: उपलब्धि या ये लाभ। लेकिन चाहत बने रहने का कोई नकारात्मक अधिकारी ...

कैसी होगी 2025 में भारतीय इकोनॉमी।

चित्र
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-4543233482420494"      crossorigin="anonymous"></script> प्रेरणा डायरी ब्लॉग - "सफलता कि और एक कदम " Tudawali, karauli, Rajasthan, - 321610 प्रेरणा डायरी की तरफ से  आप सब को नये साल की हार्दिक शुभकामनाएँ। 2024 आप सब के जीवन में सफ़लता, तरक्की और खुशियों कि सौगात लेकर आये। 2024 में आपके अधूरे सपने पूरे हो, और आपको एक नई पहचान मिले। प्रेरणा डायरी आपके लिए  भगवान् से यही दुआ मांगती है। नये साल की इस पहली पोस्ट में, आईये जानते हैं कि ... कैसी रहेगी 2024 में भारतीय इकॉनॉमी..???  ---   प्राचीन यूनान में चिंतक पहेलियां बुझाते रहते थे, जिनसे कई दार्शनिक सिद्धांतों की पारी शुरू हुई। मसलन एक चिंतक बोला, मैं हमेशा झूठ बोलता हूं। अब बताओ मैं सच बोल रहा हा झूठ? बड़ी दुविधा! यदि यह व्यक्ति सच बोल रहा है तो बयान गलत है कि वह हमेशा झूठ बोलता है। लेकिन अगर उसका बयान झूठ है तो इसका मतलब है वह कभी-कभी सच बोलता है और यह निष्कर्ष उसके बयान का खंडन है। ग्...

लड़कियों ( महिलाओं) का आत्म विश्वास जगाने वाला वर्ष होगा 2024 ।

चित्र
महिला अंतरिक्ष में महिला--    परिचय समाज ने हमेशा स्त्री को कमज़ोर समझा है। रूढ़िवादी विचारधारा ने स्त्री को हमेशा घर में रहने की सलाह दी है। जब देश-दुनिया ने तरक्की करी और आम आदमी के हाथ संसाधन आए तो स्त्रियों को भी बाहर निकलने का और अपने विकास का मौका तो मिला, पर उनको बता दिया गया कि कोमलता, सुंदरता, और लज्जा उनका आभूषण है। दुनिया में बाहर निकल कर काम करना, सामाजिक उद्योगों में भाग लेना, यह सब आज भी अधिकतर महिलाओं के लिए सपना ही है। और जिन महिलाओं को ऐसे अवसर प्राप्त भी हुए हैं, उनकों भी सदियों पुरानी कमज़ोरी ने मानसिक रूप से जकड़ा हुआ है। यह कोर्स एक कोशिश है आज की स्त्री को उसकी असली ताकत और असली संभावना याद दिलाने की।  हू 2024 का आगाज हो चुका है। बीता वर्ष एक अमिट कहानी लिखकर गया है। चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण ने भारत का मस्तक विश्व पटल पर ऊंचा कर दिया। बीते वर्ष ने उस मिथक को भी एक बार फिर से ध्वस्त कर दिया कि भारतीय महिलाएं विज्ञान के क्षेत्र में कमतर हैं। नया वर्ष कैसा होगा, भविष्य के गर्भ में छुपे इस प्रश्न के उत्तर का प्रारूप 2023 लिख गया है। अतीत के पन...

क्या चुनावों में बढ़ रही हैं भारतीय नारी की शक्ति..?

चित्र
दोस्तों नमस्कार।    प्रेरणा डायरी  (Motivation Dayri)  के आज के इस अर्टिकल् में हम विश्लेसंन करेंगे हाल ही में हुए 5 राज्यों -- राजस्थान, मध्य प्रदेश, छतीशगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के चुनाव परिणामों कि। इन पांचो राज्यों के चुनाव को  महिला मतदाताओं  के नजरिये से देखने का प्रयाश करते हैं। चुनाव में  नारी शक्ति कि बढ़ती ताकत किस राजनीतिक दल को फायदा पहुॅचा रही है,और किसको नुकसान।  फ़िल्हाल सबसे संतोषजनक बात ये है कि, भारत कि लगभग आधी आबादी ( महिला) मतदान में अपनी हिसेदारी बढ़ा रही है, स्वतंत्र निर्णय ले रही है, अपने आप को ससक्त बना रही है।  पर विधान सभा और संसद में भी ऐसी ही तस्वीर उभरकर आये, तब बात नहले पर दहले वाली हो।  राजनीति   के कई कोण होते हैं। इसलिए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों का  विभिन्न कोणों से विश्लेषण आगे भी जारी रह सकता है, लेकिन खासकर मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा की प्रचंड जीत में आधी  आबादी की निर्णायक भूमिका मानी जा रही है। यह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से लेकर विभ...